दिल्ली की शराब पॉलिसी बदलने से 2000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान, CAG की रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में शराब नीति पर CAG रिपोर्ट पेश की गई। दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने रिपोर्ट सदन में रखी। LG वीके सक्सेना ने कहा कि पिछली सरकार ने इस रिपोर्ट को रोककर रखा था। इसे सदन में नहीं रखा। उन्होंने संविधान का खुलेआम उल्लंघन किया।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2000 करोड़ का घाटा हुआ। पॉलिसी कमजोर थी और लाइसेंस प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई। एक्सपर्ट पैनल ने पॉलिस में कुछ बदलाव के सुझाव दिए थे, जिन्हें तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया।

विधानसभा में पेश की गई इस रिपोर्ट से पता चला है कि दिल्ली की शराब पॉलिसी बदलने से 2,002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

शराब घोटाले को लेकर CAG की रिपोर्ट में क्या-क्या है?
– आम आदमी पार्टी सरकार की नई शराब नीति से लगभग 2,002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
– गलत फैसलों की वजह से दिल्ली सरकार को भारी नुकसान हुआ है।
– जोनल लाइसेंस जारी करने में छूट देने से लगभग 940 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
– रिटेंडर प्रक्रिया से 890 करोड़ रुपये का नुकसान।
– कोविड-19 प्रतिबंधों की वजह से 28 दिसंबर 2021 से 27 जनवरी 2022 तक शराब कारोबारियों को लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ की छूट दी गई।
– सिक्योरिटी डिपॉजिट सही से इकट्ठा नहीं करने से 27 करोड़ रुपये का नुकसान।
– कुछ खुदरा विक्रेताओं ने शराब नीति खत्म होने तक लाइसेंस का इस्तेमाल करते रहे लेकिन कुछ ने इन्हें समय से पहले ही सौंप दिया।

नई शराब नीति से सरकार को हुआ करोड़ों का घाटा

नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को करीब 2000 हजार करोड़ का घाटा लगा। नई शराब नीति में पहले के एक व्यक्ति को एक लाइसेंस मिलता था। लेकिन नई नीति में एक शख्स को दो दर्जन से ज्यादा लाइसेंस ले सकता था। पहले दिल्ली में 60 फीसदी शराब की बिक्री 4 सरकारी कॉर्पोरेशन से होती थी। लेकिन नई शराब नीति में कोई भी निजी कंपनी रिटेल लाइसेंस ले सकती है। शराब बिक्री का कमीशन 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया।

नई शराब नीति में पुरानी सरकार ने किए कई उल्लंघन

कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि थोक का लाइसेंस शराब वितरक और शराब निर्माता कंपनियों को भी दे दिया गया, जो कि उल्लंघन था। नीति में कोई भी निजी कंपनी रिटेल लाइसेंस ले सकती है। लाइसेंस देने से पहले आर्थिक या आपराधिक कोई जांच नहीं की गई। लिक्वर जाइन के लिए 100 करोड़ के निवेश की जरूरत होती थी। लेकिन नई पॉलिसी में इसे खत्म कर दिया गया। कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि शराब लाइसेंस देने में राजनीतिक दखल और भाई भतीजा वाद हुआ।

कैग रिपोर्ट पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की टिप्पणी

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कैग रिपोर्ट को लेकर कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट को लेकर बेहद गंभीर टिप्पणी की थी। कैग रिपोर्ट को पेश करने में लापरवाही बरती गई थी।कैग रिपोर्ट को पिछली सरकार ने जानबूझ कर रोके रखा था। उपराज्यपाल के पास समय रहते रिपोर्ट को नहीं  भेजा गया था। आज एक रिपोर्ट पेश की गई है। रिपोर्ट कई हैं। मैं चाहता हूं कि हर विभाग की कैग रिपोर्ट को पेश किया जाए।

विधानसभा में चर्चा के दौरान क्या बोले अरविंदर सिंह लवली

विधानसभा में बोलते हुए भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मैं लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी का भी हिस्सा रहा हूं। मैं दिल्ली सरकार का भी मंत्री रहा हूं। भगत सिंह ने क्या यह कहा था कि शराब घोटाले करके जेल जाओ। स्कूलों में घोटाले करो, हेल्थ में घोटाले करो। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार का मुख्यमंत्री ऐसे विभाग का मंत्री बना दिया, जो है ही नहीं।

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