Delhi News: जानें क्या हुआ जब दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के पैर पकड़े, ये है पूरा घटनाक्रम

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के पैर पकड़कर बस मार्शलों की बहाली के लिए समर्थन मांगते हुए।

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। Delhi News: दिल्ली में 10,000 सिविल डिफेंस वालंटियर्स (सीडीवी) अपनी नौकरी की बहाली को लेकर पिछले एक साल से संघर्ष कर रहे हैं। इस मुद्दे पर शनिवार को अचानक राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं, जिससे दिल्ली सचिवालय से लेकर राज निवास तक राजनीतिक घमासान मच गया। दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर बड़ा कदम उठाते हुए सीडीवी की बहाली को मंजूरी दे दी और भाजपा विधायकों पर दबाव डाला कि वे इसे उपराज्यपाल से पास कराएं। इस बीच, दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी रहा।

दिल्ली सरकार ने बहाली का प्रस्ताव पास किया

इस विवाद की शुरुआत शुक्रवार को भाजपा नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के पत्र से हुई, जिसमें उन्होंने पूर्व बस मार्शलों समेत सभी 10,000 सीडीवी की बहाली की मांग की थी। इस पत्र पर मुख्यमंत्री आतिशी ने शनिवार को दिल्ली सचिवालय में बैठक बुलाई, जिसमें कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन, मुकेश अहलावत और भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा और मोहन सिंह बिष्ट शामिल थे। बैठक के बाद दिल्ली सरकार ने सीडीवी की बहाली का प्रस्ताव कैबिनेट में पास किया और इसे उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेजने के लिए भाजपा पर दबाव डाला। मुख्यमंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक सीडीवी की बहाली के लिए एलजी के सामने अपनी बात नहीं रख रहे हैं, जबकि दिल्ली सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है।

हंगामा और आरोप-प्रत्यारोप

 

बैठक के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री और भाजपा विधायक राजनिवास जाने के लिए तैयार हुए। इस दौरान एक विवाद हुआ, जब दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता का पैर पकड़ लिया और उन्हें राजनिवास जाने के लिए मनाने की कोशिश की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तनातनी बढ़ गई। आप का आरोप है कि भाजपा नेता राजनिवास जाने से आनाकानी कर रहे थे, और मंत्री भारद्वाज ने उन्हें वहाँ ले जाने के लिए ऐसा किया।


इसके बाद, जब मुख्यमंत्री आतिशी और विजेंद्र गुप्ता की कार राजनिवास पहुंची, तो कुछ आप नेता और कार्यकर्ता राजनिवास के बाहर भाजपा विधायकों के साथ धक्का-मुक्की में उलझ गए। पुलिस ने विजेंद्र गुप्ता को सुरक्षित निकालने की कोशिश की, लेकिन इस घटना के बाद आप नेता ने भाजपा पर पूर्व बस मार्शलों के प्रति असंवेदनशीलता का आरोप लगाया।

भाजपा और आप के बीच बढ़ता तनाव

 

इस बीच भाजपा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आतिशी और आप नेताओं ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी कार के साथ धक्का-मुक्की की। विजेंद्र गुप्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के मंत्री और विधायक उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे थे। गुप्ता ने दावा किया कि उन्होंने उपराज्यपाल से समय लिया था और भाजपा विधायकों के दबाव में काम करने के बजाय दिल्ली सरकार ने पूरी तरह से नकारात्मक रवैया अपनाया।

महिला बस मार्शल पर भाजपा विधायक का आरोप

 

आप ने आरोप लगाया कि एक महिला बस मार्शल के साथ भाजपा विधायक ने न केवल लात मारी, बल्कि पुलिस ने भी उसे थप्पड़ मारा। इसके बाद आप ने मंत्री सौरभ भारद्वाज को निर्देश दिया कि महिला का मेडिकल कराकर भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई की जाए। भाजपा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।

सीडीवी की बहाली और राजनीतिक खींचतान

 

यह मामला 2023 के अंत में शुरू हुआ था, जब दिल्ली सरकार ने आपदा प्रबंधन में तैनात 10,000 सिविल डिफेंस वालंटियर्स को अचानक हटा दिया था। इन वालंटियर्स में से कई बस मार्शल के रूप में भी तैनात थे। हालांकि, सीडीवी की बहाली को लेकर पिछले एक साल से संघर्ष चल रहा है। दिल्ली सरकार ने 40 विभागों में इन्हें तैनात किया था, लेकिन हटाए जाने के बाद इनकी सेवाएं बहाल करने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। भाजपा भी इस मुद्दे पर सक्रिय है और दावा करती है कि सीडीवी की बहाली के लिए उन्होंने कई बार उपराज्यपाल से मुलाकात की है।

राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रिया

 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस संघर्ष में भाजपा के समर्थन का दावा किया है और कहा है कि वे लगातार सीडीवी की बहाली के लिए आवाज उठा रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेता भी इस मुद्दे पर दुख जताते हुए दावा कर रहे हैं कि भाजपा ने सीडीवी की बहाली के लिए किसी तरह का ठोस कदम नहीं उठाया है।

राजनीतिक दलों के बीच खींचतान

दिल्ली में सिविल डिफेंस वालंटियर्स की बहाली को लेकर राजनीतिक दलों के बीच खींचतान बढ़ चुकी है। एक ओर दिल्ली सरकार ने सीडीवी की बहाली को मंजूरी दे दी है, वहीं भाजपा विधायकों पर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया गया है। इस मुद्दे के राजनीतिक रंग लेने से पहले ही दिल्ली में सीडीवी के समर्थन में कई प्रदर्शन हो चुके हैं और आगामी विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही यह विवाद और तेज हो सकता है।

बस मार्शलों ने की एलजी से मुलाकात

 

नियमित नियुक्ति की मांग को लेकर बस मार्शलों के एक प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात की। इस दौरान बस मार्शलों के 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने एलजी के सामने दोबारा नौकरी दिलाने सहित एक-एक करके कई मांगे रखीं और ज्ञापन सौंपा। इन मांगों पर एलजी ने सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया। जानकारी के अनुसार प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने नौकरी से हटाये जाने के दौरान बिना पैसों के जीवन यापन करने में आ रही परेशानियों से लेकर घर का खर्च तक चलने में होने वाली परेशानियों की एलजी को विस्तार से जानकारी दी। वहीं एलजी ने भी बस मार्शलों से मांगों व उनको हो रही परेशानियों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि आपकी परेशानियों को हम अच्छी तरह से समझ सकते हैं। आपको मांगों पर सकारात्मक तरीके से विचार किया जाएगा।

ये है पूरा घटनाक्रम

– 2015 में सरकार ने बस मार्शल नियुक्त करने का फैसला लिया
– मुख्यमंत्री की सहमति पर कैबिनेट से मंजूरी पर करीब 10 हजार बस मार्शलों को तैनात किया गया
– एक नवंबर 2023 को बस मार्शलों को नौकरी से हटाया गया
– इनके पक्ष में तत्कालीन मंत्री आतिशी ने 15 नवंबर 2023 को तत्कालीन सीएम को चिट्ठी लिखी
– केजरीवाल ने 27 अक्तूबर 2023 को एलजी को चिट्ठी लिखकर इन्हें हटाने पर आपत्ति जताई

 

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