कैथल में 12वीं की लड़की लापता: परिवार बोला-अपहरण हुआ, 2 दिन पहले आया था फोन

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल ज़िले के राजौंद थाना क्षेत्र के एक गांव में एक क्रूर घटना पेश आई है, जहां एक युवक ने 17 वर्षीय एक लड़की का अपहरण कर लिया। आरोप है कि इससे पहले युवक ने लड़की की मां को गंभीर धमकी दी थी कि यदि उसने इस मामले में कोई भी औपचारिक शिकायत की, तो वह उसकी बेटी का अपहरण कर लेगा और पूरे परिवार को जान से मार देगा। यह घटना समाज में सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है और इसके प्रति लोगों की सख्त प्रतिक्रिया भी देखने को मिल सकती है।

अपहरण से पहले की धमकी

17 वर्षीय लड़की की मां ने पुलिस में अपने बयान में कहा कि उनकी बेटी 12वीं कक्षा की परीक्षाएं दे रही थी। 12 मार्च को जब वह अपने घर में थीं, तब एक युवक रोहित ने फोन करके उन्हें धमकाया। उसने कहा, “मैं तेरी बेटी को आज रात उठाकर ले जाउंगा।” महिला ने जब उससे यह पूछा कि वह कौन है, तो आरोपी ने न केवल खुद को पहचानने से इनकार किया बल्कि गंभीर धमकी भी दी। उसने कहा, “तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती हो। अगर तुमने मेरे खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की, तो मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार के लोगों को जान से मार दूंगा।”

यह बातें लड़की की मां को बहुत चिंता में डालने के लिए काफी थीं। हालांकि, उन्होंने सोचा कि शायद यह महज एक डरावना फोन कॉल है और उन्होंने उस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया। मगर, घटना के अगले दिन, जब परिवार के सभी सदस्य रात में सो गए थे, तब कुछ ऐसा हुआ जिसने उनकी जिंदगी को बदल दिया।

अपहरण की रात

13 मार्च की रात जैसे ही परिवार के सभी सदस्य सो गए, लड़की की मां ने एक बार फिर से अपनी बेटी की सुरक्षा पर ध्यान दिया। रात के लगभग 1:30 बजे, जब उन्होंने अपनी बेटी को चेक करने के लिए उठा, तो वह अपने कमरे में नहीं मिली। उनकी चिंता बढ़ गई, और उन्होंने तुरंत पूरे घर की तलाशी ली। लेकिन, उनकी बेटी कहीं नहीं थी।

उनकी घबराहट का कोई ठिकाना नहीं था। उन्हें तुरंत उस फोन कॉल की याद आई, जिसमें आरोपी ने धमकी दी थी। उन्होंने तुरंत समझ लिया कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है।

पुलिस में शिकायत

लड़की की मां ने डर के मारे पास-पड़ोस के लोगों को इकट्ठा किया और बाद में राजौंद थाना जाकर इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी के अलावा उस युवक और उसके गैंग के बाकी सदस्यों ने भी उनका अपहरण किया है। पुलिस ने तुरंत मामला संज्ञान में लेकर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी।

पुलिस की प्रतिक्रिया

राजौंद थाना के जांच अधिकारी एसआई ईश्वर सिंह ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और वे इस मामले की गंभीरता को समझते हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस अब विभिन्न पहलुओं और सबूतों के आधार पर कार्रवाई करेगी। पुलिस की प्राथमिकता अपहृत लड़की को सुरक्षित रूप से वापस लाना है। उन्होंने संबंधित गांव और आस-पास के क्षेत्र में जांच तेज कर दी है, ताकि अपहरणकर्ता को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

स्थानीय समुदाय की चिंताएं

इस घटना के बाद गांव में एक अलग सा माहौल बन गया। स्थानीय लोग आतंकित महसूस कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं आम होती जा रही हैं और सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। पड़ोसी महिलाओं ने कहा कि वे अपनी बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और अब वे अपनी बेटियों को बाहर भेजने से पहले हजार बार सोचती हैं।

गांव के कुछ युवा लड़कों ने भी कहा कि यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए। उन्हें लगता है कि कानून और व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

परिवार पर प्रभाव

इस घटना का परिवार पर गहरा असर पड़ा है। लड़की की मां पूरी तरह से टूट चुकी हैं और वह अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्हें यह डर है कि अगर पुलिस जल्द ही उनकी बेटी को नहीं लौटाती, तो उनकी जिंदगी में कभी भी सामान्यता नहीं आ पाएगी।

लड़की का पिता भी इस घटना को लेकर बहुत चिंतित हैं। वह अपनी बेटी के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि उसे वापस लाया जा सके। उन्होंने समाज के सभी लोगों से अपील की है कि यदि किसी को भी उनकी बेटी की कोई जानकारी मिले तो तुरंत उन्हें बताएं।

आशा की किरण

हालांकि, इस कठिनाई के समय में, परिवार को कुछ स्थानीय रिश्तेदारों और दोस्तों का समर्थन मिला है। वे उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रखने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। गांव के लोग भी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और उन्होंने एक स्थानीय बैठक बुलाई है, जिसमें वे अपनी सुरक्षा को लेकर चर्चा करेंगे।

पुलिस कार्रवाई में तेजी लाए

इस घटना ने साबित कर दिया है कि समाज में सुरक्षा को बनाए रखने की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। परिवार और स्थानीय समुदाय को अब एकजुट होकर सोचने और काम करने की जरूरत है। पुलिस को भी अपनी कार्रवाई में तेजी लानी चाहिए ताकि उन्हें आरोपियों को जल्दी से पकड़ना संभव हो सके। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला न केवल एक अपहरण का मामला बनकर रह जाएगा, बल्कि समाज में सुरक्षा के प्रति विश्वास को भी कमजोर कर देगा।

कुल मिलाकर यह घटना न केवल उस लड़की और उसके परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए एक चेतावनी है। सभी को मिलकर ऐसे अपराधिक प्रवृत्तियों के खिलाफ एकजुट होना होगा ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। ऐसा कर ही सामाजिक सुरक्षा और भरोसे को पुनः स्थापित किया जा सकता है।