कैडिला फार्मा के सीएमडी पर बुल्गारियन युवती से दुष्कर्म का आरोप, युवती ने विदेश से लौटकर पुलिस जांच पर उठाए सवाल
अहमदाबाद, BNM News। कैडिला फार्मा के सीएमडी राजीव मोदी पर बुल्गारियन युवती से दुष्कर्म के आरोप को लेकर पुलिस जहां समरी रिपोर्ट भरकर क्लीन चिट देने की तैयारी में है। वहीं पीड़िता ने विदेश से लौटकर पुलिस कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया। इसमें इंटीमेट मसाज के वीडियो हैं। इसके बावजूद वह इस मामले में सबूत नहीं होने की बात कर आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है। इस मामले में सामने आया है कि एक गवाह की हाल ही में ब्रिटेन में संदिग्ध तरीके से मौत हो चुकी है।
हवाई यात्रा के दौरान युवती से दुष्कर्म करने व सेक्सी कमेंट करने का आरोप
गुजरात की नामी फार्मा कंपनी में बतौर फ्लाइट अटेंडेंट 27 वर्षीय पीड़िता ने फ्लाइट अटेंडेंट के रूप में नवंबर 2022 में काम शुरू किया था। इसके बाद उस बुल्गारियाई महिला को कैडिला फार्मा के सीएमडी के लिए निजी सहायक के रूप में काम करने के लिए नियुक्त किया गया था। इस दौरान वह एसजी हार्इवे छारोडी में कंपनी के अधिकृत आवास पर ठहरी। पीड़िता का आरोप है कि फरवरी 2023 में कैडिला के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राजीव मोदी एवं उनके एचआर हेड जॉनसन मैथ्यू ने हवाई यात्रा के दौरान उसके साथ यौन उत्पीड़न और रेप करने का आरोप लगाया। महिला ने बताया कि शिकायत करने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। पुलिस ने पीड़िता पर बयान दर्ज नहीं कराने के आरोप लगाते हुए इस मामले में समरी रिपोर्ट भरकर आरोपी को क्लीन चिट की तैयारी कर ली। इसी बीच पीड़िता विदेश से लौट आई और पुलिस पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया। पीडिता का कहना है कि पुलिस की ओर से उसे मिले एक समन में सबूत नहीं होने की बात कही गई है जबकि उनकी ओर से पुलिस को इसके पूरे दस्तावेज व वीडियो दिये गये हैं।
पुलिस ने गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए
पीड़िता व उनके वकील राजेश मिश्रा का दावा है कि पुलिस के कब्जे में इंटीमेट मसाज के वीडियो होने के बावजूद वह सबूत होने से इनकार कर रही है। उसका यह भी आरोप है कि पुलिस को जिन गवाहों के नाम दिये गये, उनके बयान ही दर्ज नहीं हुए। बाद में आए कर्मचारियों के बयान लेकर पुलिस मामले को रफा दफा करने का प्रयास कर रही है। इससे पहले महिला पुलिस थाने की एसीपी हिमाला जोशी पर भी ऐसे ही आरोप लगे थे, इस मामले में अहमदाबाद पुलिस आयुक्त ने विभागीय जांच के आदेश दिये हैं।
मामले में ठीक से जांच नहीं कर रही पुलिस
पीड़ित पक्ष का कहना है कि मुख्य न्यायिक दंडनायक सीजेएम कोर्ट मिर्जापुर में सीआरपीसी 164 के तहत बयान दर्ज होने के बावजूद पुलिस इस मामले में समरी रिपोर्ट भरकर केस को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। पीड़िता का कहना है कि सबूत तलाश करना पुलिस का काम है। पुलिस इस मामले में ठीक से जांच नहीं कर रही है। बुल्गारियन युवती का कहना है कि उसे भारतीय न्याय व्यवस्था पर भरोसा है तथा वह इस मामले में कोई समझौता नहीं करने वाली, बस न्याय चाहिए। शिकायत के बाद पीड़िता के विदेश जाने के पुलिस के दावे पर उसने बताया कि वह जिनेवा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी एक वाद दायर कर रही है, ताकि उसकी व उसके परिवार की सुरक्षा हो सके। वकील राजेश मिश्रा का कहना है कि पीड़िता की मां को भारत से कॉल कर धमकाने का प्रयास किया गया। गौरतलब है कि 23 जनवरी से 26 फरवरी तक पीड़िता पुलिस के संपर्क में नहीं थी, लेकिन 27 फरवरी को अपने वकील के साथ गुजरात हाईकोर्ट परिसर में मौजूद रहकर उसने न्याय के लिए लड़ते रहने की बात कही।
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