कई राज्यों में धान खरीद में सुस्ती से किसान हैं परेशान, सरकार ने बताया कारण
नरेन्द्र सहारण, चंढ़ीगढ़ः पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मंडियों में धान की सरकारी खरीद प्रक्रिया इस समय जारी है, लेकिन अधिक नमी के कारण खरीदारी की रफ्तार धीमी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद के लिए निर्धारित अधिकतम नमी सीमा 17 प्रतिशत है, जबकि मानसून की देर से वापसी के कारण धान में 25 से 27 प्रतिशत तक नमी पाई जा रही है। इस स्थिति ने किसानों को चिंता में डाल दिया है, क्योंकि उन्हें खेत खाली करके अगली फसल की तैयारी करनी है, लेकिन धान की बढ़ी नमी के कारण उन्हें बेचने में दिक्कत हो रही है।
नमी की अधिकतम सीमा में छूट दी जाए
कई किसान मंडियों में लंबी कतारों में धान बेचने का इंतजार कर रहे हैं। किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि नमी की अधिकतम सीमा में छूट दी जाए। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए धान की सामान्य किस्म की एमएसपी 2,300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए की दर 2,320 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है।
मंडियों में धान सुखाने की सुविधा
इस खरीफ सीजन में सरकार ने 485 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वर्ष की 463 लाख टन खरीद से 22 लाख टन अधिक है। हालांकि, खरीद एजेंसियां 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाले धान की खरीद नहीं करतीं, लेकिन जरूरत पड़ने पर मंडियों में धान सुखाने की सुविधा दी जाती है। इसके बावजूद किसान चाहते हैं कि नमी की सीमा में और छूट दी जाए ताकि वे अपनी फसल बेच सकें।
मानसून की देर से वापसी है कारण
इस बार धान में अधिक नमी का मुख्य कारण मानसून की देर से वापसी है। सामान्य तौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून उत्तर भारत से वापस चला जाता है, लेकिन इस बार वह करीब दो सप्ताह देर से लौटा और जाते-जाते भी कई राज्यों में भारी बारिश कर दी। इसके कारण धान की फसल पूरी तरह नहीं सूख पाई, और गीली फसल काटने के कारण धान के दाने भी टूट रहे हैं। मानकों के अनुसार, टूटे हुए दानों की मात्रा छह प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
हरियाणा में धान की सरकारी खरीद 25 सितंबर से शुरू हो गई थी, जबकि पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से खरीदारी चल रही है। हालांकि, अधिक नमी और गोदामों में पिछले स्टॉक के कारण खरीद प्रक्रिया काफी धीमी है। एफसीआई का कहना है कि अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से खरीद में तेजी आने की उम्मीद है।
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