Bihar Politics: बिहार में NDA में सीट शेयरिंग आ गई सामने, अब आगे क्या करेंगे पशुपति पारस, मुकेश सहनी और उपेंद्र कुशवाहा?

पटना, BNM News: Bihar Politics: बिहार  में भारतीय जनता पार्टी 17 सीटों पर, जनता दल यूनाईटेड 16 सीटों पर और लोक जनशक्ति पार्टी पांच सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट दिया गया है। वहीं पशुपतिनाथ पारस (Pashupati Paras) को बीजेपी ने एक भी सीट न देकर लोकसभा चुनाव से बेदखल कर दिया है। ऐसी खबर आ रही है कि पारस नाराज होकर अब महागठबंधन का दामन थाम सकते हैं और राजद उन्हें तीन टिकट देकर चुनावी गठबंधन का हिस्सा बना सकती है। लंबे समय से दिल्ली में अपनी पार्टी के लिए टिकट मांग रहे उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के लिए भी एनडीए में स्थितियां सही नहीं है। उपेन्द्र कुशवाहा तीन की जगह दो टिकट कम से कम चाह रहे थे, लेकिन एक ही टिकट दिए जाने के बाद से उपेन्द्र कुशवाहा भी खासे नाराज हैं।

महागठबंधन दे सकती है तीन सीटें

पारस को स्वागत करने के लिए लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तैयार है। आरजेडी उन्हें तीन सीटें देने को लेकर भी मन बना चुकी है। ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि पशुपतिनाथ पारस मोदी सरकार से नाता तोड़कर लालू प्रसाद के साथ जा सकते हैं और आने वाले लोकसभा चुनाव में हाजीपुर से उम्मीदवार बनकर सीधा चिराग पासवान को पटखनी देने का मन बना चुके हैं।

नया दांव चलने की फिराक में लालू यादव

दरअसल, लड़ाई असली लोजपा की थी और चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने एनडीए में अपनी बात मनवा कर साबित कर दिया कि बीजेपी दिवंगत नेता रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की बारिस के तौर पर चिराग पासवान को ही नेता मानती है। जाहिर है कि ऐसा महागठबंधन में राजद भी मानता है, लेकिन चुनावी रणनीति और कुछ सीटों पर जातिगत गणित को साधने के लिए लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) नया दांव चलने के फिराक में हैं। लालू प्रसाद चाहते हैं कि हाजीपुर में चिराग पासवान के खिलाफ नामचीन उम्मीदवार पारस हो सकते हैं, वहीं राजद के समर्थकों के वोटों की मदद से चिराग पासवान को हाजीपुर (Hajipur Seat) में घेरा जा सकता है। लालू प्रसाद हाजीपुर ही नहीं बल्कि नवादा और कुछ अन्य सीटों पर भी पशुपतिनाथ पारस के गुट के सांसदों को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारने के पक्षधर हैं।

सूरजभान के परिवार से भी टिकट

सूरजभान सिंह असली एलजेपी में रामविलास पासवान के करीबी माने जाते थे। पासवान के निधन के बाद सूरजभान सिंह पर चिराग पासवान का भरोसा कहीं ज्यादा था, लेकिन एलजेपी में टूट के बाद सूरजभान सिंह का बदला रवैया चिराग के लिए हैरान करने वाला था। सूत्रों के मुताबिक असली एलजेपी में टूट को लेकर चिराग जितने नाराज अपने चाचा पारस से हैं, उससे कहीं ज्यादा सूरजभान सिंह से भी हैं। ऐसे में सूरजभान सिंह के भाई चंदन सिंह के लिए भी चिराग पासवान ने अपनी पार्टी का दरवाजा बंद कर लिया है।

भूमिहार वोटों में सेंधमारी

 

लालू प्रसाद का कैंप भूमिहार बाहुल्य नवादा सीट से सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh) के भाई या पत्नी को टिकट ऑफर कर सकते हैं। माना जा रहा है कि एनडीए में कैबिनेट विस्तार के बाद भूमिहार समाज में उपजी नाराजगी को सूरजभान सिंह के परिवार को टिकट देकर राजद भूमिहारों में सेंधमारी की सोच रही है। आरजेडी मान रही है कि विश्वास प्रस्ताव के दरमियान भूमिहार बाहुबली नेता अनंत सिंह की पत्नी द्वारा पाला बदले जाने के बाद सूरजभान सिंह पर दांव खेलना भूमिहारों में सकारात्मक संदेश भेज सकता है, इसलिए आरजेडी को लेकर भूमिहार समाज में सकारात्मक छवि बन सकती है। जाहिर है कि सूरजभान एनडीए द्वारा पारस गुट को एक भी टिकट नहीं दिए जाने पर अब महागठबंधन का रुख कर सकते हैं। ऐसे में इसका लाभ आरजेडी नवादा के अलावा जहानाबाद में भी मिल सकता है।

उपेन्द्र कुशवाहा भी नाराज

एनडीए में बड़ा झटका उपेन्द्र कुशवाहा को लगा है। उन्हें तीन सीटों की उम्मीद नीतीश कुमार के एनडीए में आने से पहले दी गई थी। लेकिन नीतीश के एनडीए में आने के बाद उन्हें एक सीट पर समेट दिया गया है।जाहिर है तीन से एक सीट पर सिमट चुके कुशवाहा के लिए एक सीट पर संतोष करना नागवार है, लेकिन एनडीए को छोड़कर आरजेडी में शामिल होना उनके लिए आसान नहीं रहने वाला है। कुशवाहा के एक सहयोगी के मुताबिक बीजेपी का रवैया जेडीयू में शामिल होने के बाद काफी बदल गया था। वहीं चिराग को पांच सीट देकर ज्यादा तवज्जो देना हमारी पार्टी के लिए निराशाजनक है, लेकिन पार्टी के लिए पाला बदलना आसान नहीं होगा। जाहिर है आरजेडी उपेन्द्र कुशवाहा को भी स्वागत करने के लिए इशारे दे रही है, लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए छोड़कर आरजेडी गठबंधन में शामिल होंगे इसकी गुंजाइश नहीं ही है।

मुकेश सहनी लौटे खाली हाथ

मुकेश सहनी को एनडीए ने साफ खारिज कर दिया है। मुकेश साहनी (Mukesh Sahni) निषाद समाज के लिए एससी कोटे में आरक्षण की मांग कर रहे थे, वहीं अपनी पार्टी के लिए दो सीटों की मांग पर अड़े थे। खबरों के मुताबिक मुकेश साहनी को लेकर राजद भी उत्साहित नहीं है। राजद मानती है कि सहनी वोटों का ट्रांसफर राजद की तरफ नहीं होता है। वहीं निषाद समाज आमतौर पर बीजेपी का वोटर है। जाहिर है बीजेपी ने हरी सहनी को बिहार में मंत्री बनाकर मुकेश साहनी का काट ढ़ूंढ लिया है। वहीं जेडीयू ने भी अपने कोटे से मदन साहनी को मंत्री बना दिया है। ऐसे में राजद मुकेश सहनी को सीट ऑफर करती है तो एक से ज्यादा नहीं करने वाली है।

 

 

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