Gold Price: धनतेरस पर भारत सरकार ने भी भरी अपनी तिजोरी, लंदन से भारत आया 102 टन सोना
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः धनतेरस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी खरीदारी की है। ब्रिटेन से भारत में 102 टन सोने की नई खेप मंगाई गई है। बैंक ऑफ इंग्लैंड से 102 टन सोना भारत के रिजर्व बैंक इंडिया के नाम ट्रांसफर किया गया है। इससे पहले आरबीआई ने ब्रिटेन से मई में 100 टन सोना ब्रिटेन से मंगाया था।
सितंबर के अंत तक RBI के पास कुल 855 टन सोना था, जिसमें से 510.5 टन अब भारत में रखा गया है। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सोना मंगाने का ये कदम रणनीति में बदलाव को दर्शाता है। बढ़ते भू-राजनीतिक टेंशन के कारण भारत के केंद्रीय बैंक अपने विदेश में रखे सोने को भारत लेकर आ रहा है, ताकि गोल्ड सुरक्षित रहे।
ब्रिटेन से कैसे आता है सोना?
भारत ने सितंबर 2022 से अब तक 214 टन सोना वापस लाया है, जो RBI और सरकार की संपत्ति को घर के करीब लाने की प्राथमिकता को दर्शाता है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इन भंडारों को घरेलू स्तर पर रखने से ग्लोबल टेंशन के बीच महंगाई और अर्थव्यवस्था को लेकर सुरक्षा बढ़ जाती है। ब्रिटेन से ये सोना गोपनीय तरीके से विमानों और अन्य माध्यमों से मंगाया जाता है।
मई में मंगाया था गिरवी रखा हुआ 100 टन सोना
मई की शुरुआत में, यह बताया गया था कि भारत ने पहले ही UK से 100 टन सोना वापस मंगा लिया है, जो 1990 के दशक के दौरान जमा किया गया एक बड़ा खेप था। उस समय, सरकार ने भुगतान संतुलन संकट के दौरान विदेशी बैंकों को संपार्श्विक के रूप में सोना गिरवी रख दिया था। ताकि विदेशों से पैसा आ सके और भारत की अर्थव्यवस्था सही हो सके। हालांकि आज भारत की स्थिति मजबूत है। ऐसे में उद्देश्य आपात स्थितियों में धन का लाभ उठाने के बजाय उसे सुरक्षित रखना है।
अभी भी इंग्लैंड में भारत का इतना सोना
वर्तमान में भारत के 324 टन गोल्ड भंडार बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट की देखरेख में है। यह दोनों बैंक यूके में स्थित हैं। अपने सुरक्षित “बुलियन वेयरहाउस” के लिए जाना जाने वाला बैंक ऑफ इंग्लैंड 1697 से वैश्विक केंद्रीय बैंकों के लिए कीमती धातुओं का भंडारण कर रहा है, जिससे उसे लंदन के बुलियन बाजार के तरलता लाभों का लाभ मिलता है। भारत के विदेशी भंडार देखें तो सोना अब 9.3% है, जो मार्च में 8.1% से अधिक है. यह तब हुआ है जब सोने की कीमतों में उछाल आया है. वर्तमान में मुंबई में ₹78,745 प्रति 10 ग्राम है, और अगले साल ₹85,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान है।
क्यों RBI सोना खरीदता है?
केंद्रीय बैंक द्वारा स्टॉक में सोना रखने का उद्देश्य मुख्य रूप से महंगाई दर और विदेशी मुद्रा जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा के रूप में अपने विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों के आधार में विविधता लाना है। आरबीआई ने दिसंबर 2017 से नियमित रूप से बाजार से सोना जमा करना शुरू कर दिया है। देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी दिसंबर 2023 के अंत में 7.75 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल 2024 के अंत तक लगभग 8.7 प्रतिशत लाने का लक्ष्य था।
कभी गिरवी रखना पड़ा था सोना
भारत को 1991 में विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए अपने स्वर्ण भंडार का एक बड़ा हिस्सा गिरवी रखना पड़ा था। आरबीआई के मुताबिक, 324.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास सुरक्षित रखा गया था और 20.26 टन सोना स्वर्ण जमा के रूप में रखा गया था। मई के अंत में ही सूत्रों ने संकेत दिया था कि मानक समीक्षा प्रक्रियाओं के तहत विदेशों में सोना भंडार को घटाने का निर्णय लिया गया है।
बुरे समय में सोना सबसे सुरक्षित निवेश
दुनिया में जियोपॉलिटिकल टेंशन के बढ़ते तनाव के बीच दुनियाभर में निवेशक गोल्ड में पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि सोने को असुरक्षित माहौल में निवेश के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसलिए आम आदमी के साथ-साथ दुनिया के सभी सेंट्रल बैंक भी गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं।
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