UNSC में भारत की दावेदारी के समर्थन में उतरे मस्क, कहा- दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश इसका सदस्य नहीं
नई दिल्ली, BNM News। दुनिया के प्रसिद्ध उद्योगपति व टेस्ला कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार करने और इसमें भारत की दावेदारी का समर्थन करके इस बहस को और तेज कर दिया है। मस्क भारत में निवेश करने की तैयारी में हैं और उनका समर्थन उस समय आया है जब संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर गठित पहली अंतरसरकारी चर्चा की शुरुआत हुई है और इसमें भारत ने UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए दावेदारी करने वाले दूसरे देशों के साथ मजबूती से पक्ष रखा है। फ्रांस ने भी एक बयान जारी कर भारत व दूसरे सक्षम देशों की दावेदारी का समर्थन किया है।
गुटेरस की तरफ से अफ्रीकी देशों के पक्ष में आया बयान
संयुक्त राष्ट्र में सुधार को लेकर नई बहस की शुरूआत यूएन के महासचिव एंटोनी गुटेरस की तरफ से अफ्रीकी देशों के पक्ष में एक बयान आने के बाद हुई है। गुटेरस ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा- ‘ हम यह कैसे स्वीकार कर सकते हैं कि UNSC में अफ्रीका का एक भी स्थायी सदस्य नहीं है। ये संस्थान आज की दुनिया को परिलक्षित करना चाहिए, न कि 80 वर्ष पुरानी दुनिया को।’ उन्होंने सितंबर, 2024 में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक गवर्नेंस में सुधार के एजेंडे को अवसर के तौर पर चिह्नित किया है। गुटेरस के इस बयान पर इजरायल के उद्योगपति माइकल आइजनबर्ग ने पूछा- ‘ और भारत के बारे में क्या विचार है? बेहतर होगा कि यूएन को खत्म किया जाए और इसकी जगह नए नेतृत्व में नया संगठन गठित हो।’
बड़ी शक्तियां अपनी शक्ति छोड़ना नहीं चाहतीं
इस पर एलन मस्क ने कहा – ‘संयुक्त राष्ट्र में कभी न कभी सुधार करना ही होगा। समस्या यह है कि बड़ी शक्तियां अपनी शक्ति छोड़ना नहीं चाहतीं। यह बहुत ही बेतुका है कि दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश भारत इसका सदस्य नहीं है। अफ्रीका को एक स्थायी सीट मिलनी चाहिए।’ मस्क की कंपनी अब इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स का भी मालिकाना अधिकार खरीद चुकी है। बहरहाल, एक्स पर उनको फालो करने वालों की संख्या 17 करोड़ के करीब है और भारत के पक्ष में उनका आवाज उठाना काफी प्रचारित भी हुआ है।
सुरक्षा परिषद में सुधार पर अतंरसरकारी वार्ता शुरू
इंटरनेट मीडिया पर इस बहस से अलग संयुक्त राष्ट्र में सुधार को लेकर पहली बार विभिन्न सरकारों के बीच विमर्श का दौर शुरू हुआ है। इस बैठक में भारत ने जापान, जर्मनी और ब्राजील के साथ मिलकर अपनी बात रखी है। सनद रहे कि इन चारों देशों के समूह को ग्रुप-फोर के नाम से जाना जाता है और पूर्व में इनके विदेश मंत्रियों की कई बार मुलाकात हो चुकी है। पहली बैठक में मैक्सिको की तरफ से पूर्व दिए गए सुधार प्रस्ताव पर चर्चा हुई है। इस प्रस्ताव में पांच स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाए बगैर सुधार की बात कही गई है। जी-फोर ने इस प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया है। जी-फोर के बयान में कहा गया है कि इस तरह का सुधार मौजूदा वैश्विक माहौल का सही प्रतिनिधित्व नहीं करेगा। इस बैठक में यूएन के सदस्यों को स्थायी सदस्य के तौर पर चयनित करने के प्रस्ताव पर भी विचार हो रहा है जो लिकटनस्टाइन की तरफ से आया है। जी-फोर ने इसके बारे में और विस्तृत जानकारी मांगी है मसल वीटो पावर देने का निर्धारण कैसे होगा आदि।
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