UK जा रही है ईडी, सीबीआई व एनआईए की टीम, विजय माल्या, नीरव मोदी, संजय भंडारी जैसे भगोड़ों की जल्द होगी वापसी
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में करोड़ों-अरबों का घपला कर विदेश भागने वाले अपराधियों पर शिकंजा कसने वाला है। उनकी बहानेबाजी नहीं चलने वाली है। उनकी जल्द वापसी के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जो घोटालेबाज ब्रिटेन में बैठे हैं, उसे वापस भारत लाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की एक टीम गठित की गई है। सरकार केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से बने एक उच्च स्तरीय दल को जल्द UK रवाना कर रही है। इसका लक्ष्य भारत के मोस्ट वॉन्टेड भगोड़ों को वापस लाने की प्रक्रिया को तेज करना है, जिनमें किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर विजय माल्या हीरा व्यापारी नीरव मोदी और हथियार डीलर संजय भंडारी शामिल हैं। नीरव मोदी पर पीएनबी की 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के धोखाधड़ी के आरोप हैं, जबकि बैंकों को ठगने के लिए विजय माल्या की 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क और जब्त की गई थी। वहीं ईडी कई रक्षा सौदों में कथित तौर पर मिले रिश्वत के सिलसिले में संजय भंडारी, थंपी और रॉबर्ट वाड्रा की जांच कर रही है। इसके अलावा सरकारी एजेंसी की टीम भगोड़ों की अवैध कमाई का पता लगाने की भी कोशिश करेगी, जो उन्होंने ब्रिटेन और अन्य देशों में संपत्ति खरीदने पर खर्च की है।
ब्रिटिश अधिकारियों के साथ होगी बैठक
सूत्रों का कहना है कि इस दल की अगुवाई विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं। लंदन में भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ बैठकें तय की हैं। इन बैठकों से पता चलेगा चले कि भगोड़ों ने लंदन में कितनी संपत्ति हथियाई है और उनके बैंक खातों में क्या लेनदेन हुए हैं।
अटका पड़ा है तीनों भगोंड़ों का प्रत्यर्पण
विजय माल्या, नीरव मोदी और संजय भंडारी का प्रत्यर्पण फिलहाल UK में अटका हुआ है क्योंकि उन्होंने भारत वापसी के खिलाफ ब्रिटेन की उच्च अदालतों में अपील कर रखी है। ईडी ने पहले ही भारत में उनकी संपत्तियों को जब्त कर चुकी है। माल्या और मोदी की हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति बेचकर बैंकों का बकाया चुकाया जा चुका है। एजेंसी ने भारत में संजय भंडारी की 26 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति पहले ही कुर्क कर ली है और उसके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया है, जबकि एक विशेष अदालत ने उसे विजय माल्या और नीरव मोदी की तरह भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है।
हथियार डीलर भंडारी 2016 में फरार हो गया था। प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग ने यूपीए सरकार के दौरान हुए कई रक्षा सौदों की जांच शुरू की थी। ईडी के मुताबिक, भंडारी ने लंदन और दुबई में संपत्ति हथिया ली थी, जिन्हें बाद में रॉबर्ट वाड्रा के सहयोगी माने जाने वाले सीसी थंपी के नियंत्रण वाली कंपनियों के नाम कर दिया गया था।
एमएलएटी के तहत होगी बातचीत
लंदन जाने वाला दल लंबित सूचनाओं के आदान-प्रदान पर बातचीत करने वाला है, जो आपसी कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत काफी समय से UK के अधिकारियों के पास लंबित है। भारत और ब्रिटेन दोनों ही एमएलएटी के हस्ताक्षरकर्ता हैं और आर्थिक अपराधियों और अन्य से जुड़े आपराधिक मामलों की जांच के लिए सूचना साझा करने के लिए बाध्य हैं।
गृह और विदेश मंत्रालय की मिली-जुली भागीदारी
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय एमएलएटी से संबंधित मामलों को देखने के लिए नोडल मिनिस्ट्री है, लेकिन इस मामले में ब्रिटेन के साथ बातचीत के लिए विदेश मंत्रालय को शामिल किया गया है क्योंकि सभी अनुरोध उसी के जरिए दूसरे देशों को भेजे जाते हैं।