Ebrahim Raisi Death: हेलीकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति रईसी समेत सभी सवारों की मौत, पीएम मोदी ने शोक जताया
तेहरान, एजेंसी। Ebrahim Raisi Death: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को लेकर जा रहे काफिले का हेलीकॉप्टर रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ईरानी एजेंसी ने दावा किया है कि हेलीकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति रईसी समेत सभी सवारों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बताया है कि राहत-बचाव दल दुर्घटना वाली जगह पर पहुंच गया है। ईरानी रेड क्रीसेंट के प्रमुख ने कहा कि बचाव टीमों से पता चल रहा है कि हेलीकॉप्टर का पूरा केबिन काफी क्षतिग्रस्त और जल गया है।
पीएम मोदी ने शोक जताया
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि डॉ. सैयद इब्राहिम रईसी के दुखद निधन से गहरा दुख और झटका लगा है। उन्होंने कहा कि रईसी का भारत-ईरान के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में दिया गया योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के लिए मेरी संवेदनाएं। इस दुख की घड़ी में भारत, ईरान के साथ खड़ा है।
बचाव कार्य में 16 टीमों को लगाया गया
रिपोर्ट्स के अनुसार, पायलट ने हेलीकॉप्टर से नियंत्रण खो दिया, जिसके चलते हादसा हुआ। बचाव कार्य में 16 टीमों को लगाया गया है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (63 वर्षीय) पूर्वी अजरबैजान से लौट रहे थे। इसी दौरान अजरबैजान के सीमावर्ती शहर जोल्फा के करीब दुर्घटना घटी, जो ईरान की राजधानी तेहरान से 600 किलोमीटर दूर है।
राष्टपति रईसी के साथ हेलिकॉप्टर में कौन-कौन थे सवार?
ईरानी समाचार एजेंसी तस्नीम ने बताया कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ उस हेलिकॉप्टर में विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती, तबरीज की शाही इमाम मोहम्मद अली अलहाशेम के साथ-साथ एक पायलट, को-पायलट, चालक दल प्रमुख, सुरक्षा प्रमुख और एक सुरक्षा गार्ड सवार थे।ईरानी मीडिया के अनुसार, ईरानी राष्ट्रपति के काफिले में तीन हेलीकॉप्टर थे और इनमें से दो हेलीकॉप्टर सुरक्षित अपने गंतव्य पर उतर चुके हैं।
ईरानी संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की मृत्यु के मामले में पहला उपराष्ट्रपति तब तक पदभार संभालेगा, जब तक कि अधिकतम 50 दिनों के भीतर चुनाव नहीं हो जाता।
कौन हैं ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी?
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का जन्म 1960 में उत्तरी पूर्वी ईरान के मशहद शहर में हुआ था। रईसी के पिता एक मौलवी थे, लेकिन रईसी जब सिर्फ पांच साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया थ। रईसी की शुरुआत से ही धर्म और राजनीति की ओर झुकाव रहा और वो छात्र जीवन में ही मोहम्मद रेजा शाह के खिलाफ सड़कों पर उतर गए। रेजा शाह को पश्चिमी देशों को समर्थक माना जाता था।
15 साल की उम्र में ही शुरू की थी पढ़ाई
पूर्वी ईरान के मशहद शहर में शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र मानी जाने वाली मस्जिद भी है। वे कम उम्र में ही ऊंचे ओहदे पर पहुंच गए थे। अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए उन्होंने 15 साल की उम्र से ही कोम शहर में स्थित एक शिया संस्थान में पढ़ाई शुरू कर दी थी। अपने छात्र जीवन में उन्होंने पश्चिमी देशों से समर्थित मोहम्मद रेजा शाह के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। बाद में अयातोल्ला रुहोल्ला खुमैनी ने इस्लामिक क्रांति के जारिए साल 1979 में शाह को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
2021 में बने राष्ट्रपति
- सिर्फ 20 साल की उम्र में ही उन्हें तेहरान के करीब स्थित कराज का महा-अभियोजक नियुक्त कर दिया गया था।
- साल 1989 से 1994 के बीच रईसी, तेहरान के महा-अभियोजक रहे और इसके बाद 2004 से अगले एक दशक तक न्यायिक प्राधिकरण के डिप्टी चीफ रहे।
- साल 2014 में वो ईरान के महाभियोजक बन गए थे। ईरानी न्यायपालिका के प्रमुख रहे रईसी के राजनीतिक विचार ‘अति कट्टरपंथी’ माने जाते हैं।
- उन्हें ईरान के कट्टरपंथी नेता और देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्लाह अली खुमैनी का करीबी माना जाता है।
- वे जून 2021 में उदारवादी हसन रूहानी की जगह इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे।
- चुनाव अभियान के दौरान रईसी ने खुद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में प्रचारित किया था कि वे रूहानी शासन के दौरान पैदा हुए भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट से निपटने के लिए सबसे अच्छे विकल्प हैं।
- इब्राहीम रईसी, शिया परंपरा के मुताबिक हमेशा काली पगड़ी पहनते थे, जो यह बताती है कि वो पैगंबर मुहम्मद के वंशज हैं।
- उन्हें ‘हुज्जातुलइस्लाम’ यानी ‘इस्लाम का सबूत’ की धार्मिक पदवी भी दी गई है।
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