जंगल जानवरों का है, जिसमें मानवों का दखल सही नहीं है: कार्की

जंगल जानवरों का है। जंगल पर मानव अतिक्रमण के कारण ही जंगली जानवर रिहायसी इलाकों में दाखिल होकर आम लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं। ये बांते नेपाल कोशी प्रदेश के मुख्यमंत्री केदार कार्की ने विराटनगर स्थित अपने कार्यालय वेश्म में कही। उन्होंने भारत के पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि खासकर भारत -नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में आए दिनों हाथियों का उपद्रव बढ़ा है। इसके लिए हमें जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा जंगल में रहने वाले जानवर हमारे दुश्मन नहीं दोस्त हैं। बस हमें उन्हें समझने की आवश्यकता है।

350 किलोमीटर की यात्रा कर मुख्यमंत्री ने लोगों को किया जागरूक

कार्की ने कहां कि हाथियों द्वारा रिहायशी इलाके में हस्तक्षेप से होने वाले नुकसान को कम करने के वन विभाग,जानवरों पर रिसर्च करने वाले विशेषज्ञ एवं जंगल और जानवरों को करीब से जानने वाले लोगों से मुलाकात से पता चला कि आमलोगों का जंगल में हस्तक्षेप ही हाथियों को उपद्रव के लिए बाध्य करता है।

हाथी देवतुल्य मानव के बाद दूसरा सबसे बुद्धिजीवी जानवर

कार्की ने कहां कि हाथी मनुष्य के बाद दूसरा सबसे बुद्धिजीवी जानवर है, जिसके जंगल में रहने का तरीका अलग है। जिसके जंगल में रहने, खाने से लेकर उसके जीवन की दैनिक दिनचर्या अलग है। हाथी प्रत्येक दिन अपने झुंडों के साथ करीब 18 घंटे का भ्रमण करते है। और इस भ्रमण के दौरान रास्ते में आने वाली बाधा ही हाथियों को उकसाता है।

हाथियों को संरक्षित करने के लिए रिलायंस का कार्य सराहनीय

कार्की ने कहा कि भारत में हाथियों को संरक्षित करने के लिए रिलायंस द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। इस तरह के प्रयास होनी चाहिए। जंगली जानवरों के लिए कोई भी सीमा नहीं है। इसलिए हाथियों को किसी देश से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए।

 

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