निजी स्कूल संचालकों का खेल: दाखिला फॉर्म पर छोटे फॉन्ट में लिखवाया, हादसा होने पर स्कूल की जिम्मेदारी नहीं

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा में निजी स्कूल संचालकों ने बचाव के लिए अंडरटेकिंग का नया खेल खेला है। महेंद्रगढ़ हादसे के बाद बसों की खामियां दूर करने के बजाय कुछ स्कूलों ने बचाव का रास्ता निकाला है। दाखिला फॉर्म पर फार्म में छोटे फॉन्ट में हादसा होने पर नहीं होगी स्कूल की जिम्मेदारी लिखवाया है। अनजाने में अभिभावक भी हस्ताक्षर कर रहे हैं।
महेंद्रगढ़ में स्कूल बस हादसा होने के बाद कुछ स्कूल संचालक बसों को सुधारने की बजाय अपनी जिम्मेदारी से बचने के रास्ते ढूंढ़ रहे हैं। दाखिला फार्म में ही लाइन लिखवा दी गई है कि ‘मैं छात्रों के परिवहन के दौरान होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए स्कूल अधिकारियों को जिम्मेदार नहीं ठहराऊंगा। भ्रमण के दौरान/स्कूल जाने या वापस आने के दौरान और यह पूरी तरह से मेरे अपने जोखिम और जिम्मेदारी पर है।’ निजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के अलावा कुछ प्ले-वे स्कूलों ने भी यही रास्ता अपनाया है।

जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे

 

वैसे तो वे किसी भी अभिभावक से इस तरह का शपथ पत्र नहीं ले सकते लेकिन दाखिला प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए अभिभावकों से एक ही फार्म में नया नियम बनाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। प्रदेश में करीब 15 हजार निजी स्कूल हैं, जिनके करीब 41 हजार वाहन बच्चों को लाने-ले जाने के लिए परिवहन विभाग के पास पंजीकृत हैं। इनमें से भी 15 से 20 प्रतिशत वाहनों की तीन-चार वर्ष से पासिंग नहीं हुई।

दाखिल के समय विद्यार्थियों से भरवा रहे नया फार्म

 

कुछ स्कूलों ने इस अंडरटेकिंग को स्कूल नियमों में शामिल करते हुए नए फार्म छपवाए हैं। ऐसे स्कूल पुराने विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी स्कूल में बुलवाकर नया फार्म भरवा रहे हैं। हालांकि हवाला इसके पीछे नया रिकॉर्ड बनाने का दिया जा रहा है। लेकिन रिकॉर्ड की आड़ में अभिभावकों से अपने बचाव की अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।

फार्म पढ़ने का भी स्कूल नहीं देते समय

 

अभिभावक एकता संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश नरूला का कहना है कि दाखिले के समय स्कूल संचालक केवल सुविधाओं और उपलब्धियों का गुणगान करते हैं। इसी दौरान खुद ही बच्चे का फार्म भरकर तुरंत हस्ताक्षर करा लेते हैं। अभिभावकों को फार्म पढ़ने का भी समय नहीं देते। अनजाने में अभिभावक ठगे जा रहे हैं। दाखिला फार्म में स्कूल के नियमों के साथ बीच में छोटे फॉन्ट में एक लाइन लिखवाई गई है।

मानक पूरे नहीं तो स्कूल जिम्मेदार : परिवहन विभाग

 

परिवहन विभाग के निरीक्षक सुरेंद्र सैनी ने कहा कि यदि किसी स्कूल बस का हादसा होता है और सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के मानकों को बस पूरा नहीं करती तो मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार स्कूल पर कार्रवाई होती है। यदि बच्चे अभिभावकों की सहमति से लगे निजी ऑटो या किसी अन्य वाहन में स्कूल जाते हैं और इस वाहन का हादसा होता है तो स्कूल से बाहर हादसा होने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।

जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते स्कूल : डीईओ

कुरुक्षेत्र के जिला शिक्षा अधिकारी रोहताश वर्मा ने कहा कि अपनी जिम्मेदारी से स्कूल पीछे नहीं हट सकते हैं। अंडरटेकिंग लिखवाने से भी वे बच नहीं सकते हैं। हादसे के दौरान यदि बच्चे की गलती हो तो अलग बात है। यदि चालक की गलती से या बस की कमी से हादसा होता है तो स्कूल ही जिम्मेदार है।

 

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