नई दिल्ली, BNM News: Citizenship Amendment Act (CAA) केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम है। इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता ( Citizenship of India) मिल सकेगी। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। उधर, केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद दिल्ली, उत्तर समेत कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सीएए को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। इसे पार्टी ने बड़ा मुद्दा बनाया था।
गृह मंत्री अमित शाह हाल ही के अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून या CAA को लागू करने की बात कर चुके थे। उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा। अब केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू कर दिया है। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी। हम इस खबर में आपको बताएंगे की सरकार द्वारा जारी सीएए के नियमों में क्या क्या है….
CAA के तहत किन्हें मिलेगी नागरिकता
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-दस्तावेज गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की राष्ट्रीयता देने के लिए लाया गया है। गैर मुस्लिम प्रवासियों में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई इसके तहत नागरिकता के पात्र होंगे
नागरिकता के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन
भारत में नागरिकता की मांग करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें आवेदक को बताना होगा कि वे भारत में कब से रह रहे हैं। केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया है कि सीएए के तहत भारत की नागरिकता की मांग करने वालों को पहले कम से कम 12 महीने तक भारत में बिताना होगा। इसके बाद ही वे भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन के पात्र होंगे। इतना ही नहीं, इस एक साल के पहले के आठ सालों में से कम से कम छह साल भारत में बिताने होंगे। इसमें कहा गया है कि कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
पुरानी नागरिकता को छोड़ना होगा
सोमवार को अधिसूचित नियमों में यह भी कहा गया है कि भारत की राष्ट्रीयता के लिए आवेदकों को यह भी बताना होगा कि वे मौजूदा नागरिकता को हमेशा के लिए त्याग रहे हैं और वे ‘भारत को स्थायी घर’ बनाना चाहते हैं।
ये लोग ले सकते हैं नागरिकता
नागरिकता अधिनियम, 1955 यह बताता है कि कौन भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है और किस आधार पर। कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक बन सकता है यदि उसका जन्म भारत में हुआ हो या उसके माता-पिता भारतीय हों या कुछ समय से देश में रह रहे हों, आदि। हालांकि, अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबंधित किया गया है। अवैध प्रवासी वह विदेशी होता है जो: (i) पासपोर्ट और वीजा जैसे वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करता है, या (ii) वैध दस्तावेजों के साथ प्रवेश करता है, लेकिन अनुमत समय अवधि से अधिक समय तक रहता है। ये समूह अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई हैं, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए थे। इसका मतलब यह है कि अवैध प्रवासियों के इन समूहों को निर्वासित नहीं किया जाएगा।
Application for Indian citizenship under CAA to be made online, rules’ notification specifies details
भारत की नागरिकता पाने के लिए जो फॉर्म भरे जाएंगे, उनमें शेडयूल – 1A के तहत नौ तरह के दस्तावेज मांगे गए है। शेड्यूल-18 के तहत 20 तरह के और शेडयूल IC के तहत एफिडेविडेट देना होगा। जिस देश से आए हैं, वहां का पासपोर्ट, रेजिडेंशल परमिट, बर्थ सर्टिफिकेट, स्कूल सर्टिफिकेट, लाइसेंस, घर, जमीन या किराए के घर से संबंधित दस्तावेज, पहचान साबित करने वाला दस्तावेज, भारत में आने का दिन, भारत में आने के लिए वीजा या इमिग्रेशन स्टैंप समेत कई जानकारियां देनी हैं।
जमा करना होगा हलफनामा
इसमें कहा गया है कि देशीकरण द्वारा नागरिकता चाहने वालों को आवेदन में दिए गए बयानों की सत्यता की पुष्टि करने वाला एक हलफनामा भी जमा करना होगा। इसके साथ ही आवेदक के चरित्र की गवाही देने वाले एक भारतीय नागरिक का हलफनामा भी जमा करना होगा। इसके अलावा, अधिसूचित नियमों में यह भी कहा गया है कि भारत की राष्ट्रीयता मांगने वालों को आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद निष्ठा की शपथ लेनी होगी। इसके तहत वे भारतीय संविधान के प्रति सच्ची आस्था और यहां के कानून का पालन करने की कसम लेंगे।
नागरिकता के लिए जमा करने होंगे ये दस्तावेज
इसके अलावा नागरिकता मांगने वाले को अपने वैध या समाप्त हो चुके विदेशी पासपोर्ट, आवासीय परमिट, पति या पत्नी की भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण, जिसमें भारतीय पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी या विवाह रजिस्ट्रार द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी जमा करनी होगी। हालांकि ये अनिवार्य नहीं है।
31 हजार से अधिक को तुरंत मिलेगी नागरिकता
सीएए के लागू होने के साथ ही 31, 313 लोगों को तुरंत इस कानून के तहत नागरिकता मिल जाएगी। जनवरी 2019 में संयुक्त संसदीय समिति ने कानून से संबंधित विधेयक पर अपनी रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया गया था कि 31 दिसंबर, 2014 तक भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिमों की संख्या 31,313 थी। इन लोगों में सबसे ज्यादा 25,447 हिंदू, 5,807 सिख थे। इनके अलावा 55 ईसाई, बौद्ध और पारसी धर्म के 2-2 लोग भी शामिल हैं। ये सभी वो लोग हैं जो धार्मिक प्रताड़ना के चलते देश छोड़कर भारत आकर बसे थे।
मुस्लिमों को नहीं किया गया शामिल
सीएए का विरोध करने वालों कहना है कि इस कानून में मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया गया है। उनका कहना है कि जब नागरिकता देनी है तो उसे धर्म के आधार पर क्यों दिया जा रहा है और इसमें मुस्लिमों को क्यों नहीं शामिल किया गया। इसका जवाब देते हुए तब सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान इस्लामिक देश हैं और वहां पर गैर-मुस्लिमों को धर्म के आधार पर सताया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है। इसी कारण गैर-मुस्लिम यहां से भागकर भारत आए हैं। इसलिए गैर-मुस्लिमों को ही इसमें शामिल किया गया है।