DU News: डीएसई के शिक्षकों ने पीएचडी प्रवेश में नियम उल्लंघन का लगाया आरोप, जानें क्या है मामला

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: DU News: दिल्ली स्कूल आफ इकोनमिक्स (DSE) के शिक्षकों ने विभाग में पीएचडी प्रवेश को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो. रोहिणी सोमनाथन पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। इसको लेकर उन्होंने कुलपति प्रो. योगेश सिंह को पत्र लिखा है। इस बारे में सिलसिलेवार जानकारी दी है।

हस्तक्षेप से लगा बदलाव पर रोक

शिक्षकों ने अपने पत्र में कहा है कि पीएचडी में प्रवेश के दूसरे चरण में विभाग अनुसंधान समिति (DRC) के कुछ सदस्यों के प्रतिरोध के बावजूद विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति ने मनमाने ढंग से सीयूईटी न्यूनतम स्कोर बढ़ा दिया। साक्षात्कार के योग्य होने के लिए पीएचडी आवेदकों के लिए मानदंड चिह्नित किए गए हैं। पीएचडी अध्यादेश के अनुसार, साक्षात्कार के लिए अनारक्षित उम्मीदवारों के लिए जरूरी अंक 50 प्रतिशत और आरक्षित श्रेणियों के लिए 45 प्रतिशत (अतिरिक्त छूट के साथ) निर्धारित किए गए थे। हालांकि, विभागाध्यक्ष के नेतृत्व वाली समिति ने इसे अनारक्षित उम्मीदवारों के लिए 55 प्रतिशत और आरक्षित श्रेणियों के आवेदकों के लिए 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया। मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन के समय पर हस्तक्षेप ने इस बदलाव को रोक दिया। इस नोटिस को वापस लेने के बावजूद बाद का नोटिस इस मुद्दे को सुधारने में विफल रहा।

आरक्षण नीति का उल्लंघन

इसके अलावा, प्रारंभिक गलत नोटिस ने पहले ही आवेदकों के बीच भ्रम फैला दिया था, जिसके कारण पंजीकरण प्रक्रिया को सुधार के बाद फिर से नहीं खोला गया, इस प्रकार प्रभावित आवेदकों को साक्षात्कार में भाग लेने का अवसर नहीं मिला। इस उल्लंघन के परिणाम गंभीर थे, कुछ विशेष श्रेणियां किसी भी आवेदक को आकर्षित करने में विफल रहीं। शिक्षकों ने कहा कि इसके अलावा, दूसरे चरण में प्रवेश प्रक्रिया ने देश और विश्वविद्यालय की आरक्षण नीति का भी उल्लंघन किया। विश्वविद्यालय के मानक मानदंडों के अनुसार प्रवेश नोटिस में सामाजिक श्रेणियों में रिक्तियों की संख्या स्पष्ट रूप से बताई जानी चाहिए। हालांकि, दोनों नोटिसों से यह स्पष्ट है कि आरक्षण नीति का उल्लंघन करने के इरादे से ऐसे मानदंडों की अवहेलना की गई थी। इसके अतिरिक्त, विभाग के परिणामों का प्रकाशन चयनित आवेदकों की सामाजिक श्रेणियों के संबंध में किसी भी जानकारी का खुलासा करने में विफल रहा। प्रवेश के दूसरे चरण के दौरान रिक्ति से अधिक उम्मीदवारों का चयन और पारदर्शिता की कमी आरक्षण नीति के गंभीर उल्लंघन का संकेत देती है। ऐसे उल्लंघनों के लिए गहन जांच और उचित कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने पत्र में और भी मुद्दे उठाए हैं। उनके पत्र पर डीयू के रजिस्ट्रार डा. विकास गुप्ता ने कहा कि कुलपति ने कुछ प्वाइंट पर विभागाध्यक्ष से प्रश्न पूछे हैं। उसके उत्तर आने के बाद सभी को अवगत कराया जाएगा।

Tag-Delhi University, DU News, DSE teachers, PhD admission, Delhi School of Economics, Yogesh Singh

You may have missed