Haryana Congress: कांग्रेस में चुनाव के दिन सीएम पद के दावे को लेकर मचा रहा घमासान, जानें कहां फंसा है पेंच

भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला (फाइल फोटो)
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana Election 2024: हरियाणा में मतदान के दिन भी कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर घमासान मचा रहा। हिसार में वोट डालने के बाद कांग्रेस की वरिष्ठ दलित नेता कुमारी सैलजा ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी जता दी। सैलजा ने बड़ी ही चतुराई के साथ यह भी कह दिया कि मुख्यमंत्री पद का दावा एक-दो बार नहीं होता। दावा-दावा होता है। कांग्रेस के चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री का चयन पार्टी हाईकमान करेगा, लेकिन वरिष्ठता के हिसाब से कांग्रेस हाईकमान उन्हें नजरअंदाज नहीं करेगा।
सैलजा की बार-बार की जा रही दावेदारी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों ने भी उनकी मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी ठोंक दी है। साथ ही इंटरनेट मीडिया पर सलाह दी है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला को मिलकर मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस हाईकमान के समक्ष दीपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम प्रस्तावित करना चाहिए। इसके पीछे दलील दी गई कि दीपेंद्र पूरे चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे और गैरविवादित व सर्वमान्य नेता हो सकते हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम बनने के प्रबल दावेदार
हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तीसरी बार राज्य के सीएम बनने के प्रबल दावेदार हैं। साल 2005 से 2014 तक कांग्रेस सरकार में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही मुख्यमंत्री थे। कुमारी सैलजा ने अपने लिए मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जताते हुए उदाहरण दिया कि भजनलाल के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के बावजूद जब कांग्रेस हाईकमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बना सकता है तो इस बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में लड़े गये चुनाव के बावजूद किसी दूसरे को यानी मुझे मुख्यमंत्री क्यों नहीं बना सकता। कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी इच्छा जताई है, लेकिन सीएम पद की मुख्य लड़ाई भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच मानी जा रही है।
ना तो टायर्ड (थका) हूं और ना ही रिटायर्ड (सेनानिवृत्त) हूं
भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जब भी मुख्यमंत्री पद के लिए दीपेंद्र सिंह हुड्डा की दावेदारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने हर बार कहा कि मैं अभी ना तो टायर्ड (थका) हूं और ना ही रिटायर्ड (सेनानिवृत्त) हुआ हूं। इसलिए मुख्यमंत्री पद पर मेरी दावेदारी बरकरार है, लेकिन हुड्डा का यही कहना था कि विधायकों से राय पूछने के बाद अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान को ही करना होता है।
दीपेंद्र हुड्डा की पीठ ठोंकी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी चुनावी जनसभाओं में जिस तरह दीपेंद्र हुड्डा को जननेता बताते हुए उनकी पीठ ठोंकी, उससे उनके समर्थकों द्वारा पेश की जा रही दीपेंद्र की सीएम पद की दावेदारी को बल मिल रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मीडिया से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट कर चुके हैं कि विधायकों की सहमति लेने के बाद कांग्रेस हाईकमान चर्चा करेगा, तब जाकर सीएम के नाम पर मुहर लगेगी।
अनिल विज बोले, अगली मुलाकात सीएम निवास पर होगी
कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा में भी चुनाव के दिन मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जताई गई है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सीएम घोषित कर रखा है। लेकिन कुछ दिन पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने स्वयं को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर भाजपा में हलचल पैदा कर दी थी। मतदान करने के बाद अनिल विज ने यह दावेदारी शनिवार को एक बार फिर से की है। अनिल विज ने कहा कि अगर पार्टी मुझे चाहेगी तो अगली मुलाकात मीडिया के लोगों से मुख्यमंत्री आवास पर होगी। मैं सबसे वरिष्ठ नेता हूं।
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