कैथल में पुलिस बनकर ठगी का मामला: 65 हजार रुपये की धोखाधड़ी, साइबर सेल ने शुरू की जांच

नरेंद्र सहारण, कैथल : Kaithal News: आज की डिजिटल युग में साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं और इनसे निपटने के लिए पुलिस एवं साइबर सेल ने जागरूकता और सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इनमें से एक खतरनाक मामला कैथल जिले से सामने आया है जिसमें एक युवक को पुलिसकर्मी बनकर ठगों ने 65 हजार रुपये की चपत लगा दी। यह मामला न केवल व्यक्तिगत वित्तीय नुकसान का है, बल्कि यह सुरक्षा और विश्वास का भी बड़ा सवाल है।

मामले का संक्षिप्त परिचय

कैथल के शहर निवासी सतलेश कुमार ने शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर बताया कि उनके बेटे ने मुंबई में अपने काम के दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति को कार में लिफ्ट दी है। आरोपी ने स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर सतलेश को धमकी दी कि यदि उसने पैसे नहीं दिए तो उनके बेटे पर दुष्कर्म का झूठा केस दर्ज कर दिया जाएगा।

आरोपी ने यह भी कहा कि यदि पैसे दिए गए तो केस से नाम बाहर निकलवाया जाएगा और बेटे को किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बचाया जाएगा। इस भयावह स्थिति में सतलेश घबरा गए और तुरंत ही आरोपी द्वारा बताए गए खाते में 65 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उन्होंने अपने बेटे से बातचीत की और पूरी स्थिति का पता लगाया तो उन्हें यह पता चला कि यह सब एक धोखाधड़ी का मामला है। साइबर थाना प्रभारी सुभ्रांशु ने बताया कि इस घटना के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।

फोन कॉल और धोखाधड़ी का तरीका

 

यह घटना उस समय हुई जब सतलेश कुमार के बेटे मुंबई में अपने काम पर था। एक दिन उसे एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि उसके बेटे ने एक महिला से दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज कराया है। आरोपी ने यह भी कहा कि यदि सतलेश तुरंत 65 हजार रुपये नहीं भेजते हैं तो उनके बेटे पर गंभीर मामला दर्ज किया जाएगा। आरोपी ने धमकी दी कि वह केस से बचने के लिए पैसे का इंतजाम करें। अधिकांश साइबर ठगों की तरह इस आरोपी ने भी धमकी और झूठे वादों का सहारा लेकर पीड़ित को भयभीत कर दिया। उसने अपनी बात को मजबूत बनाने के लिए पुलिस की वर्दी की नकल की या फिर उससे जुड़ी फर्जी दस्तावेज़ का हवाला दिया।

पैसे ट्रांसफर और बाद का खुलासा

 

भयभीत सतलेश ने आरोपी द्वारा बताए गए बैंक खाते में 65 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन, जैसे ही उसने अपने बेटे से बात की और पूरी स्थिति समझाई, उसे पता चला कि यह सब एक फर्जीवाड़ा है। सतलेश ने तुरंत ही साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है, और इस तरह के मामलों से बचने के लिए जागरूकता का संदेश फैलाने का काम कर रही है।

आरोपी का तरीका और साइबर ठगी के खतरे

 

यह मामला साइबर क्राइम की उस गंभीर श्रेणी में आता है जिसमें आरोपी फोन के माध्यम से लोगों को डराते-धमकाते हैं और फर्जीवाड़े का शिकार बनाते हैं।

आरोपी का तरीका

 

धमकी देना: आरोपी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर, झूठे केस और कानूनी कार्रवाई का भय दिखाते हैं।
आधारभूत जानकारी का उपयोग: कॉल के दौरान, वह पीड़ित का नाम, पता और परिवार की जानकारी का इस्तेमाल करके विश्वास जीतने का प्रयास करते हैं।
धोखाधड़ी के पैसों का इंतजाम: पीड़ित को भयभीत करके खाते में पैसे ट्रांसफर करवाते हैं।
फर्जी दस्तावेज या वर्दी का प्रयोग: ताकि विश्वास बढ़ सके और शिकार आसानी से फंस जाए।

साइबर क्राइम के खतरे

 

धोखाधड़ी और आर्थिक नुकसान: साइबर ठग बड़ी रकम हड़प सकते हैं।
मानसिक तनाव और भय: पीड़ित को मानसिक रूप से परेशान और डराया जा सकता है।
गोपनीय जानकारी का नुकसान: बैंक खातों, आधार कार्ड और व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो सकती है।
सामाजिक प्रतिष्ठा पर असर: झूठे केस के कारण परिवार और समाज में बदनामी हो सकती है।

साइबर क्राइम से बचाव के उपाय

यह जरूरी है कि हम साइबर ठगों से सावधान रहें और खुद को सुरक्षित बनाने के उपाय अपनाएं। कुछ महत्वपूर्ण सुझाव निम्नलिखित हैं:

‘ कोशिश करें कि आप किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल में बिना पुष्टि के कोई भी रकम न भेजें।
किसी भी अनजान व्यक्ति की बात में न आएं, विशेषकर यदि वह आपसे पैसे या व्यक्तिगत जानकारी मांगता है।
पुलिस या संबंधित सरकारी एजेंसियों से सीधे संपर्क कर स्थिति की पुष्टि करें।
सभी बैंक खातों और पासवर्ड को सुरक्षित रखें, और जरूरी न हो तो उन्हें साझा न करें।
फोन कॉल या मैसेज में धमकी या लालच मिलने पर तुरंत साइबर थाने या पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करें।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या पैसे भेजने से पहले, पूरी जानकारी और पुष्टि कर लें।
सामाजिक जागरूकता अभियानों में भाग लें और अपने परिवार को भी जागरूक बनाएं।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की दिशा

साइबर थाना प्रभारी सुभ्रांशु ने बताया कि शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की टीम आरोपी की तलाश में जुटी है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

साइबर क्राइम से निपटने के लिए पुलिस ने जनता से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज की तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया है।

इसके अलावा, पुलिस ने समाज में जागरूकता फैलाने और साइबर ठगी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने का भी फैसला किया है।

साइबर क्राइम के खतरे

 

कैथल में इस तरह की धोखाधड़ी की घटना ने फिर से यह दिखाया है कि साइबर क्राइम के खतरे कितने व्यापक और खतरनाक हैं। आसानी से विश्वास कर लेने और सावधानी न बरतने के कारण लोग फर्जीवाड़े का शिकार हो सकते हैं, जो न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाता है बल्कि मानसिक तनाव भी पैदा करता है।

इसलिए, जरूरी है कि हम सभी सतर्क रहें, सरकारी और पुलिस अधिकारियों की सलाह मानें, और अपने व्यक्तिगत एवं वित्तीय डेटा को सुरक्षित रखें। साथ ही, यदि किसी को भी इस तरह की कॉल या मैसेज मिलें, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचित करें।

साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए जागरूकता और सतर्कता ही सबसे मजबूत हथियार है। सरकार और पुलिस को भी चाहिए कि वे तकनीकी रूप से मजबूत प्रणाली विकसित करें और जनता को जागरूक बनाएं, ताकि ऐसे मामलों में कमी लाई जा सके और अपराधियों की गिरफ्तारी हो सके।

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