Delhi News: चलती कार से गाय के लिए रोटी फेंकने पर दिल्‍ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने टोका, कही यह बात

नई दिल्ली, बीएनएम न्‍यूज : Delhi News: राजधानी में बेसहारा पशुओं की समस्या एक चिंताजनक विषय बन चुकी है, जिसे लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में नागरिकों से एक महत्वपूर्ण अपील की है। उनका कहना है कि लोग सड़कों पर बेसहारा पशुओं के लिए रोटी न फेंकें, क्योंकि इससे केवल पशुओं की जान को खतरा नहीं होता, बल्कि सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की एक जागरूकता वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें उन्होंने इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया है।

सड़क पर हुआ सामना

हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के केशवपुरम इलाके में एक घटना के दौरान एक व्यक्ति को चलती गाड़ी से गाय के लिए रोटी फेंकते हुए देखा। उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रोकी और उस व्यक्ति के पास गईं। उन्होंने न केवल उसे यह समझाया कि इस प्रकार का कार्य अन्न का अपमान है बल्कि साथ ही यह भी कहा कि यह जीवन को खतरे में डालने वाला काम है। उस व्यक्ति ने सुधार की बात को स्वीकार किया और भविष्य में ऐसा न करने का वचन दिया। यह घटना मुख्यमंत्री की जनता के प्रति समर्पण और सुरक्षा के प्रति उनकी चिंता का उदाहरण है।

पिछले अनुभव

यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री ने बेसहारा गायों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है। पिछले महीने, हैदरपुर फ्लाईओवर पर एक बेसहारा गाय के अचानक आने की वजह से उनका काफिला रुक गया था। उस समय, उन्होंने अधिकारियों के साथ मिलकर फैसला किया कि इन गायों को तुरंत गौशालाओं में भेजा जाए ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस प्रक्रिया के बाद से 200 से अधिक गायों को गौशालाओं में भेजा जा चुका है, लेकिन यह समस्या अब भी बनी हुई है।

निगम की स्थिति

 

बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान करने के लिए निगम को फंड की आवश्यकता है। निगम के पास सीमित संसाधन हैं और फंड की कमी के कारण वे न तो बेसहारा कुत्तों की कुल संख्या का आकलन कर पा रहे हैं और न ही गायों को गौशाला पहुंचाने के लिए मौलिक संसाधन जुटा पा रहे हैं। इस गंभीर स्थिति में, निगम के पास स्वीकृत 350 पदों में से केवल 120 कर्मी ही कार्यरत हैं। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि समस्या का समाधान करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की संख्या बहुत कम है।

अन्न का अपमान

सीएम रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा, “रोटी हमारे लिए केवल भोजन नहीं है। वह हमारी संस्कृति, श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। सड़क पर रोटी फेंkने से गाय माता और अन्य पशु वहां खाने के लिए आते हैं, जिससे न केवल उनकी जान को खतरा होता है, बल्कि सड़क पर चल रहे लोगों और वाहनों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है।” उनका यह कहना है कि अगर लोग पशुओं को भोजन कराना चाहते हैं, तो इसे किसी गौशाला या निर्धारित स्थान पर करना चाहिए।

सामाजिक जिम्मेदारी

यहां यह समझना जरूरी है कि हमें पशुओं के प्रति अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए। अन्न का अपमान नहीं होना चाहिए। अगर हम सभी मिलकर योगदान दें, तो हम इस समस्या को कम कर सकते हैं। मुख्यमंत्री की अपील के बाद, दिल्लीवासियों को यह समझने की आवश्यकता है कि छोटे-छोटे उपायों से भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

भविष्य की दिशा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह स्पष्ट संदेश है कि केवल जन जागरूकता से ही हम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। सभी नागरिकों को चाहिए कि वे किसी भी बेसहारा पशु को खाने के लिए उसकी स्थिति के अनुसार उचित स्थान पर ही भोजन दें। इसके साथ ही, निगम को आवश्यक फंड की व्यवस्था करने की दिशा में भी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि वे इस दिशा में कारगर कदम उठा सकें।

निष्कर्ष

दिल्ली की बेसहारा पशुओं की समस्या केवल एक जानवरों का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह समाज की संवेदनशीलता और हमारी सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। नागरिकों के सहयोग से हम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे शहर में सभी जीवों को सुरक्षित, स्वस्थ और सम्मानित जीवन जीने का अधिकार मिले। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अपील हमें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

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