कैथल में निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की प्रत्याशियों की सूची, जातीय समीकरण और कार्यकर्ताओं पर दिया जोर
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नरेन्द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लंबे इंतजार के बाद आगामी निकाय चुनावों के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। पार्टी ने इस बार टिकट आवंटन में दो मुख्य बातों पर जोर दिया है: संगठन में सक्रिय रूप से काम कर रहे कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देना और जातीय समीकरणों को साधने का प्रयास करना। कैथल जिले में कलायत, पूंडरी और सीवन में नगर पालिका के चुनाव होने जा रहे हैं, और पार्टी ने इन तीनों सीटों पर अपनी रणनीति के तहत प्रत्याशियों का चयन किया है।
कलायत
कलायत नगर पालिका में, जहां राजपूत समुदाय का बाहुल्य है, भाजपा ने पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता मैनपाल राणा को चेयरमैन पद के लिए मैदान में उतारा है। यह सीट राजपूत बहुल होने के कारण, टिकट के लिए दावेदारी भी राजपूत समुदाय के नेताओं के बीच ही केंद्रित थी। मैनपाल राणा, जो लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और उनकी पत्नी पहले नगर पालिका की प्रधान रह चुकी हैं, को पार्टी ने इस महत्वपूर्ण सीट पर उतारा है। यह स्पष्ट रूप से संगठन के प्रति निष्ठावान कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत करने की भाजपा की नीति को दर्शाता है। कलायत में, जहां पहली बार सीधे तौर पर नगर पालिका प्रधान का चुनाव होने जा रहा है, वहां भाजपा की रणनीति काफी महत्वपूर्ण है। पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर ने विश्वास व्यक्त किया है कि भाजपा के प्रत्याशी इन चुनावों में जीत का परचम फहराएंगे।
पूंडरी
पूंडरी नगर पालिका की सीट बीसी-बी महिला के लिए आरक्षित है। यहाँ सैनी समुदाय की अच्छी खासी आबादी है, जिसके कारण भाजपा ने सैनी समाज की ममता सैनी को टिकट दिया है। पूंडरी में, टिकट के लिए दावेदारी भी सैनी समुदाय से ही आई थी, जिससे यह लगभग तय था कि टिकट इसी समुदाय के उम्मीदवार को मिलेगा। ममता सैनी के ससुर, रोशन सैनी, मुख्यमंत्री नायब सैनी के करीबी माने जाते हैं। रोशन सैनी का रसूख टिकट दिलाने में कारगर साबित हुआ, भले ही वे पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं रखते थे। ममता सैनी ने टिकट के लिए आवेदन किया था, हालांकि बाद में उनकी सक्रियता कम हो गई थी। उन्होंने बीसीए तक शिक्षा प्राप्त की है। यह चयन जातीय समीकरणों को साधने के भाजपा के प्रयास का एक उदाहरण है, साथ ही यह भी दिखाता है कि पार्टी स्थानीय समीकरणों को कितना महत्व देती है।
सीवन
सीवन में, जहाँ पहली बार निकाय चुनाव होने जा रहे हैं, भाजपा ने जिला उपाध्यक्ष शैली मुंजाल को महिला आरक्षित सीट पर मैदान में उतारा है। शैली पंजाबी समुदाय से आती हैं। सीवन में पंजाबी समुदाय से कई दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने शैली मुंजाल को चुना। शैली लंबे समय से जिला संगठन में सक्रिय रही हैं और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हैं। वे सीवन ब्लॉक समिति के चेयरपर्सन पद के लिए चुनाव भी लड़ चुकी हैं। उनके पति, विक्रम मुंजाल, भी भाजपा में आईटी सेल से जुड़े रहे हैं। इस बार टिकट की दौड़ में आईटी सेल के जिला प्रधान बलविंदर जांगड़ा की पत्नी भी शामिल थीं, लेकिन पार्टी ने शैली मुंजाल को तरजीह दी। शैली मुंजाल एमए बीएड हैं। यह चयन संगठन में सक्रिय कार्यकर्ताओं को बढ़ावा देने की भाजपा की नीति को दर्शाता है।
प्रत्याशियों की पृष्ठभूमि और समीकरण
भाजपा ने इन तीनों नगर पालिकाओं में अपने प्रत्याशियों का चयन करते समय उनकी पृष्ठभूमि, राजनीतिक अनुभव और स्थानीय समीकरणों पर विशेष ध्यान दिया है। पार्टी का उद्देश्य है कि वह ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारे जो न केवल चुनाव जीतने की क्षमता रखते हों, बल्कि स्थानीय जनता के साथ मजबूत संबंध भी रखते हों।
कलायत: राजपूत मतदाताओं को लुभाने की कोशिश
कलायत में, मैनपाल राणा को टिकट देकर भाजपा ने राजपूत समुदाय के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है। राणा की पत्नी पहले ही नगर पालिका की प्रधान रह चुकी हैं, जिससे उनका स्थानीय स्तर पर अच्छा प्रभाव है। भाजपा का मानना है कि राणा, जिन्होंने पार्टी के लिए लंबे समय से काम किया है, इस सीट पर पार्टी की जीत सुनिश्चित कर सकते हैं। कलायत में, भाजपा के लिए यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहली बार है जब सीधे तौर पर नपा प्रधान का चुनाव हो रहा है।
पूंडरी: जातीय समीकरणों का ध्यान
पूंडरी में, भाजपा ने ममता सैनी को टिकट देकर जातीय समीकरणों को साधने का प्रयास किया है। सैनी समुदाय की बहुलता को देखते हुए, पार्टी ने इस समुदाय की उम्मीदवार को चुना है। ममता सैनी के ससुर, रोशन सैनी, मुख्यमंत्री नायब सैनी के करीबी हैं, जिससे उन्हें पार्टी में समर्थन प्राप्त हुआ। यह दिखाता है कि भाजपा स्थानीय स्तर पर जातीय समीकरणों को कितनी गंभीरता से लेती है।
सीवन: कार्यकर्ताओं को मौका
सीवन में शैली मुंजाल को टिकट देकर भाजपा ने संगठन में सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका दिया है। शैली लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रही हैं और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हैं। उनके पति भी पार्टी से जुड़े रहे हैं। यह दिखाता है कि भाजपा अपने समर्पित कार्यकर्ताओं को पहचानती है और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देती है।
टिकट आवंटन: एक नजर
कलायत: मैनपाल राणा (राजपूत)
पूंडरी: ममता सैनी (बीसी-बी महिला)
सीवन: शैली मुंजाल (महिला, पंजाबी)
दावेदारों को साधने की चुनौती
भाजपा के पास इन तीनों नगर पालिकाओं के लिए कुल 34 दावेदार थे, जिनमें पार्टी के पदाधिकारी और पुराने कार्यकर्ता शामिल थे। टिकट पाने वाले उम्मीदवारों के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वे चुनाव में अन्य दावेदारों को साथ लेकर चलें। पार्टी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनाव में पार्टी की जीत के लिए काम करें।
पार्टी की रणनीति
भाजपा की रणनीति में कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देना और जातीय समीकरणों को साधने के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। पार्टी का मानना है कि इन तीनों नगर पालिकाओं में वह अपनी जीत सुनिश्चित कर सकती है, यदि वह सही उम्मीदवारों का चयन करे और मतदाताओं के साथ मजबूत संबंध स्थापित करे। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर ने कहा कि निगम, परिषद व पालिकाओं में पार्टी प्रत्याशी जीत का परचम फहराएंगे, जिससे पार्टी का आत्मविश्वास झलकता है।
चुनाव की तैयारी
भाजपा ने चुनाव की तैयारी के लिए एक मजबूत रणनीति बनाई है। पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार के लिए प्रेरित कर रही है और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है। पार्टी का मानना है कि स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके वह मतदाताओं का विश्वास जीत सकती है और चुनाव में सफलता प्राप्त कर सकती है।
जातीय समीकरणों को ध्यान में रखा
भाजपा ने निकाय चुनावों के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी करते समय संगठन में काम कर रहे कार्यकर्ताओं और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखा है। पार्टी ने कलायत में राजपूत समुदाय, पूंडरी में सैनी समुदाय और सीवन में पंजाबी समुदाय के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है। पार्टी का मानना है कि वह इन चुनावों में जीत हासिल कर सकती है, बशर्ते उसके प्रत्याशी एकजुट होकर काम करें और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें। इन चुनावों में भाजपा की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह अपने कार्यकर्ताओं को कैसे साथ रखती है और मतदाताओं को कैसे आकर्षित करती है।