Haryana 10th Results 2025: कलायत के योगेश शर्मा ने किया टॉप:जिले का 10वीं बोर्ड रिजल्ट 94.50% रहा

अपनी मां के साथ योगेश

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Haryana Results 2025: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित दसवीं कक्षा की परीक्षाओं के परिणाम हर वर्ष लाखों विद्यार्थियों उनके अभिभावकों और शिक्षकों के लिए उत्सुकता और उम्मीदों का क्षण लेकर आते हैं। इस वर्ष भी जब परिणाम घोषित हुए तो कैथल जिले में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। जहां एक ओर जिले के समग्र प्रदर्शन में पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर कलायत के एक छोटे से गाँव के होनहार छात्र योगेश शर्मा ने अपनी असाधारण प्रतिभा से न केवल अपने परिवार और विद्यालय का बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया।

कैथल जिले का दसवीं कक्षा का बोर्ड परीक्षा परिणाम

 

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित दसवीं कक्षा के नवीनतम परीक्षा परिणामों के अनुसार, कैथल जिले का प्रदर्शन 94.50 प्रतिशत रहा। यह आंकड़ा अपने आप में सराहनीय है, जो दर्शाता है कि जिले के अधिकांश विद्यार्थियों ने सफलतापूर्वक इस महत्वपूर्ण बाधा को पार कर लिया है। हालांकि, जब हम इस वर्ष के प्रदर्शन की तुलना पिछले सत्र से करते हैं तो एक मामूली गिरावट स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। पिछले वर्ष कैथल जिले ने 96.77 प्रतिशत का उत्कृष्ट परिणाम हासिल किया था। इस प्रकार इस वर्ष के परिणाम में लगभग 2.27 प्रतिशत की कमी आई है।

आँकड़ों पर और गहराई से नज़र डालें तो, इस वर्ष कैथल जिले से कुल 13,307 विद्यार्थियों ने दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में भाग लिया था। इनमें से 12,575 विद्यार्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए, जो शिक्षा के प्रति उनके समर्पण और कड़ी मेहनत को दर्शाता है। यह एक बड़ी संख्या है और इन सभी सफल विद्यार्थियों के लिए यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहाँ से वे अपनी आगे की शिक्षा और करियर की दिशा तय करेंगे।

हालांकि, हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। जहां एक ओर सफलता की खुशी है, वहीं दूसरी ओर 523 विद्यार्थी ऐसे भी रहे जो इस परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सके। इसके अतिरिक्त  209 विद्यार्थियों को कंपार्टमेंट आई है, जिसका अर्थ है कि उन्हें कुछ विषयों में अपने प्रदर्शन को सुधारने का एक और अवसर मिलेगा। इन विद्यार्थियों के लिए यह समय निराश होने का नहीं, बल्कि अपनी कमियों का आकलन कर, नए संकल्प और दृढ़ता के साथ पुनः प्रयास करने का है।

जिला शिक्षा अधिकारी का संदेश

 

परीक्षा परिणामों की घोषणा के उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी रामदिया गागट ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने सबसे पहले उन सभी 12,575 विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी जिन्होंने दसवीं कक्षा की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। उन्होंने इसे विद्यार्थियों की लगन, शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन और अभिभावकों के निरंतर सहयोग का प्रतिफल बताया। गागट ने कहा, “यह सफलता आपके अथक परिश्रम और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। यह आपके शैक्षणिक जीवन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, और मुझे विश्वास है कि आप भविष्य में भी इसी प्रकार उत्कृष्टता की ओर अग्रसर रहेंगे।”

इसके साथ ही, जिला शिक्षा अधिकारी ने उन विद्यार्थियों का भी मनोबल बढ़ाया जो इस बार अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं कर सके। उन्होंने कहा, “असफलता जीवन का एक हिस्सा है और यह हमें रुकने के लिए नहीं, बल्कि अपनी कमियों से सीखकर और अधिक मजबूती से प्रयास करने के लिए प्रेरित करती है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि निराश न हों बल्कि अपनी पढ़ाई पर और अधिक ध्यान केंद्रित करें, अपनी कमजोरियों को पहचानें और उन्हें दूर करने का संकल्प लें। आपके शिक्षक और अभिभावक आपके साथ हैं, और मुझे पूर्ण विश्वास है कि उचित मार्गदर्शन और आपकी कड़ी मेहनत से आप अगली बार अवश्य सफल होंगे।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षा विभाग ऐसे विद्यार्थियों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

परिणाम में गिरावट

 

पिछले वर्ष की तुलना में परिणाम में दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट निश्चित रूप से शिक्षाविदों और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए चिंतन का विषय है। इस गिरावट के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिन पर गहन मंथन और विश्लेषण की आवश्यकता है। क्या पठन-पाठन की विधियों में किसी बदलाव की आवश्यकता है? क्या विद्यार्थियों को परीक्षा के नए पैटर्न के अनुरूप ढलने में कठिनाई हुई? या फिर कोविड-19 महामारी के बाद शिक्षा व्यवस्था में आए बदलावों का यह दीर्घकालिक प्रभाव है? इन सभी पहलुओं पर विचार करना होगा।

यह भी महत्वपूर्ण है कि इस गिरावट को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया जाए और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन के लिए एक ठोस रणनीति तैयार की जाए। इसमें शिक्षकों के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम, विद्यार्थियों के लिए उपचारात्मक कक्षाओं की व्यवस्था, और अभिभावकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करना शामिल हो सकता है। स्कूलों को भी अपने स्तर पर कमजोर प्रदर्शन करने वाले छात्रों की पहचान कर उन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

योगेश को मालाएं पहनाकर सम्मानित करते हुए

योगेश शर्मा का उत्कृष्ट प्रदर्शन: एक चमकता सितारा

 

जहां जिले के समग्र परिणाम में थोड़ी नरमी देखी गई, वहीं कलायत उपमंडल के गांव मटौर स्थित शहीद भगत सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र योगेश शर्मा ने अपनी असाधारण प्रतिभा से एक नई उम्मीद जगाई। योगेश ने हरियाणा बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षा में 500 में से 496 अंक प्राप्त कर पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया। यह न केवल योगेश के लिए, बल्कि उसके परिवार, स्कूल, गाँव और पूरे कैथल जिले के लिए गर्व का क्षण था। इतने उच्च अंक प्राप्त करना योगेश की अद्भुत मेधा, अटूट लगन और निरंतर परिश्रम का परिचायक है।

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स्कूल में सम्मान समारोह: एक प्रेरणास्पद क्षण

 

योगेश शर्मा की इस शानदार उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए शहीद भगत सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधन ने एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में स्कूल के सभी शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित थे। जब योगेश मंच पर पहुँचा, तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। स्कूल प्रबंधन ने योगेश को फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया और उसकी इस ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी। उसके सहपाठियों ने भी बड़े उत्साह और गर्व के साथ अपने दोस्त को बधाई दी। यह दृश्य अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बना, उन्हें यह विश्वास दिलाया कि यदि दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। स्कूल के प्रधानाचार्य ने अपने संबोधन में कहा, “योगेश ने न केवल हमारे स्कूल का, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उसकी यह सफलता दर्शाती है कि प्रतिभा किसी विशेष स्थान या सुविधा की मोहताज नहीं होती। हमें योगेश पर गर्व है और हम उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।”

पारिवारिक पृष्ठभूमि और सफलता का श्रेय

 

योगेश की इस सफलता के पीछे उसके परिवार का महत्वपूर्ण योगदान और त्याग है। योगेश की माँ, श्रीमती प्रियंका देवी, एक साधारण गृहिणी हैं। उन्होंने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “योगेश की इस सफलता का पूरा श्रेय स्कूल के मेहनती अध्यापकों और योगेश की अपनी लगन को जाता है। मैं तो बहुत कम पढ़ी-लिखी हूँ, लेकिन मेरे बेटे ने अपनी मेहनत और गुरुजनों के आशीर्वाद से यह मुकाम हासिल किया है। वह बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रहा है और हमेशा कुछ बड़ा करने का सपना देखता था। आज उसका सपना सच हुआ है, इससे बड़ी खुशी हमारे लिए और क्या हो सकती है।” उनकी बातों में अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व और संतोष स्पष्ट झलक रहा था।

योगेश के पिता मेहर सिंह जो एक स्थानीय राइस मिल में अकाउंटेंट के रूप में कार्यरत हैं, अपने बेटे की उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे थे। उन्होंने कहा, “माता-पिता का कर्तव्य बच्चों को अच्छी परवरिश और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना होता है, लेकिन असली मेहनत तो बच्चे को ही करनी पड़ती है। योगेश ने दिन-रात एक करके पढ़ाई की है। वह पढ़ाई में तो तेज है ही, स्वभाव से थोड़ा नटखट भी है, लेकिन जब बात पढ़ाई की आती है तो वह पूरी तरह गंभीर हो जाता है।” उन्होंने स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने योगेश की प्रतिभा को पहचाना और उसे सही दिशा दी। मेहर सिंह ने  कहा, “हमारा सपना था कि हमारा बेटा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने और देश की सेवा करे। आज उसने उस सपने की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाया है।”

योगेश की कहानी: ग्रामीण प्रतिभा का उत्थान

 

योगेश शर्मा की कहानी भारत के उन लाखों ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने का साहस रखते हैं। मटौर जैसे छोटे से गाँव से निकलकर प्रदेश स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना कोई साधारण बात नहीं है। यह दर्शाता है कि यदि सच्ची लगन, अटूट परिश्रम और सही मार्गदर्शन मिले, तो भौगोलिक और आर्थिक बाधाएँ सफलता के मार्ग में रुकावट नहीं बन सकतीं। योगेश की सफलता उन शिक्षकों के अथक प्रयासों को भी रेखांकित करती है जो ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित साधनों के बीच भी शिक्षा की अलख जगाए हुए हैं और अपने विद्यार्थियों में ज्ञान की प्यास को निरंतर प्रज्वलित करते रहते हैं।

भविष्य की राह और निष्कर्ष

 

कैथल जिले के दसवीं कक्षा के परिणाम और योगेश शर्मा की व्यक्तिगत उपलब्धि दोनों ही हमें महत्वपूर्ण संदेश देते हैं। जिले के समग्र प्रदर्शन में आई मामूली गिरावट एक चेतावनी है कि हमें शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने तथा हर बच्चे तक समान अवसर पहुंचाने की दिशा में निरंतर प्रयास करते रहना होगा। इसमें अभिभावकों, शिक्षकों, शिक्षा विभाग और स्वयं विद्यार्थियों की सामूहिक जिम्मेदारी निहित है।

वहीं दूसरी ओर योगेश शर्मा जैसे अनगिनत हीरे हमारे समाज में मौजूद हैं, जिन्हें पहचानने, तराशने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। योगेश की सफलता यह सिद्ध करती है कि प्रतिभा किसी की बपौती नहीं होती, वह कहीं भी, किसी भी पृष्ठभूमि में जन्म ले सकती है। आवश्यकता है तो बस उसे एक उचित मंच और सकारात्मक वातावरण प्रदान करने की।

अंततः जिला शिक्षा अधिकारी रामदिया गागट के शब्दों को दोहराते हुए- सभी उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उनकी सफलता के लिए पुनः बधाई और जो सफल नहीं हो सके, उन्हें निराश न होकर दोगुनी मेहनत से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा। योगेश शर्मा जैसे सितारे हमें यह विश्वास दिलाते हैं कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। कैथल जिले और पूरे हरियाणा प्रदेश का भविष्य ऐसे ही होनहार युवाओं के कंधों पर है, जो अपनी ज्ञान और प्रतिभा से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। यह समय उत्सव मनाने का भी है और आत्मनिरीक्षण कर भविष्य की योजनाओं को और सुदृढ़ करने का भी।

 

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