Haryana Assembly Election: बंसीलाल के परिवार में जुबानी जंग, किरण चौधरी ने कहा- कोई भाई-बहन का रिश्ता नहीं
नरेन्द्र सहारण, भिवानी। Haryana Assembly Election 2024 : भिवानी जिले के तोशाम विधानसभा सीट पर इस बार एक रोचक चुनावी मुकाबला देखने को मिल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के परिवार में इस बार चुनावी भिड़ंत का माहौल है। भाजपा ने इस सीट पर श्रुति चौधरी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी को मैदान में उतारा है। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है।
भाई-बहन का रिश्ता नहीं
कांग्रेस की नेता किरण चौधरी ने अनिरुद्ध चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि वे चुनाव के दौरान हार मानकर भाग सकते हैं। किरण चौधरी ने तोशाम विधानसभा सीट से कांग्रेस के अनिरूद्ध चौधरी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके और श्रुति चौधरी के बीच कोई भाई-बहन का रिश्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि भाई-बहन का रिश्ता तब होता है जब कोई परिवार का हो, लेकिन दुश्मन पारिवारिक नहीं होते। इस पर अनिरुद्ध ने पलटवार किया, “यह मेरा पहला चुनाव है और भागने की आदत तो मेरी नहीं है। मेरी चाची मेरी विपक्षी हैं, लेकिन मैं पूरी मेहनत से चुनाव लडूंगा।”
जनता उन्हें वोट की चोट से जवाब देगी
किरण चौधरी ने यह भी कहा कि तोशाम सीट उनके परिवार चौधरी बंशीलाल और सुरेंद्र सिंह की पारंपरिक सीट है और श्रुति चौधरी इस बार रिकार्ड वोटों से विजयी होंगी। उन्होंने कांग्रेस के अनिरूद्ध चौधरी और रणबीर महेंद्रा पर हमला करते हुए कहा कि चुनावी मौसम में कुछ लोग आते हैं, लेकिन जनता उन्हें वोट की चोट से जवाब देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में रहकर ये लोग पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं।
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पूरे प्रदेश का ध्यान खींचा
भिवानी में तोशाम विधानसभा सीट पर इस चुनाव की गहमागहमी ने पूरे प्रदेश का ध्यान खींच लिया है। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो चुकीं किरण चौधरी की बेटी श्रुति को भाजपा ने टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध को उतारकर एक नई चुनावी जंग शुरू कर दी है। यह मुकाबला बंसीलाल की राजनीतिक विरासत की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस और भाजपा के बीच का मुकाबला
अनिरुद्ध चौधरी ने भिवानी पहुंचने पर कार्यकर्ताओं के स्वागत के दौरान कहा कि आज मैंने कार्यकर्ताओं में जो जोश देखा, वैसा पहले कभी नहीं देखा।” उन्होंने चुनाव को कांग्रेस और भाजपा के बीच का मुकाबला बताते हुए कहा कि यह जनता की लड़ाई है। अनिरुद्ध ने अपने पिता चौधरी सुरेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात का भी जवाब दिया, “हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। इस बार तोशाम की जनता हमें जीत दिलाएगी।”
मूर्खतापूर्ण कदम
अनिरुद्ध ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका चुनाव किसान, खिलाड़ियों और आम जनता के मुद्दों पर आधारित होगा। भाजपा पर उन्होंने आरोप लगाया कि उनका जनाधार प्रदेश भर में घट चुका है। भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने कांग्रेस की टिकट पर अनिरुद्ध के चुनाव लड़ने की आलोचना करते हुए इसे मूर्खतापूर्ण कदम बताया था।
अनिरुद्ध का पहला चुनाव, श्रुति को लंबा अनुभव
इस चुनाव में अनिरुद्ध चौधरी पहली बार किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी श्रुति चौधरी को तीन लोकसभा चुनावों का अनुभव है, जिनमें से एक बार वे सांसद भी रही हैं। हालांकि, उन्हें 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था और 2024 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी थी।
दूसरी बार होगा बंसीलाल बनाम बंसीलाल
यह पहली बार नहीं है जब बंसीलाल परिवार के सदस्य इस सीट पर आमने-सामने आए हैं। 1998 के लोकसभा चुनाव में भी बंसीलाल के दोनों बेटे सुरेंद्र सिंह और रणबीर सिंह महेंद्र ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इस बार की जंग बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध और पोती श्रुति के बीच है।
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