कूनो नेशनल पार्क में 3 शावकों का जन्म, मादा चीता आशा की वजह से मिली खुशखबरी
श्योपुर (Madhya Pradesh), BNM News: नए साल में देश को कूनो नेशनल पार्क से खुशखबरी मिली है। यहां मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इससे पहले मादा चीता ज्वाला (पहले नाम सियाया) ने 24 मार्च, 2023 को चार शावकों को जन्म दिया था। इनमें से तीन की मौत हो गई थी। एक जीवित व पूर्णत: स्वस्थ है।
भूपेंद्र यादव ने दी बधाई
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शावकों के फोटो व वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए देश के महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट के लिए बड़ी सफलता बताया। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कूनो नेशनल पार्क ने तीन नए चीता सदस्यों का स्वागत किया है। शावकों का जन्म नामीबियाई चीता आशा से हुआ है। परियोजना में शामिल सभी विशेषज्ञों, कूनो के वन्य जीव अधिकारियों और देशभर के वन्य जीव उत्साही लोगों को मेरी ओर से बहुत-बहुत बधाई। 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाई गई इस चीता को पीएम मोदी ने ही क्वारंटाइन बाड़े में छोड़कर आशा नाम दिया था। सबसे उम्रदराज होने के कारण इससे ही भारत में शावकों के जन्म की संभावना सबसे प्रबल थी।
26 दिसंबर, 2023 को इन शावकों को जन्म दिया
चीतों का गर्भकाल करीब 90 दिनों का होता है। आशा चीता के गर्भवती होने की बात कई बार सामने आई थी, मगर कूनो प्रबंधन ने कभी भी इसकी पुष्टि नहीं की थी। अधिकारियों के अनुसार आशा ने संभवत: 26 दिसंबर, 2023 को इन शावकों को जन्म दिया है, क्योंकि अब उनकी आंख भी खुल गई है। आंख खुलने में एक सप्ताह का समय लगता है। आशा अभी बड़े बाड़े में बंद है।
कूनो पार्क में 14 चीते और 4 शावक हैं
बता दें कि ज्वाला द्वारा चार शावकों के जन्म देने की जानकारी भी 3 दिन बाद सार्वजनिक की गई थी। इनमें से 3 शावकों की हीट वेव के चलते मौत हो गई थी। कूनो में अब 14 चीते, चार शावक चीता प्रोजेक्ट में पहले चरण में 8 चीते नामीबिया से और दूसरे चरण में 18 फरवरी, 2023 को 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। इनमें से 6 की मौत हो गई। इसके अलावा अब 4 शावक हो गए हैं। इस तरह पार्क में 14 चीते और 4 शावक हैं। दो चीते जंगल में व शेष बाड़े में हैं।