यूपी के हर जिले में टॉप 10 अपराधियों पर योगी सरकार की टेढ़ी नजर, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया ये निर्देश

लखनऊ, BNM News:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग को हर जिले के टॉप 10 अपराधियों को कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर कड़ी सजा दिलाने के निर्देश दिये हैं। ऐसे में, सीएम योगी के निर्देश को अमल में लाते हुए प्रमुख सचिव (गृह) ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों, एसपी व पुलिस कमिश्नरों को पत्र जारी करते हुए कहा है कि वे अपने-अपने जनपद के टॉप-10 अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही, उन्होंने कार्रवाई से शासन को अवगत कराने के निर्देश दिये हैं ताकि इसकी नियमित समीक्षा कर मुख्यमंत्री के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके।

प्रदेश के 46 जिलों में सरकार ने जताई नाराजगी

प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने सभी अधिकारियों को अपने-अपने जिले के चिन्हित टॉप-10 अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में शत-प्रतिशत गवाहों की उपस्थिति कराने, गवाही कराने व प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं, ताकि उन्हे सलाखों के पीछे भेजा जा सके। उन्होंने प्रदेश के 46 जिलों द्वारा टॉप-10 अपराधियों को दोषसिद्ध कराने को लेकर रुचि न लेने पर नाराजगी जाहिर करते हुए शासन के आदेशों का पालन कड़ाई से करने का निर्देश दिया है।

किस जिले का कैसा रहा प्रदर्शन

मालूम हो कि अभियोजन निदेशालय द्वारा 25 मार्च 2022 से लेकर 31 अक्टूबर 2023 तक सिद्धार्थनगर में 7, मेरठ में 6, कौशाम्बी में 6, उन्नाव में 4, रायबरेली में 4, अयोध्या में 4, प्रयागराज में 3, हापुड़ में 3, देवरिया में 4, लखनऊ में 3, बलरामपुर में 2, कन्नौज में 2, इटावा में 2, गौतमबुद्धनगर में 102, फतेहपुर में 2, मुरादाबाद में 2, ललितपुर में 2, जालौन में 2, अमेठी में 2 सजा कराई गई है। इसी तरह कुशीनगर, अम्बेडकरनगर, महाराजगंज, सीतापुर, बिजनौर, बदांयू, कुशीनगर, जौनपुर, बस्ती, एटा द्वारा 1-1 सजा कराई गई है।

यूपी में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं

यूपी का जिम्‍मा संभालते ही सीएम योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराधियों की कमर तोड़ने का संकल्‍प लिया है। नतीजन पिछले 7 वर्षों में प्रदेश में योगी सरकार में 10 हजार से ज्‍यादा पुलिस एनकाउंटर किए गए। यह दर्शाता है कि यूपी में योगी सरकार के आने के बाद राज्‍य में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।

इन जिलों में पुलिस कमिश्‍नरेट की व्‍यवस्‍था लागू

साथ ही प्रदेश में अपराध नियंत्रण को लेकर योगी सरकार ने लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस कमिश्‍नरेट की व्‍यवस्‍था लागू की। यह व्‍यवस्‍था लागू कर योगी सरकार ने पुलिस अधिकारियों के दायरे को बढ़ा दिया। अब उन्‍हें किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम समेत अन्य अधिकारियों के फैसले के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता। पुलिस खुद किसी भी स्थिति में फैसला ले सकती है।

90 अरब की संपत्ति पर सील की कार्रवाई

वहीं, प्रदेशभर में गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत 90 अरब 22 करोड़ 93 लाख की चल-अचल संपत्तियों पर सील की कार्रवाई की गई. वहीं, माफिया एवं दुर्दांत अपराधियों को चिन्हित किया गया. प्रदेश के माफिया और दुर्दांत अपराधियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित 2819 करोड़ से अधिक की संपत्तियां पर बुलडोजर चलाकर नष्‍ट कर दिया गया।

10 हजार से ज्‍यादा एनकाउंटर

इसके अलावा 6 सालों में 10 हजार से ज्‍यादा एनकाउंटर किए गए। इसमें 175 दुर्दांत अपराधी मुठभेड़ में मारे गए और 15885 इनामी अपराधियों को जेल भेजा गया। वहीं, पॉक्सो अधिनियम और महिला अपराध के तहत 7276 अपराधियों को सजा दिलाई गई। पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत कार्रवाई करने में प्रदेश को प्रथम स्‍थान भी मिला।

प्रदेशभर में नए थाने स्‍थापित किए गए

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के मामले में सजा दिलाने में 59.1 फीसदी की दर से देश में यूपी प्रथम स्‍थान पर है. प्रदेश में अपराध पनप न सके इसके लिए पूरे राज्‍य में 114 नए थाने, 163 नई चौकियां, 6 नए महिला पुलिस थाने, 4 नए आर्थिक अपराध इकाई थाने, 16 नए साइबर क्राइम स्‍टेशन और 10 सर्तकता अधिष्ठान की शाखाएं खोली गईं।

ATS की नई फील्‍ड यूनिट गठित

प्रदेश के 1518 थानों में कुल 15130 महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की गई। साथ ही अयोध्या में एसटीएफ इकाई गठित की गई। देवबंद, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर सहित कई अन्य जनपदों में एटीएस की नई फील्ड यूनिट भी गठित की गई।

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