Chandigarh Mayor Election: : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल, मेयर का इस्तीफा

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले ही रविवार को शहर की राजनीति गर्मा गई। मेयर मनोज सोनकर ने त्याग-पत्र दे दिया है। उन्होंने कहा कि वह नैतिकता के आधार पर त्याग-पत्र दे रहे हैं। आप और कांग्रेस मेयर चुनाव के बाद शहर का माहौल खराब कर रही थी। अब फिर से चुनाव होंगे तो सच्चाई सबके सामने आ जाएगी। वहीं, इसकी पुष्टि चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने की है। इसके साथ ही आप के तीन पार्षद पाला बदलते हुए भाजपा में शामिल हो गए हैं। इनमें नेहा, पूनम और गुरचरणजीत सिंह काला शामिल हैं। तीनों पार्षदों को दिल्ली में भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े ने पार्टी में शामिल करवाया है। सभी राजनीतिक दलों को संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट फिर से मेयर चुनाव करवाने के आदेश जारी कर सकता है। इसी के चलते भाजपा ने उक्त कदम उठाया है।
#WATCH | Delhi: Gurcharan Kala, who joined the BJP today says, "I belonged to BJP and I will also be with BJP… I have joined the party after getting inspired by the works of PM Modi…"
He was an Aam Aadmi Party Chandigarh councillor. https://t.co/nQZTWeFdeC pic.twitter.com/F6x94lWSCj
— ANI (@ANI) February 18, 2024
आप की याचिका पर कोर्ट में आज होनी है सुनवाई
गौरतलब है कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा के उम्मीदवार मनोज सोनकर थे और आप के कुलदीप सिंह। इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ वोट रद होने की घोषणा करने के साथ भाजपा के उम्मीदवार को विजय घोषित कर दिया था। आप-कांग्रेस गठबंधन का आरोप था कि पीठासीन अधिकारी ने जानबूझकर वोट रद किए हैं। आप इस फैसले के खिलाफ पहले पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट गई। तत्काल राहत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की। इसकी अब 19 फरवरी को सुनवाई है। इससे पहले भाजपा विपक्षी दल के नेताओं को झटका देकर सारा खेल अपने पाले में करना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने पार्षदों को एकजुट करने के लिए पार्टी कार्यालय में बैठक बुलाई है।
आप-कांग्रेस करती रहीं प्रदर्शन, भाजपा ने बनाई मजबूत रणनीति
मेयर चुनाव मामले में आप व कांग्रेस लगातार धरना-प्रदर्शन कर रही थी, जबकि भाजपा अगली रणनीति पर काम करते हुए अपने संख्याबल को मजबूत करने की रणनीति बना रही थी। दिल्ली में आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ से भाजपा के वरिष्ठ नेता गए हैं, जिनमें से शहर अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा रविवार दोपहर को ही वापस लौट आए। इसके बाद उन्होंने सभी भाजपा पार्षदों की पंचकूला के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में बैठक की। इसमें मल्होत्रा ने सभी को एकजुट रहने को कहा। भाजपा कांग्रेस पार्षदों के संपर्क में भी थी। इसकी जानकारी खुद एक पार्षद ने कांग्रेस की बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को दी थी।
भाजपा हासिल कर सकती है बहुमत का आंकड़ा
चंडीगढ़ नगर निगम में पार्षदों की संख्या 35 है। इनमें भाजपा के अभी 14, आप के 13, कांग्रेस के सात व शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है। आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल होने से उसके पक्ष में पार्षदों का संख्याबल 17 हो गया। भाजपा के पास एक सांसद का भी वोट है। इस लिहाज से भाजपा 18 वोट के साथ बहुमत हासिल कर लेगी और अपना मेयर बना लेगी। उधर, यदि सुप्रीम कोर्ट फिर से मेयर चुनाव कराने का फैसला करता है तो अब इसकी संभावनाएं बहुत कम है कि आप और कांग्रेस का गठबंधन हो, क्योंकि कांग्रेस ने मेयर के बदले चंडीगढ़ लोकसभा सीट मांगी थी, लेकिन आप इसके लिए तैयार नहीं है। ऐसे में भाजपा के लिए मेयर बनाने की राह और आसान हो जाएगी।