चुनाव आयोग ने राम रहीम की पैरोल मंजूर की, हरियाणा में रहने और चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाई

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनावों के मद्देनजर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल पर जेल से बाहर आने की अनुमति मिल गई है। चुनाव आयोग ने इसे सशर्त मंजूरी दी है, जिसमें तीन प्रमुख शर्तें शामिल हैं।

क्या हैं शर्तें

राम रहीम हरियाणा में नहीं रहेंगे।
वह किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेंगे।
सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार नहीं करेंगे।

यदि राम रहीम इन शर्तों का उल्लंघन करते हैं, तो उनकी पैरोल तुरंत रद्द कर दी जाएगी और उन्हें वापस जेल भेजने के निर्देश दिए जाएंगे। यह कदम चुनावी संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसका प्रभाव हरियाणा की 36 विधानसभा सीटों पर पड़ सकता है।

राम रहीम यौन शोषण और हत्या के मामलों में रोहतक जेल में सजा काट रहे हैं, और पैरोल के दौरान वह उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहेंगे। रोहतक की सुनारिया जेल में दुष्कर्म व हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा प्रमुख राम रहीम को सातवीं बार 13 अगस्त को 21 दिनों की फरलो मिली थी। 5 सितंबर को पैरोल के बाद सुनारिया जेल लौट आया था।

पिछली बार 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था

साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम 20 साल की कैद काट रहा है। उसने हाल ही में सरकार से इमरजेंसी पैरोल मांगी थी। जेल विभाग को आवेदन कर 20 दिन की पैरोल देने के लिए कहा। इस दौरान उसने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहने की बात कही। इससे पहले राम रहीम अगस्त में 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था।

2 केस में कैद, एक में बरी हो चुका राम रहीम

गुरमीत राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में दोषी ठहराया गया था। इसी साल 27 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया गया। इस केस में 28 अगस्त 2017 को उसे 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।

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