Faridabad News: अंडरपास के जलभराव में कार डूबने से एचडीएफसी बैंक के VP और कैशियर की मौत

वाइस प्रेसीडेंट पुन्याश्रय शर्मा और विराज द्विवेदी।

नरेन्द सहारण, फरीदाबाद : Faridabad News: हरियाणा के फरीदाबद में सिस्टम की लापरवाही ने एचडीएफसी बैंक के वाइस प्रेसीडेंट (रिटेल ब्रांच बैंकिंग) व कैशियर की जान ले ली। देर रात दोनों की कार हाईवे से जुड़े ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास के जलभराव में फंस गई, जिसमें वह डूब गए। वाइस प्रेसीडेंट पुन्याश्रय शर्मा को पुलिस ने कुछ ही देर में बाहर निकाल लिया, पर उसकी मौत हो चुकी थी, जबकि कैशियर का शव ढूंढने के लिए पुलिस को एसडीआरएफ की टीम बुलानी पड़ी। गोताखोर स्टीमर लेकर पानी में उतरे। चार घंटे बाद लोहे के जाल की मदद से शव निकाला जा सका। अंडरपास में करीब सात फुट पानी जमा था, इसके बावजूद पुलिस की ओर से अंडरपास में बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। यदि बैरिकेडिंग होती तो कार अंदर जाती ही नहीं। जलभराव ना हो, इसके लिए नगर निगम ने कोई इंतजाम नहीं किए थे। हर बार वर्षा होने पर यहां जलभराव होता है और अब इसने दो बैंक अधिकारियों की जान ले ली।

पानी में खड़ी मृतक बैंक मैनेजर की गाड़ी।

अंडरपास के अंदर कार बंद हो गई

मूलरूप से घूरामऊ, संजय नगर सीतापुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले पुन्याश्रय शर्मा यहां पांच साल से ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित ओमेक्स हाईट्स में पत्नी संध्या, 15 साल के बेटे सात्विक और आठ साल की बेटी आरु के साथ रह रहे थे। गुरुग्राम सेक्टर-31 स्थित एचडीएफसी बैंक में कार्यरत पुन्याश्रय शर्मा अपने कैशियर विराज द्विवेदी निवासी भीटी दुबानेका पूरवा, आंबेडकर नगर, उत्तर प्रदेश के साथ शुक्रवार रात को अपनी एक्सयूवी-700 कार में ग्रेटर फरीदाबाद आ रहे थे। विराज द्विवेदी गुरुग्राम के इफको चौक, ए-31ए में रहते थे। इन दोनों को शनिवार को दिल्ली जाना था, इसलिए विराज साथ आए थे। कार विराज चला रहे थे और ग्रेटर फरीदाबाद जाने के लिए ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास में प्रवेश कर गए। शुक्रवार को दिन भर वर्षा हुई थी और इस कारण वहां काफी पानी भरा था। जैसे ही कार अंडरपास में आगे बढ़ी, पानी अंदर घुस गया और कार बंद हो गई। दोनों ने खतरा महसूस किया और कार का दरवाजा खोलकर बाहर आ गए। दोनों ने बचाव के लिए हाथ-पैर मारे, लेकिन गहरे पानी में डूबते चले गए।

रुकने का इशारा भी किया था

थाना एनआइटी प्रभारी सुमेर के दावों पर यकीन करें तो अंडरपास के पास पुलिस की राइडर तैनात खड़ी थी। दूर से कार सवार को रुकने का इशारा भी किया था, पर कार नहीं रुकी। अब सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर राइडर ने रुकने का संकेत किया और नहीं रुके तो पुलिस ने स्थिति को भांपते हुए फौरी तौर पर बचाव के उपाय क्यों नहीं किए। यह भी जानकारी मिली है कि बैरिकेडिंग के रूप में अंडरपास के एक ओर लाल रंग के कोण रखे गए थे जो पानी में बह गए। सूचना मिलने पर रात में ही डीसीपी एनआइटी कुलदीप, डीसीपी ट्रैफिक ऊषा, एसीपी मोनिका पुलिस टीम के साथ पहुंच गए थे, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विराज के गाजियाबाद में रहने वाले बड़े भाई विक्रम का कहना है कि यह हादसा लापरवाही की वजह से हुआ है। स्वजन ने नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही बरतने की शिकायत एनआइटी थाने में दी है। पुलिस ने दोनों के शव का पोस्टमार्टम करा स्वजन को सौंप दिया है।

 

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