कैथल में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी: 10 युवाओं से 6 लाख रुपए हड़पे

नरेंद्र सहारण, कैथल : Kaithal News : देश में नौकरी हासिल करने के नाम पर धोखाधड़ी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में युवाओं को झूठे वादे कर ठगा जाता है, और उनके साथ विश्वासघात किया जाता है। हरियाणा के कैथल जिले के राजौंद क्षेत्र में भी ऐसी एक जालसाजी का मामला सामने आया है, जिसमें एक आरोपी ने 10 युवाओं से लाखों रुपये हड़प लिए, और उन्हें न तो नौकरी दी और न ही पैसे लौटाए। उल्टा, उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने और धमकाने की धमकी दी जा रही है। यह मामला युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का एक बड़ा उदाहरण है, जो नौकरी की आस में अपना धन और आत्मविश्वास गंवा बैठे हैं।
युवाओं का सपना और धोखेबाज का जाल
राजौंद क्षेत्र के युवाओं का मुख्य सपना है कि उन्हें सरकारी नौकरी मिल जाए। इस उद्देश्य से, वे अक्सर निजी कोचिंग संस्थानों, एजेंसियों और लोगों के चक्कर में फंस जाते हैं। इसी क्रम में, आरोपी ने भी अपने जाल में फंसाने का हथकंडा अपनाया। साहिल नामक युवक (जो कि 12वीं पास है और जागरण व कीर्तन का काम करता है) ने शिकायत में बताया कि उसकी मुलाकात गांव दौलतपुर, हिसार निवासी कुलदीप से हुई। आरोपी ने अपनी कथित जान पहचान का फायदा उठाते हुए, उसे और उसके जानकारों को हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट में चपरासी की नौकरी लगाने का झांसा दिया। साथ ही, होमगार्ड और MTS जैसी सरकारी नौकरियों का भी आश्वासन दिया।
यह भी बताया गया कि आरोपी ने युवाओं से बड़े पैमाने पर रुपए वसूल किए, और उनके सपनों को चूर कर दिया। यह कहानी सिर्फ साहिल की नहीं, बल्कि 10 युवाओं की कहानी है, जिन्होंने धोखाधड़ी के शिकार होकर अपनी मेहनत की कमाई खो दी।
युवाओं से वसूल किए गए पैसे और उनका खर्च
साहिल के अनुसार, आरोपी कुलदीप ने अपने जानकार विनय, सोनू, अमन, दीपक से 80-80 हजार रुपए होमगार्ड की नौकरी के लिए, जबकि हाफिज, विकास, संदीप व जसबीर से 70-70 हजार रुपए चपरासी की नौकरी के लिए और प्रमिला से 30 हजार रुपये PGI चंडीगढ़ में नौकरी लगवाने के नाम पर लिए। इन युवाओं से करीब 6 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की गई। इनमें से कुछ युवाओं ने अधिक पैसे भी दिए, और कुछ को उनके साथ मिलकर जालसाजी के जरिए भ्रमित किया गया।
प्रशासन और आरोपी का झांसा
आरोपी ने युवाओं को भरोसा दिलाया था कि वह उन्हें जल्दी से जल्दी नौकरी दिलवाएगा। इसके लिए, उसने अपने संपर्क का दुरुपयोग किया। युवाओं ने अपनी मेहनत की कमाई लगाई, उम्मीद के साथ, कि अब उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा।
लेकिन, जब लंबे इंतजार के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली, तो वे आरोपी के पास पहुंचे। तब, आरोपी ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। कहा कि यदि पैसे वापस नहीं किए, तो उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए जाएंगे।
झूठे केस और धमकी का खेल
साहिल और अन्य पीड़ितों ने बताया कि आरोपी का एक महिला कर्मचारी भी है, जो झूठे केस में फंसाने का डर दिखाकर, युवाओं से और पैसा वसूलती है। वह आरोप लगाती है कि जो लोग पैसे मांगते हैं, उनके ऊपर छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार के झूठे आरोप लगाए जाते हैं। यह खेल युवाओं के जीवन को बर्बाद करने का एक तरीका है, जिसमें आरोपी युवाओं को मानसिक और आर्थिक रूप से कमजोर कर रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच का दौर
राजौंद थाना प्रभारी राजकुमार ने बताया कि पुलिस ने पीड़ित युवाओं की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी की करतूत का पता लगाने के लिए पीड़ित युवाओं से पूछताछ की। साथ ही आरोपी के खिलाफ सबूत जुटाने का काम भी तेज कर दिया है।
आरोपी का मुख्य व्यवसाय और उसकी गतिविधियां
आरोपी कुलदीप उकलाना में कोचिंग सेंटर चलाता है, जहां वह 10वीं, 12वीं की मार्कशीट 10-20 हजार रुपये में बना देता है। यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी ने अपने कोचिंग सेंटर का सहारा लेकर युवाओं को झूठे वादे और जालसाजी का शिकार बनाया। आरोपी का मुख्य व्यवसाय नौकरी का झांसा देना और युवाओं से पैसे वसूलना है। वह अपने कोचिंग सेंटर का इस्तेमाल कर नकली मार्कशीट और दस्तावेज भी बनवाता है।
जालसाजी के पीछे का मकसद
आरोपी का मुख्य मकसद युवाओं से पैसा कमाना और उन्हें ठगना है। वह अपने कोचिंग सेंटर का नाम इस्तेमाल कर, युवाओं को भरोसे में लेकर उनके सपनों का विश्वास तोड़ रहा है। वह न केवल जाली दस्तावेज बनवाता है, बल्कि झूठे केस दर्ज कराने का भी भय दिखाकर, उनसे और पैसा वसूलता है। इस तरह वह अपना आर्थिक लाभ उठाने के साथ-साथ युवाओं के जीवन को संकट में डाल रहा है।
पीड़ित युवाओं का जीवन और मानसिकता
पीड़ित युवाओं का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में कभी इतनी बड़ी धोखाधड़ी की कल्पना नहीं की थी। अपने भरोसेमंद सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई लगा दी। अब वे मानसिक रूप से टूट चुके हैं और उनके भविष्य का सवाल खड़ा हो गया है। उनके लिए नौकरी ही नहीं बल्कि अपने जीवन का पुनर्निर्माण भी एक बड़ा सवाल बन चुका है।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश में जुट गई है। जांच के आधार पर आरोपी के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज बनाने और धमकी देने के आरोप में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की टीम आरोपी के कोचिंग सेंटर पर छापेमारी कर सकती है, उसके वित्तीय लेनदेन की जांच कर सकती है, और पीड़ित युवाओं से पूछताछ कर सच्चाई का पता लगा सकती है।
आरोपी को पकड़ने के लिए रणनीति
आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने विशेष रणनीति बनाई है। उसकी लोकेशन ट्रेस करने के लिए तकनीकी सहायता ली जा रही है। साथ ही, संबंधित साक्ष्यों को सुरक्षित कर, उसे शीघ्र गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस का प्रयास है कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उसे कानून के कठघरे में खड़ा किया जाए ताकि पीड़ित युवाओं को न्याय मिल सके।
धोखाधड़ी से बचाव के सुझाव और उपाय
यह घटना एक चेतावनी है कि युवा सावधानी बरतें। सरकारी नौकरी का झांसा देकर, जाली दस्तावेज़ और जालसाजी के खेल के खेली जा सकती है। सावधानी के लिए जरूरी है कि किसी भी जॉब एजेंसी या व्यक्ति से बिना सही सत्यापन के पैसे न दें। सरकारी नौकरी के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट और सरकारी कार्यालयों से ही संपर्क करें।
जालसाजी से कैसे बचें?
नौकरी के नाम पर किसी भी प्रकार की फीस न लें।
जाली दस्तावेज बनाने वाले लोगों से सावधान रहें।
कोचिंग सेंटर या एजेंसी की विश्वसनीयता का पूरा सत्यापन करें।
किसी भी संदिग्ध गतिविधि या झूठी जानकारी पर तत्काल पुलिस को सूचित करें।
झूठे केस और धमकियों से न घबराएं, और तुरंत कानूनी मदद लें।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
पुलिस को चाहिए कि, ऐसे मामलों की कड़ी निगरानी रखे।
जालसाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
जागरूकता अभियान चलाकर युवाओं को सावधान करे।
जाली दस्तावेज बनाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
युवाओं का आत्मविश्वास और भविष्य
इस तरह के मामले युवाओं का आत्मविश्वास तोड़ते हैं। यदि उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह और भी जटिल स्थिति पैदा कर सकता है। सही कार्रवाई से, युवाओं का विश्वास लौटेगा, और वे अपने भविष्य के प्रति आशान्वित हो सकेंगे।
सामाजिक जागरूकता और सुरक्षा
यह घटना समाज में जागरूकता लाने का एक जरिया है। युवाओं को चाहिए कि वे अपने अधिकारों का ज्ञान रखें। साथ ही, समाज को भी चाहिए कि वे ऐसे जालसाजों के खिलाफ आवाज उठाएं और अपने बच्चों को जागरूक बनाएं।
अंतिम विचार और सुझाव
यह मामला स्पष्ट करता है कि जालसाजी और धोखाधड़ी जैसे अपराध समाज में बढ़ रहे हैं। युवाओं का सपना पूरा करने के नाम पर, उनके साथ विश्वासघात करने वाले लोगों को कानून के कठघरे में लाना जरूरी है। सरकार, पुलिस, और सामाजिक संगठनों को मिलकर ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए सतर्क रहना चाहिए। युवाओं को चाहिए कि वे सतर्क रहें, अपने दस्तावेजों का सत्यापन करें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
चेतावनी
राजौंद में हुई इस जालसाजी की घटना एक चेतावनी है कि युवाओं को अपने सपनों का पालन करते समय सतर्क रहना चाहिए। परेशानी, धोखाधड़ी और धमकियों से बचाव के उपाय अपनाकर, वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं। सभी संबंधित अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे इस तरह के अपराधों का त्वरित और कठोर कार्रवाई करें, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हो। सपने तो हर युवा देखता है, लेकिन उन्हें पूरा करने का अधिकार भी उनके पास है। सही सूझ-बूझ और सतर्कता से ही हम इन धोखेबाजों को शिकस्त दे सकते हैं।