Dhananjay Singh: पूर्व सांसद धनंजय सिंह को आज सुनाई जाएगी सजा, हो सकती है 10 साल की कैद, जानें- क्या है मामला

जौनपुर, BNM News: पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh)को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। अपहरण और रंगदारी (Kidnapping And Extortion Case) के एक मामले में  कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया है। अब जौनपुर की कोर्ट आज  सजा का ऐलान करेगी। फिलहाल दोषी धनंजय सिंह को जेल भेज दिया गया है। दरअसल, जौनपुर के पूर्व सांसद और जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को जौनपुर के एडीजे चतुर्थ (एमपी-एमएलए) शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत ने दोषी पाया है।  कोर्ट ने नमामि गंगे के इंजीनियर से रंगदारी मांगने और उसके अपहरण के मामले में दोषी करार दिया है।

जानें-सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्या कहा

कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले का अभियुक्त पूर्व सांसद है। उसके ऊपर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उसका क्षेत्र में काफी नाम है, जबकि वादी मात्र सामान्य नौकर है। ऐसी स्थिति में वादी का डरकर अपने बयान से मुकर जाना अभियुक्त को कोई लाभ नहीं देता है, जबकि मामले में अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य मौजूद हों। अदालत ने कहा कि इस मामले में वादी प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी था और सत्यप्रकाश यादव उत्तर प्रदेश जल निगम के जेई थे। ऐसे व्यक्तियों को काम के दौरान फोन करके अपने घर बुला लेना या किसी को भेजकर मंगवा लेना अपने आप में अपराध की श्रेणी के अंतर्गत आता है।

मामले में अभियुक्त यह नहीं साबित कर सके कि उनके पास वादी और जल निगम के जेई को घर बुलाने का कोई हक या अधिकार मौजूद था। इनके भय और दबाव दबाव में बयान बदले गए हैं। अभियुक्तों ने अपने बचाव में कहा कि जन शिकायत मिली थी। इस वजह से उसके द्वारा मुकदमे के वादी अभिनव सिंघल और सरकारी अवर अभियंता सत्यप्रकाश यादव को अपने घर बुलाया गया था, लेकिन पत्रावली देखने से स्पष्ट है कि अभियुक्त न्यायालय के समक्ष वादी की कंपनी के काम के विरुद्ध ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए, जिससे यह साबित होता हो कि उन्हें किसी तरह की कोई जन शिकायत प्राप्त हुई थी।

रंजिश में फंसाने का कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर सके

अदालत ने कहा कि अभियुक्तों का कहना है कि उन्हें रंजिश में फंसाया गया है। मगर, न्यायालय के समक्ष अभियुक्तों ने ऐसा कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया, जो यह साबित करता हो कि उन्हें रंजिशन फंसाया गया है। मामले में वादी मुकदमा या अन्य साक्षीगण की निश्चित तौर पर अभियुक्तगण से पूर्व की कोई रंजिश नहीं है। अभियुक्त यह भी नहीं बता पाए कि किस व्यक्ति ने किस रंजिश के तहत वादी का प्रयोग कर उन्हें फंसाया है।

जानें- किस मामले में धनंजय सिंह दोषी घोषित हुए

ये केस साल 2020 का था। दरअसल, 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपहरण, रंगदारी व अन्य धाराओं में धनंजय सिंह व उनके साथी विक्रम पर केस दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने बताया था कि विक्रम दो साथियों के साथ सिंघल का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए। शिकायत में पीड़ित ने बताया था कि वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए उनको कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया। वहीं इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले में एफआइआर दर्ज कर पूर्व सांसद को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

धनंजय और संतोष विक्रम दोष सिद्ध किए जाने योग्य

अदालत ने कहा कि अभियोजन मौखिक, दस्तावेजी व परिस्थितिजन्य साक्ष्य से संदेह से परे यह साबित कर सका है कि 10 मई 2020 को शाम 5.30 बजे घटनास्थल पचहटिया पर अभियुक्तगण ने सबके सामान्य आशय में आपराधिक षडयंत्र रचकर वादी मुकदमा अभिनव सिंघल की हत्या करने के आशय से अपहरण किया। इसके बाद उसे हत्या के खतरे में डालकर गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी। एक सामान्य प्रज्ञावान व्यक्ति भी पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर घटना को अभियुक्तगण के द्वारा ही कारित किया जाना निष्कर्षित करेगा। ऐसे में धनंजय सिंह और संतोष विक्रम सिंह अपराध के लिए दोष सिद्ध किए जाने योग्य हैं।

अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है

विधि विशेषज्ञों के मुताबिक, अपहरण के मामले में 10 वर्ष तक के कठिन कारावास का प्रावधान है। रंगदारी में भी 10 वर्ष तक के कारावास और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। अपमानित करने में दो वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। आपराधिक धमकी के मामले में दो वर्ष तक के कारावास या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं धनंजय सिंह

बता दें कि धनंजय सिंह आगामी लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं। इसकी पुष्टि उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट से की। भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद धनंजय सिंह की प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। कारण, भाजपा ने जौनपुर लोकसभा सीट से कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। इसके बाद धनंजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर खुद का एक पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, “साथियों! तैयार रहिए… लक्ष्य बस एक लोकसभा 73 , जौनपुर।

इसके साथ ही ‘जीतेगा जौनपुर-जीतेंगे हम’ के साथ अपनी फोटो भी शेयर की। हालांकि अबतक ये क्लीयर नहीं है कि धनंजय सिंह निर्दलीय मैदान में होंगे या नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सिंबल पर, लेकिन इस पोस्ट के जरिए धनंजय ने ये स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयार हैं।

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