Haryana Politics: हरियाणा का चुनाव बनेगा रोमांचक, फिल्म अभिनेता संजय दत्त और राज बब्बर को उतारने पर विचार कर रही कांग्रेस
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana Politics :हरियाणा का लोकसभा चुनाव अब रोमांचक होने जा रहा है। करनाल लोकसभा सीट के लिए हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) के सामने विपक्षी दलों को मजबूत उम्मीदवार नहीं मिल रहा है। पैनल में शामिल नामों को खारिज करते हुए शीर्ष नेतृत्व फिल्म अभिनेता संजय दत्त को उनके सामने उतारने पर विचार कर रहा है। संजय दत्त के पिता सुनील दत्त पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सरकार में मंत्री रहे थे और उनकी बहन प्रिया दत्त दो बार मुंबई से सांसद रह चुकी हैं। सुनील दत्त और संजय दत्त का पुश्तैनी घर हरियाणा के यमुनानगर जिले के गांव मंडौली में हैं, जहां अभी भी उनका परिवार आता-जाता रहता है। कांग्रेस गुरुग्राम लोकसभा सीट पर फिल्म अभिनेता राज बब्बर के नाम पर पहले ही विचार कर रही है।
दत्त परिवार का पुराना नाता
आपको बता दें कि भारत के बंटवारे के बाद अभिनेता सुनील दत्त का परिवार यमुनानगर के मंडौली गांव में आकर बस गया था। कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार सुनील दत्त के बेटे फिल्म स्टार संजय दत्त को राजनीतिक रूप से ब्रेक देना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें करनाल लोकसभा सीट (Karnal Loksabha Seat) उपयुक्त नजर आ रही है। संजय दत्त हरियाणा के कई जिलों से परिचित हैं।
इन नामों पर शीर्ष नेतृत्व सहमत नहीं
लोकसभा चुनाव के कांग्रेस के पैनल में करनाल से पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य शर्मा, पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा, एनसीपी नेता मराठा वीरेंद्र वर्मा और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर के नाम बताए जाते हैं, जिन पर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अभी सहमत नहीं है। गुरुग्राम लोकसभा सीट से पूर्व सांसद एवं फिल्म अभिनेता राज बब्बर (Raj Babbar) के नाम पर पहले ही चर्चा चल रही है, लेकिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के समधी होने की वजह से पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव (Ajay Yadav) के नाम को कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व शायद ही खारिज कर सके।
चौटाला परिवार से भी हैं नजदीकियां
इनेलो के प्रधान महासचिव और विधायक अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chutala) के साथ संजय दत्त की पारिवारिक मित्रता रही है। अभय चौटाला के चुनाव प्रचार में संजय दत्त (Sanjay Dutta) पहले कई बार हरियाणा आ चुके हैं। अभय चौटाला स्वयं कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट (Kurukshetra Lok Sabha Seat) से चुनाव लड़ रहे हैं। अभय चौटाला की वजह से संजय दत्त के उनके बड़े भाई अजय चौटाला और भतीजे दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला के साथ भी पारिवारिक संबंध हैं, जो कि जजपा की राजनीति करते हैं। इस वजह से जजपा-इनेलो अपना अलग से कोई उम्मीदवार नहीं उतारने पर सहमति बना सकते हैं।
सजा पूरी होने के छह साल बाद चुनाव लड़ने की पात्रता श्रेणी भी पूरी
हरियाणा के एडवोकेट जनरल एसएस पन्नु के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसकी सजा पूरी हो चुकी है, वह छह साल बाद चुनाव लड़ने की पात्रता की श्रेणी में आ जाता है। 27 फरवरी 2016 को सजा पूरी होने के बाद संजय दत्त की जेल से रिहाई हो गई थी। साल 2022 में उनकी पात्रता अवधि शुरू हो चुकी थी। वहीं, संजय दत्त को अच्छे आचरण के कारण आठ माह पहले जेल से रिहा कर दिया गया था। अदालत ने उन्हें जो सजा सुनाई थी, वह पूरी नहीं हुई थी। तत्कालीन सरकार ने उन्हें रिहा किया था। इस लिहाज से संजय दत्त चुनाव लड़ने की पात्रता श्रेणी में आते हैं।
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