Haryana Assembly: सदन में भिड़ गए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और गीता भुक्कल, स्कूलों में यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करेगी विधानसभा कमेटी
चंडीगढ़, बीएनएम न्यूज। Haryana Assembly: हरियाणा विधानसभा के तीन दिन चले शीतकालीन सत्र में उचाना के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा छात्राओं का यौन शोषण करने का मुद्दा गरमाया रहा। राज्य पुलिस इस आरोपित प्रिंसिपल को बर्खास्त कर हालांकि जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है, लेकिन भविष्य में किसी भी स्कूल में ऐसी पुनरावृत्ति न हो, उसे रोकने के लिए सरकार ने विधानसभा में गठित पांच सदस्यीय कमेटी को पूरी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह कमेटी राज्य के सभी स्कूलों में यौन उत्पीड़न के 2005 से अब 2023 तक पूर्व में लगे आरोपों की भी जांच करेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर इस कमेटी के चेयरमैन हैं।
विधानसभा में खूब चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर
आरोपित प्रिंसिपल को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल सदन में खूब टकराए। उचाना डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का विधानसभा क्षेत्र है। विधानसभा में जब झज्जर से कांग्रेस विधायक भुक्कल ने यह मामला उठाया तो दुष्यंत ने उन पर ही सवाल उठा दिए। बहस इतनी लंबी चली कि विधानसभा सत्र के तीनों दिन इस मुद्दे पर खूब तनातनी, बहस और आरोपबाजी हुई। दुष्यंत चौटाला इस बात पर अड़े रहे कि आरोपित प्रिंसिपल पर 2005 और 2011 में भी ऐसे आरोप लगाए थे, तब गीता भुक्कल ने उसे बचाने का काम किया। बाद में उन्होंने साल 2011 की बजाय 2012 संशोधित किया। दुष्यंत चौटाला के इस आरोप से आहत गीता भुक्कल ने सदन नहीं चलने की चेतावनी के बीच कहा कि जिस समय अवधि की डिप्टी सीएम बात कर रहे हैं, उस समय न तो आरोपित प्रिंसिपल सरकारी सेवा में था और न ही गीता भुक्कल विधायक या मंत्री थी। यह तब का वाकया है, जब भुक्कल कलायत से विधायक थी। विधानसभा में यह मुद्दा उठाने व पूरी स्थिति साफ करने के लिए कलायत के लोगों व पूर्व विधायक फतेह सिंह के परिवार के सदस्यों ने गीता भुक्कल से मुलाकात कर उनकी पीठ ठोंकी है।
विधानसभा की पांच सदस्यीय कमेटी गठित करेगी जांच
गीता भुक्कल ने कहा कि इस बात बेहद दुख है कि जिसकी विधानसभा का मामला है, वह ही आरोपित के पक्ष में खड़ा हो गया, जबकि दुष्यंत का कहना है कि हमने आरोपित को जेल पहुंचाया है। घटना के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सीटिंग जज से जांच करवाने की बात पर सदन में सहमति बनी थी। परंतु कुछ सदस्यों खासकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विधानसभा का मुद्दा विधानसभा में रहना चाहिए, इसलिए बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई, जिसमें इस बात पर सहमति हुई कि स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी, जो 2005 से 2023 तक सभी स्कूलों में इस प्रकार के मामलों की जांच करेगी।
सहमति तो तीन सदस्यीय कमेटी के लिए बनी थी
भूपेंद्र हुड्डा का कहना है कि विधानसभा में तीन सदस्यीय कमेटी बनाने पर सहमति बनी थी, मगर पांच सदस्यीय कमेटी कहां से आ गई, उन्हें पता नहीं। इतना तय है कि यदि कमेटी ने सही रिपोर्ट नहीं दी तो अगले विधानसभा सेशन में डिप्टी सीएम के विरुद्ध कांग्रेस विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आएगी, क्योंकि महिला विधायक पर गंभीर आरोप लगाना किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।