Haryana Farmers: हरियाणा में बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे के लिए धक्के खाने पर मजबूर किसान

नरेन्द्र सहारण चंडीगढ़ः हरियाणा प्रदेश के किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। पहली बेमौसमी बारिश-ओलावृष्टि और दूसरी समय पर मुआवजा न मिलना। पिछले चार साल में बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि व बीमारी से रबी और खरीफ की फसलें नष्ट होती रही हैं। इस नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना के तहत किसानों का साल 2021 से लेकर अब तक 422 करोड़ रुपए से ज्यादा मुआवजा बकाया है। हिसार समेत कई जिलों में वर्ष 2020 का मुआवजा भी बकाया है।
वर्ष 2021-22 के 10.3 करोड़ रुपए, 2022-23 के 18 लाख रुपए बकाया है। यह एनईएफटी एवं पीएफएमएस की अस्वीकृति के कारण हुआ है। जबकि वर्ष 2022- 23 के बकाया दावे के रूप में 154.4 करोड़ रुपए बकाया है। यह राशि 164.88 करोड़ रुपए है। हालांकि, सरकार के अनुसार, इसका कारण बैंक खाते बंद होना, बैंक का विलय, दावेदार की मृत्यु, किसान द्वारा आधार सीडिंग नहीं करना बताया गया है। जबकि किसान मुआवजे के लिए बैंक व सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। इसी तरह बीमा कंपनी की लापरवाही सामने आई है। प्रदेश के 15 जिलों के किसानों की खरीफ 2023 की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 258 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। इनमें भिवानी के 147 करोड़, फतेहाबाद के 32.96 करोड़, दादरी के 17.99 करोड़ बकाया है।
हिसार और भिवानी में सबसे ज्यादा नुकसान
कृषि विभाग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने हिसार और भिवानी जिलों में सरसों और गेहूं की फसल पर कहर बरपाया है। कृषि विभाग द्वारा हिसार में सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, हिसार जिले में करीब एक लाख एकड़ में गेहूं की फसल और 38 हजार एकड़ में सरसों की फसल को 51 से 75 फीसदी तक नुकसान हुआ है। इसके अलावा, हिसार में 4,571 एकड़ में सरसों की फसल और 230 एकड़ में गेहूं की फसल को 76 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा, 43,220 एकड़ में सरसों की फसल और 39,065 एकड़ में गेहूं की फसल 26 से 50 प्रतिशत तक खराब हो गई। शेष खेतों में 25% से कम क्षति की सूचना मिली थी। हिसार में 4,17,032 एकड़ क्षेत्र में गेहूं की खेती होती है और 1,30,867 एकड़ में सरसों की खेती होती है।
सबसे ज्यादा भिवानी के 100 करोड़ रुपये बकाया
• भिवानीः 2023 के फसल
बीमा कलेम के 100 करोड़ रुपए का मुआवजा बकाया है।
• हिसारः 2020 और 2022 में खराब हुई फसलों का 88 करोड़
रुपए मुआवजा नहीं मिला। • फतेहाबादः वर्ष 2021 के 15 करोड़ रुपए नहीं मिले।
• सोनीपतः 2023 की फसलों के 2 करोड़ रुपए नहीं मिले।
• जींदः 2022-23 का 60 लाख रुपए मुआवजा बाकी है।
• चरखी दादरीः 2022-2023 के 55 लाख रुपए बकाया हैं।
• यमुनानगरः 2022 में खराब हुई गेहूं की फसल के 50 लाख रुपए बकाया है।
• नारनौलः वर्ष 2023 का 10 लाख रुपए बकाया है।
(नोटः जिलों से मिली बकाया मुआवजा राशि की जानकारी।)
क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज कराएं नुकसान
सीएम सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हाल में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि के कारण हुए फसली नुकसान की जानकारी क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 15 मार्च तक दर्ज कराएं। यह पोर्टल www. ekshatipurti.haryana.gov. in उपलब्ध है।
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