Coaching Centre: कोचिंग संस्थान को लेकर सरकार की नई गाइडलाइन, Teachers की भर्ती से लेकर छात्रों पर बैन तक, जानें सभी सवालों के जवाब

नई दिल्ली, BNM News: New Guidelines for Private Coaching Centres: प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स की मनमानी से परेशान लोगों के लिए एक राहतभरी खबर है। अब प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। सरकार ने इन कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइन जारी करके इन पर लगाम कसने का काम किया है। नई गाइड लाइंस के मुताबिक अब कोई भी कहीं भी कोचिंग सेंटर नहीं खोल पाएगा। इसके लिए उसे रजिस्‍ट्रेशन कराना होगा। इतना ही नहीं, अब 16 साल से कम उम्र के बच्‍चों का भी कोचिंग में नामांकन नहीं होगा। ऐसे में 16 साल से ज्‍यादा उम्र के बच्‍चे ही कोचिंग सेंटर्स में पढ़ाई कर सकेंगे। इन गाइडलाइंस में कोचिंग सेंटर्स संचालकों की मनमानी फीस को लेकर भी नियम बनाए गए हैं। अब वो मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे। आदेश नहीं मानने पर 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। आएइ जानते हैं कोचिंग सेंटर को लेकर आपके मन में चल रहे हर सवाल का जवाब…

किन गाइडलाइंस का पालन करना होगा?( New Guidelines for Coaching)

  •  कोचिंग में जिन टीचर्स की नियुक्ति की जाएगी, वे कम से कम ग्रेजुएट होने चाहिए।
  •  एडमिशन (रजिस्ट्रेशन) के लिए छात्र के माता-पिता से अच्छी रैंक या अच्छे नंबरों की गारंटी जैसे भ्रामक वादे नहीं किए जा सकते।
  •  कोचिंग संस्थान 16 साल के कम उम्र के छात्र का एडमिशन नहीं कर सकते।
  •  छात्र की उम्र 16 साल से कम होने पर सेकेंड्री स्कूल (माध्यमिक विद्यालय) परीक्षा के बाद ही छात्र का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।
  •  कोचिंग सेंटर संस्थान की क्वालिटी-सुविधाओं के कारण स्टूडेंट के अच्छे परिणाम का दावा करने वाले भ्रामक विज्ञापन नहीं दे सकते।
  •  कोचिंग सेंटर के पास अगर स्थान प्रति छात्र न्यूनतम स्थान से कम है तो रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।
  •  किसी भी ऐसे शिक्षक को कोचिंग में नहीं रखा जा सकता, जो किसी नैतिक अपराध में दोषी ठहराया जा चुका हो।
  •  कोचिंग सेंटर के पास एक वेबसाइट होनी चाहिए, जिसमें शिक्षक की योग्यता, पाठ्यक्रम/पाठ्यचर्या, कोर्स पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं (यदि हो), ली जाने वाली फीस, आसान एग्जिट पॉलिसी, शुल्क वापसी नीति, कोचिंग लेने वाले छात्रों की संख्या का विवरण होगा।
  • वेबसाइट में उन छात्रों का विवरण भी देना होगा, जिन्हें कोचिंग में पढ़ने के बाद उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश मिला।
  • छात्रों के स्कूल के समय पर कोचिंग कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी।

फीस के भुगतान का ये होगा नियम ( Fee Rules For Coaching)

  •  कोचिंग सेंटर प्रॉस्पेक्टस, नोट्स और अन्य सामग्री अपने छात्रों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के प्रदान करेंगे।
  •  यदि छात्र पूरा भुगतान करने के बाद निर्धारित अवधि के बीच में कोचिंग छोड़ देता है तो शेष अवधि के लिए पहले जमा की गई फीस में से बची हुई फीस 10 दिनों के अंदर वापस करनी होगी।
  •  यदि छात्र कोचिंग सेंटर के हॉस्टल में रह रहा है तो बीच में कोचिंग छोड़ने पर हॉस्टल फीस और मेस फीस भी वापस कर करनी होगी।
  • किसी स्पेशल कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन के आधार पर फीस में बढ़ोतरी नहीं की जा सकती। हालांकि, कोर्स की अवधि बढ़ाई जा सकती है।

कोचिंग के लिए ये सुविधाएं जरूरी (Facilities For Coaching)

  •  कोचिंग सेंटर की मूल संरचना के तहत एक बैच के दौरान प्रत्येक छात्र के लिए कम से कम एक वर्ग मीटर क्षेत्र आवंटित किया जा सकता है।
  •  रजिस्टर्ड छात्रों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त बुनियादी ढांचा होना चाहिए।
  • कोचिंग सेंटर भवन को अग्नि सुरक्षा कोड, भवन सुरक्षा कोड और अन्य मानकों का पालन करना होगा और उपयुक्त अधिकारियों से अग्नि और भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।
  • छात्रों की सहायता के लिए कोचिंग सेंटर में प्राथमिक चिकित्सा किट और चिकित्सा सहायता/उपचार सुविधा रहनी चाहिए।
  • अस्पताल, आपातकालीन सेवाओं के लिए डॉक्टर, पुलिस हेल्पलाइन विवरण, अग्निशमन सेवा हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन जैसी रेफरल सेवाओं की सूची प्रदर्शित की जाएगी और छात्रों को उनके बारे में सूचित किया जाएगा।
  • कोचिंग सेंटर की इमारत पूरी तरह से विद्युतीकृत, अच्छी तरह हवादार होगी और इमारत की प्रत्येक कक्षा में पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी।
  • केंद्र के सभी छात्रों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित और पीने योग्य पेयजल उपलब्ध होगा।
  • कोचिंग सेंटर में जहां भी आवश्यकता हो वहां सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए. सुरक्षा अच्छी तरह से बनाए रखी जानी चाहिए।
  • छात्रों को शिकायत दर्ज कराने के लिए कोचिंग सेंटर में एक शिकायत पेटी या रजिस्टर रखना चाहिए।
  • कोचिंग सेंटर भवन परिसर में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों का प्रावधान किया जाएगा।

 छुट्टियों के लिए भी गाइडलाइन (Guidelines For Holidays)

  •  कोचिंग क्लास का असर स्कूल में उपस्थिति पर नहीं पड़ना चाहिए।
  • साप्ताहिक अवकाश के अगले दिन कोई मूल्यांकन-परीक्षा (assessment-test) नहीं होगी।
  • संबंधित क्षेत्र में महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहारों के दौरान, कोचिंग सेंटर छुट्टियों को इस तरह से अनुकूलित करेगा कि छात्र अपने परिवार के साथ जुड़ने में सक्षम हों और उन्हें भावनात्मक बढ़ावा मिले।

टाइमिंग का रखना होगा ख्याल (Coaching Center Timings)

  • कोचिंग सेंटर एक दिन में 5 घंटे से अधिक कक्षाएं नहीं ले सकते. कोचिंग का समय न तो सुबह जल्दी होना चाहिए और न ही शाम को बहुत देर होना चाहिए।
  • छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के विकल्पों के अलावा अन्य करियर विकल्पों की जानकारी भी प्रदान की जा सकती है, ताकि वे अपने भविष्य को लेकर तनावग्रस्त न हों और वैकल्पिक करियर का नया विकल्प चुन सकें।

गुप्त रखने होंगे असेसमेंट टेस्ट के परिणाम

कोचिंग सेंटर मूल्यांकन परीक्षा के परिणाम को सार्वजनिक नहीं करेगा। मूल्यांकन परीक्षण को गोपनीय रखते हुए इसका उपयोग छात्रों के प्रदर्शन के नियमित विश्लेषण के लिए किया जाना चाहिए। जिस छात्र का शैक्षणिक प्रदर्शन खराब हो रहा है, उसे इस दिशानिर्देश के प्रावधानों के अनुसार परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए। कोचिंग सेंटर्स को मानसिक तनाव के समाधान के लिए छात्रों को परामर्श देने और मनोचिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए परामर्शदाताओं और अनुभवी मनोवैज्ञानिकों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। कोचिंग सेंटर केवल पंजीकरण प्रमाणपत्र में दर्शाए गए स्थान पर ही कोचिंग संचालित करेगा। सक्षम प्राधिकारी की पूर्व लिखित मंजूरी के बिना पंजीकृत स्थान के अलावा किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित नहीं करेगा। इतना ही नहीं  पहली बार नियम का उल्लंघन करने पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार भी अगर उल्लंघन किया जाता है तो 1 लाख रुपए भरने होंगे।

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