छावनी बना ज्ञानवापी- काशी विश्वनाथ मंदिर इलाका, तीन जिलों की फोर्स मंगाई गई

वाराणसी, BNM News। ज्ञानवापी के दक्षिण हिस्से में व्यासजी के तहखाने में कोर्ट के आदेश पर गुरुवार से पूजा-पाठ शुरू हो गया है। कोर्ट के इस आदेश पर मुस्लिम समाज ने विरोध जताया है। वहीं जुमे की नमाज के कारण पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वाराणसी में गुरुवार को मुस्लिम समाज के लोग कारोबार बंद रखकर विरोध जताया। इसके बाद वाराणसी में हाई अलर्ट घोषित कर पास के तीन जिलों की पुलिस मंगाई गई है। बनारस की गलियों में पुलिस ने अधिकारियों के साथ गश्त के सथ फ्लैग मार्च किया। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तीन कंपनी पीएसी, एक कंपनी आरएएफ के अलावा जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली जिलों की पुलिस सड़कों पर उतर गई है।

मुस्लिम बहुल इलाकों में छह दिसंबर जैसी बंदी

 

बाहर से आई फोर्स और पीएसी को संवेदनशील इलाकों में गश्त के लिए लगाया गया है। अति संवेदनशील इलाकों में आरएएफ तैनात रहेगी। जुमे के दिन छोटी-बड़ी मस्जिदों के साथ सभी धार्मिक स्थलों के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई है। पुलिसकर्मियों को अफसरों ने निर्देशित किया है कि जुमे की नमाज के बाद या फिर किसी भी पूजा स्थल पर किसी तरह की जुटान न हो।

लोग शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताएं: मुफ्ती-ए-बनारस

ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा की अनुमति से मुस्लिम समाज में रोष है। गुरुवार को अमानुल्लाहपुरा में हुई बैठक में शुक्रवार को बनारस बंद का ऐलान किया गया। वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के महासचिव एवं मुफ्ती-ए-बनारस मो. अब्दुल बातिन नोमानी ने अफवाह पर ध्यान न देने और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताने की लोगों से अपील की। उन्होंने 1993 तक दक्षिणी तहखाने में पूजा होने के दावे का खंडन करते हुए कहा कि सिर्फ अफवाहें फैलाई जा रही है। वहां कभी पूजा नहीं हुई। करीब एक घंटे तक अंजुमन इंतेजामिया के सदस्यों व शहर के मुस्लिम समाज के लोगों ने ज्ञानवापी मामले पर चर्चा की। मौ.बातिन ने कहा कि जिला जज के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। हम कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

गुप्त बैठकों पर खुफिया एजेंसियों की नजर

 

तहखाने में पूजा-पाठ के आदेश के बाद खुफिया एजेंसियों ने शरारतीतत्वों पर निगरानी बढ़ा दी है। एलआईयू समेत अन्य एजेंसियां अराजकतत्वों की धरपकड़ के लिए सतर्क हैं। संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों में जुमे की नमाज के पूर्व गोपनीय बैठकें करने की सूचना के बाद खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय। गुरुवार को भी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में दुकानें बंद रहीं।

छावनी बना ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ इलाका

 

कोर्ट का फैसला आने के बाद बुधवार रात से ज्ञानवापी इलाके को छावनी में बदल दिया गया है। विश्वनाथ धाम के सामने से लेकर मुख्य सड़कों और गलियों में पुलिस की कड़ी चौकसी है। संवेदनशीलता को देखते हुए विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार के सामने कमांडो की तैनाती की गई है। आरएएफ और सीआरपीएफ के जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। बुधवार रात से ही एक प्लाटून पीएसी ज्ञानवापी परिक्षेत्र में तैनात कर दी गई। गुरुवार को नमाज तथा सुरक्षा के दृष्टिगत दोपहर 12 से 3 बजे के बीच धाम के सामने से वाहनों का आवागमन भी बंद कर दिया गया था। लोगों को गलियों के रास्ते से जाने के लिए कहा गया। मंदिर के बाहर पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन, अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था एस. चन्नप्पा, डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम, एसीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक ने फोर्स के साथ फुट पेट्रोलिंग भी की।

जानें क्या है पूरा मामला

 

ज्ञानवापी के दक्षिणी हिस्से में स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा के लिए जिला जज की अदालत से इजाजत मांगी गई थी। व्यास जी के परिवार के ही शैलेंद्र पाठक ने याचिका दायर कर दावा किया कि 1993 से पहले उनके परिवार के लोग यहां पूजा करते थे। इस पर जिला जज ने पूजा की इजाजत देते हुए बुधवार को डीएम को आदेश दिया कि वह जरूरी इंतजाम कराएं। आदेश मिलते ही डीएम बुधवार रात ज्ञानवापी पहुंचे और तहखाने के सामने लगी लोहे की बैरिकेडिंग हटवाकर पूजा का इंतजाम करा दिया। इसके बाद तड़के से पूजा शुरू हो गई। गुरुवार शाम से आम लोगों को तहखाने में रखी मूर्तियों का दर्शन भी मिलने लगा। रात 10.30 बजे शयन आरती तक लोगों को दर्शन मिलता रहा।

 

 

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