प्रयागराज में विहिप के संत सम्मेलन में किया दावा, हिंदुओं को सौंपे जाएं ज्ञानवापी मंदिर व श्रीकृष्ण जन्मभूमि

प्रयागराज, BNM News : श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद विश्व हिंदू परिषद के माघ मेला क्षेत्र स्थित शिविर में पहला संत सम्मेलन हुआ। संतों ने मतांतरण व लव जिहाद रोकने, सनातन संस्कार, संयुक्त परिवार की परंपरा बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की संकल्पना साकार होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए काशी में ज्ञानवापी और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से मुस्लिम समाज से दावा छोड़ने की अपील की। कहा कि इन्हें हिंदुओं को सौंपा जाए।
श्रीराम जन्मभूमि के बाद हमें काशी और मथुरा चाहिए
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हमारा अयोध्या, मथुरा व काशी को लेकर एक ही संकल्प था। संतों ने हमेशा तीनों आराधना स्थल मांगा था। श्रीराम जन्मभूमि के बाद हमें काशी और मथुरा चाहिए। काशी में ज्ञानवापी व मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से मुस्लिम समाज अपना दावा छोड़ दें, जिससे सामाजिक सौहार्द बना रहेगा, अन्यथा हम उसे संवैधानिक स्तर पर कानूनी लड़ाई से प्राप्त करेंगे। कहा कि यह देश संविधान से चलेगा, शरीयत से नहीं। हल्द्वानी में हुई कार्रवाई के बाद कोलकाता, बरेली आदि शहरों में प्रदर्शन करके गलत संदेश दिया गया है। फैसला उनके पक्ष में आता है तो ठीक है अन्यथा न्याय प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया जाता है। वर्ष 2014 से पहले सनातन धर्मावलंबी भी ऐसा कह सकते थे। तब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को राम मंदिर का फैसला न देने की धमकी दी गई थी। इसके बावजूद हमने राष्ट्र की न्याय पालिका पर विश्वास रखा, उसी के जरिए श्रीराम जन्मभूमि को प्राप्त किया।
हिंदुओं का मतांतरण व लव जिहाद पर चिंता जताई
काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने हिंदुओं का मतांतरण व लव जिहाद पर चिंता व्यक्त करते हुए उसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पर जोर दिया। अध्यक्षता कर रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा, सनातन धर्म पर काफी प्रहार किए गए। इसके बावजूद हम धर्म की शक्ति से टिके रहे। संतों को जल्द ही काशी और मथुरा के विषयों पर चिंतन करना होगा। यह संकल्प भी हमें पूर्ण करना है। विहिप के केंद्रीय संरक्षक दिनेश जी ने कहा कि संतों ने जिस विषयों पर चिंतन किया है, उस दिशा में आगे बढ़ेंगे। विहिप चिंतन करके संतों के मार्गदर्शन में आगामी कार्यक्रम व योजनाएं तैयार करने की रणनीति बनाएगी। संचालन राष्ट्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया।
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