Dimpal Yadav: स्वामी प्रसाद मौर्य पर बरसीं डिंपल यादव, प्राण प्रतिष्ठा में जाने पर दिया बड़ा बयान
मैनपुरी, BNM News: Dimple Yadav On swami prasad maurya: स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म पर दिए गए विवादित बयान पर सपा पल्ला झाड़ती नजर आ रही है। मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने स्वामी के बयान पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ये उनकी मानसिकता को दर्शाता है। उनके चरित्र को दर्शाता है। जहां राम राज्य की और सनातन की बात हो रही है। ऐसे में ये उनकी मानसिकता को दर्शाता है। वहीं, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जाने को लेकर डिंपल ने कहा कि आमंत्रण आएगा तो रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में जरूर जाएंगे।
डिंपल यादव कहा- ये उनका व्यक्तिगत बयान
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद डिंपल यादव ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने कभी भी किसी भी जात धर्म पर टिप्पणी करने को सही नहीं कहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर 28 अगस्त को डिंपल यादव ने पहले भी बयान दिया था कि वह हिंदू धर्म की है।
अखिलेश यादव ने भी स्वीकारा-स्वामी का बयान गलत
बीते 23 दिसंबर को लखनऊ की सपा कार्यालय स्थित प्रबुद्ध वर्ग की बैठक में अखिलेश यादव ने स्वीकारा था कि स्वामी प्रसाद का जो बयान है, वह गलत है। सपा या सपा के नेता किसी भी जाति धर्म पर की गई टिप्पणी के विरोध में है। बीते शनिवार की शाम प्रबुद्ध वर्ग की बैठक में मौजूद सभी पदाधिकारी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की विवादित बयान को लेकर अखिलेश यादव की मौजूदगी में बोला कि इस बयान से समाजवादी पार्टी को बहुत नुकसान हुआ है। सपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा नुकसान स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की वजह से हुआ। उन्होंने हिंदू और ब्राह्मण वर्ग को लेकर जो भी बोला है। जिससे सभी दुखी हुए समाजवादी पार्टी से दूर होते गए।
हिंदू धर्म को लेकर स्वामी प्रसाद की टिप्पणी
दिल्ली में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इसका एक वीडियो सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म एक धोखा है। वैसे भी 1995 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं, जीवन जीने की शैली है।
जानें- राम मंदिर को लेकर डिंपल ने क्या कहा
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी पहुंचीं सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का निमंत्रण अगर नहीं मिलता है तो भी हम जाएंगे। भले ही निर्धारित तिथि के बाद जाएं। आराध्य को राजनीति में नहीं बांधना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नहीं बुलाने की मांग भाजपा की सोच को उजागर करती है। भगवान राम की बात करना ही पर्याप्त नहीं है उनके आदर्श को भी अपने जीवन में उतारना चाहिए।