कैथल में ड्रोन उड़ाने,पटाखे चलाने और आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी पर व्यापक प्रतिबंध, डीसी प्रीति ने जारी किए कड़े दिशा-निर्देश

कैथल की डीसी प्रीति

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर और कूटनीतिक स्तर पर व्याप्त तनावपूर्ण स्थिति के गंभीर निहितार्थों तथा आम नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए हरियाणा के कैथल जिला प्रशासन ने एक अभूतपूर्व और व्यापक कदम उठाया है। डीसी प्रीति ने दूरदर्शिता और प्रशासनिक सूझबूझ का परिचय देते हुए जिले की सीमाओं के भीतर मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) जैसे ड्रोन, विभिन्न प्रकार की कम ऊंचाई पर उड़ने वाली वस्तुओं के परिचालन और यहां तक कि उत्सवों-समारोहों में आतिशबाजी तथा पटाखों के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अतिरिक्त इस संवेदनशील समय में आवश्यक वस्तुओं की कृत्रिम कमी और कालाबाजारी को रोकने के लिए उनकी जमाखोरी और भंडारण पर भी सख्त पाबंदी आयद की गई है। इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना है।

मौजूदा संवेदनशील परिस्थितियां और प्रशासनिक चेतना

 

सीमा पार तनाव और आंतरिक सुरक्षा की चुनौती

 

पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध ऐतिहासिक रूप से उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। वर्तमान समय में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय कारकों के चलते दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। सीमा पर अकारण गोलीबारी, घुसपैठ के प्रयास और खुफिया एजेंसियों द्वारा प्राप्त निरंतर चेतावनियां एक ऐसी स्थिति का निर्माण करती हैं, जहां नागरिक प्रशासन को भी अत्यधिक सतर्कता बरतनी पड़ती है। कैथल यद्यपि सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित नहीं है, तथापि हरियाणा राज्य की भौगोलिक स्थिति और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से निकटता इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है। ऐसे में किसी भी प्रकार की आंतरिक या बाह्य शरारतपूर्ण गतिविधि की आशंका को नकारना अदूरदर्शिता होगी।

डीसी प्रीति का सक्रिय दृष्टिकोण

 

जिलाधीश प्रीति ने इन्हीं गंभीर परिस्थितियों का संज्ञान लेते हुए यह व्यापक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। उनका यह कदम दर्शाता है कि जिला प्रशासन न केवल वर्तमान स्थिति से पूरी तरह अवगत है, बल्कि किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए अग्र सक्रिय रूप से तैयार भी है। इन आदेशों का मूल उद्देश्य केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखना नहीं, बल्कि आम जनता के मन में सुरक्षा और विश्वास की भावना को सुदृढ़ करना भी है, ताकि वे किसी भी प्रकार की अफवाह या दहशत से प्रभावित न हों।

हवाई निगरानी और आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध

मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी) और निम्न-उड़ान वस्तुओं पर निषेध

आधुनिक युद्धनीति और आतंकवादी गतिविधियों में ड्रोन तथा अन्य मानव रहित हवाई वाहनों का उपयोग एक गंभीर चुनौती के रूप में उभरा है। इनकी सुगम उपलब्धता और दूर से संचालित किए जा सकने की क्षमता इन्हें निगरानी, जासूसी यहाँ तक कि छोटे विस्फोटक या रासायनिक हथियार ले जाने के लिए भी उपयुक्त बना देती है।

डीसी प्रीति ने स्पष्ट किया कि जिले में किसी भी प्रकार के ड्रोन, माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट, ग्लाइडर/पावर ग्लाइडर, हॉट एयर बैलून, पतंगबाजी (विशेषकर बड़ी और संदिग्ध दिखने वाली पतंगें) और चीनी माइक्रो लाइट उपकरणों के उपयोग पर आगामी आदेशों तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

कारण और आशंकाएं

अज्ञात वस्तु की पहचान में कठिनाई: तनावपूर्ण माहौल में आसमान में उड़ती कोई भी अज्ञात वस्तु सुरक्षा बलों के लिए भ्रम और चिंता का कारण बन सकती है। यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि यह किसी बच्चे की पतंग है, किसी फोटोग्राफर का ड्रोन है या दुश्मन का जासूसी उपकरण।
संभावित दुरुपयोग: शरारती तत्व या आतंकवादी संगठन इन उपकरणों का इस्तेमाल संवेदनशील स्थानों की रेकी करने, तस्वीरें लेने या किसी प्रकार का अवैध सामान पहुँचाने के लिए कर सकते हैं।
सुरक्षा बलों का ध्यान भटकाना: कई बार छोटी-छोटी घटनाओं के माध्यम से सुरक्षा बलों का ध्यान भटकाकर किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की कोशिश की जाती है।
कानून-व्यवस्था पर प्रभाव: ऐसी वस्तुओं के दिखने पर आम जनता में भय और अफवाहें फैल सकती हैं, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
यह प्रतिबंध न केवल व्यावसायिक उपयोग बल्कि शौकिया तौर पर भी इन उपकरणों को उड़ाने पर लागू होगा। प्रशासन का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष ऐसे शौक या व्यावसायिक हितों को गौण रखना आवश्यक है।

आतिशबाजी और पटाखों पर रोक

डीसी प्रीति ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर, शादी-समारोहों, धार्मिक उत्सवों या किसी भी अन्य प्रकार के आयोजनों में आम जनता द्वारा आतिशबाजी तथा पटाखे फोड़ना गंभीर भ्रम पैदा कर सकता है।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव और दहशत

पटाखों और तेज आवाज वाले बमों से उत्पन्न होने वाला शोर, विशेषकर रात के समय, आम जनता में दहशत फैला सकता है। लोग इसे वास्तविक बम विस्फोट, ड्रोन हमला या किसी मिसाइल हमले की आवाज समझ सकते हैं।
इस प्रकार की दहशत से भगदड़ मच सकती है, हृदय रोगियों या बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और समाज में भय का माहौल व्याप्त हो सकता है।
सुरक्षा एजेंसियां भी वास्तविक खतरे और पटाखों के शोर के बीच अंतर करने में भ्रमित हो सकती हैं, जिससे उनकी प्रतिक्रिया क्षमता प्रभावित हो सकती है।

कानून-व्यवस्था की चुनौती

 

अफवाहें तेजी से फैलती हैं और यदि पटाखों के शोर को हमला समझ लिया गया तो यह सीधे तौर पर कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। आपातकालीन सेवाओं पर अनावश्यक दबाव पड़ेगा और वास्तविक संकट की स्थिति में संसाधनों की कमी हो सकती है।
यह प्रतिबंध सभी प्रकार की आतिशबाजी, चाहे वह कम आवाज वाली हो या तेज आवाज वाली, पर समान रूप से लागू होगा। प्रशासन ने जनता से सहयोग की अपील की है कि वे इस संवेदनशील समय में अपनी खुशियों का इजहार ऐसे तरीकों से करें जिनसे किसी प्रकार का भ्रम या भय उत्पन्न न हो।

जमाखोरी और कालाबाजारी की रोकथाम

 

युद्ध या तनाव की स्थितियों में अक्सर यह देखा गया है कि कुछ स्वार्थी तत्व आम जनता की मजबूरी का फायदा उठाकर आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी करने लगते हैं। इससे बाजार में इन वस्तुओं की कृत्रिम कमी पैदा हो जाती है और उनकी कीमतें आसमान छूने लगती हैं। इसे कालाबाजारी कहते हैं, जो आम आदमी की कमर तोड़ देती है।

डीसी प्रीति ने इस संभावना को पहले ही भांपते हुए जिला कैथल में चावल, गेहूं, दालें, चीनी, खाद्य तेल, सब्जियां, दूध और दूध से बने उत्पाद, जीवन रक्षक दवाएं, पेट्रोल और डीजल सहित सभी आवश्यक वस्तुओं और खाद्य पदार्थों की जमाखोरी तथा भंडारण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।

उद्देश्य और महत्व

सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करना: इस प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य बाजार में सभी आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध और सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि आम जनता को किसी प्रकार की किल्लत का सामना न करना पड़े।
मूल्य नियंत्रण: जमाखोरी पर रोक लगने से वस्तुओं की कृत्रिम कमी नहीं होगी और उनकी कीमतें स्थिर रहेंगी, जिससे महंगाई पर भी अंकुश लगेगा।
आम आदमी को राहत: यह कदम विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा, जो रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

 व्यापारियों और थोक विक्रेताओं के लिए निर्देश

इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) और अन्य सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निगरानी रखने तथा बाजार में आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति और उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

स्टॉक घोषणा की अनिवार्यता: सभी व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को यह कड़ा निर्देश दिया गया है कि वे अगले तीन दिनों के भीतर अपने पास मौजूद सभी आवश्यक वस्तुओं के वर्तमान स्टॉक की विस्तृत जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। इससे प्रशासन को वास्तविक स्टॉक स्थिति का पता चलेगा और किसी भी प्रकार की हेराफेरी को पकड़ा जा सकेगा।
नियमित जांच और निरीक्षण: खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीमें नियमित रूप से बाजारों और गोदामों का निरीक्षण करेंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यापारी या वितरक अवैध रूप से माल का भंडारण तो नहीं कर रहा है।

जन सहयोग की अपील और सूचना तंत्र

प्रशासन ने इस मुहिम में आम जनता से भी सक्रिय सहयोग की अपील की है। यदि किसी भी नागरिक को कहीं पर भी आवश्यक वस्तुओं के अवैध भंडारण या कालाबाजारी की कोई भी सूचना मिलती है, तो वे तुरंत 8800154900 नंबर पर कॉल करके प्रशासन को सूचित कर सकते हैं। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। यह कदम दर्शाता है कि प्रशासन जनता की भागीदारी को कितना महत्व देता है और कैसे एक सशक्त सूचना तंत्र के माध्यम से ऐसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

कानूनी प्रावधान और दंडात्मक कार्रवाई

 

इन प्रतिबंधात्मक आदेशों को कानूनी शक्ति प्रदान करने के लिए जिलाधीश ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के विभिन्न प्रावधानों का उपयोग किया है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163: ड्रोन, कम उड़ान वाली वस्तुओं और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने के आदेश इसी धारा के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। यह धारा जिला मजिस्ट्रेट को सार्वजनिक शांति, सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक समझे जाने वाले ऐसे आदेश जारी करने का अधिकार देती है।
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और BNSS, 2023 की धारा 163: आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और भंडारण को प्रतिबंधित करने के आदेश इन अधिनियमों के तहत पारित किए गए हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम केंद्र सरकार को कुछ वस्तुओं को ‘आवश्यक’ घोषित करने और उनकी आपूर्ति, वितरण और मूल्य को नियंत्रित करने का अधिकार देता है ताकि वे आम लोगों को उचित मूल्य पर उपलब्ध हो सकें।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 223: यदि कोई भी व्यक्ति उपरोक्त आदेशों के उल्लंघन का दोषी पाया जाता है, तो वह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई का भागी होगा। इस धारा में लोक सेवक द्वारा प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा के लिए दंड का प्रावधान है, जिसमें कारावास, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इन आदेशों को हल्के में नहीं लिया जाएगा और उल्लंघनकर्ताओं के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

जनजीवन पर प्रभाव और संतुलन की आवश्यकता

यह स्वाभाविक है कि इन प्रतिबंधों से आम जनजीवन, विशेषकर सामाजिक और धार्मिक आयोजनों पर कुछ प्रभाव पड़ेगा। शादियों में ड्रोन से फोटोग्राफी या आतिशबाजी का न होना कुछ लोगों को खल सकता है। तथापि, प्रशासन का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की जान-माल की हिफाजत किसी भी अन्य चीज से बढ़कर है। यह एक अस्थायी दौर है और स्थिति सामान्य होते ही इन प्रतिबंधों की समीक्षा की जा सकती है। फिलहाल, यह समय संयम और सहयोग का है।

सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी हुई भूमिका

इन आदेशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्हें न केवल सीमाओं पर बल्कि जिले के भीतर भी कड़ी चौकसी बरतनी होगी। अफवाहों को फैलने से रोकना और जनता के साथ निरंतर संवाद बनाए रखना भी उनकी जिम्मेदारी का हिस्सा होगा।

समाज की सामूहिक जिम्मेदारी

 

राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सरकार या सुरक्षा बलों की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। इस संवेदनशील समय में, प्रत्येक कैथल वासी को एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभानी होगी। किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की सूचना तत्काल पुलिस को देना, अफवाहों पर ध्यान न देना और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करना हम सभी का नैतिक दायित्व है।

सतर्कता, सहयोग और संकल्प से सुरक्षित कैथल

 

कैथल जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए ये कदम वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अत्यंत आवश्यक और सराहनीय हैं। डीसी प्रीति द्वारा जारी ये आदेश उनकी दूरदर्शिता, प्रशासनिक क्षमता और आम नागरिकों की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। ड्रोन, आतिशबाजी और जमाखोरी पर प्रतिबंध न केवल संभावित खतरों को टालने में मदद करेंगे, बल्कि समाज में एक सुरक्षा और अनुशासन का माहौल भी बनाएंगे। यह समय है कि कैथल का प्रत्येक नागरिक इन प्रयासों में प्रशासन का पूर्ण सहयोग करे और यह सुनिश्चित करे कि कोई भी राष्ट्रविरोधी या समाजविरोधी तत्व अपने मंसूबों में कामयाब न हो सके। सामूहिक सतर्कता, सहयोग और राष्ट्रीय एकता के संकल्प के साथ ही हम इन चुनौतीपूर्ण समय का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं और कैथल को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण जिला बनाए रख सकते हैं। इन आदेशों का पालन करना न केवल कानूनी बाध्यता है, बल्कि एक देशभक्त नागरिक के रूप में हमारा परम कर्तव्य भी है।

 

 

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