Earthquake: असम के तेजपुर में कांपी धरती, भूकंप के झटकों से दहशत में लोग; रिक्टर स्केल पर इतनी तीव्रता मापी गई

गुवाहाटी, एजेंसी: Earthquake tremors in Assam: असम के तेजपुर में बुधवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस दौरान लोग दहशत में आ गए और अपने-अपने घरों-दफ्तरों के बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप के झटके सुबह पांच बजकर 53 मिनट पर महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई। हालांकि इस भूकंप के झटकों से किसी भी तरह के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। बता दें कि इससे पहले 7 दिसंबर को भी असम में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। असम के गुवाहाटी शह में भूकंप के झटके सुबह 5.42 बजे महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 3.5 मापी गई थी।

भूकंप आने पर क्या करें

जब भी भूकंप के झटके महसूस हो तो आप जल्द से जल्द घर से बाहर किसी खुले स्थान पर आने की कोशिश करें। अगर आप घर के भीतर फंस गए हैं तो किसी बेड या मजबूत टेबल के नीचे खुद को छिपाने की कोशिश करें।  यही नहीं आप घर के कोने में भी खड़े हो सकते हैं। भूकंप आने पर लिफ्ट का कतई प्रयोग नहीं करना चाहिए। खुले स्थान पर जाना चाहिए, लेकिन पेड़ और बिजली के खंबो से दूर रहना चाहिए।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापा जाता है भूकंप की तीव्रता ?

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

You may have missed