Haryana Congress: हरियाणा कांग्रेस में खींचतान उभरी, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने लगाए प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पर गंभीर आरोप

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ः Haryana Congress: हरियाणा कांग्रेस में गहरी खींचतान और विवाद उभरकर सामने आ रहा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने सीधे तौर पर प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उदयभान ने आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस का संगठन न बन पाने के लिए बाबरिया जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने बार-बार पार्टी पदाधिकारियों की सूचियां बाबरिया को सौंपीं, लेकिन बाबरिया ने इन्हें कांग्रेस हाईकमान को भेजने के बजाय रोककर रखा। इसके चलते पार्टी की स्थिति कमजोर हुई। उदयभान ने कहा कि संगठन का न बन पाना कांग्रेस की हार के बड़े कारणों में से एक है, जबकि ईवीएम हैकिंग भी पार्टी के लिए घातक साबित हुई।

टिकट आवंटन में गड़बड़ियां हुईं

चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए उदयभान ने स्वीकार किया कि कुछ स्थानों पर टिकट आवंटन में भी गड़बड़ियां हुईं। हालांकि, उनका मुख्य फोकस पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया पर हमला करने पर रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि बाबरिया की निष्क्रियता के कारण पार्टी का संगठन समय पर तैयार नहीं हो सका। बता दें कि हाल ही में कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी सचिव जितेंद्र बघेल को हरियाणा कांग्रेस का सह प्रभारी नियुक्त किया है। बघेल आठ सदस्यीय समिति की बैठकों में भी भाग ले रहे हैं, जिसे सभी पराजित उम्मीदवारों से बातचीत कर हार के कारणों की रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है। इस समिति की अध्यक्षता पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल कर रहे हैं।

बाबरिया की तबीयत खराब
पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया की तबीयत खराब बताई जा रही है, और चुनाव के बाद से वे कम सक्रिय हैं। जितेंद्र बघेल की नियुक्ति से कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही बाबरिया को उनके पद से मुक्त किया जा सकता है। उदयभान ने कहा कि बाबरिया ने 7 अगस्त 2023 को राहुल गांधी के सामने वादा किया था कि 10 सितंबर तक संगठन बना देंगे, लेकिन वह इसमें नाकाम रहे। प्रदेश अध्यक्ष ने ईवीएम हैकिंग का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए भाजपा पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाया। उदयभान ने कहा कि कांग्रेस इन सभी तथ्यों को जुटाकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

नेता के चयन में देरी

कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन में हो रही देरी पर उदयभान ने कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने पार्टी विधायकों से वन-टू-वन बातचीत कर फीडबैक लिया है और अपनी रिपोर्ट कांग्रेस नेतृत्व को सौंप दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि 13 नवंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले नेता का चयन कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस शीतकालीन सत्र में सरकार के खिलाफ मजबूती से खड़ी होगी।

कांग्रेस के पक्ष में माहौल था

प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल को खारिज करते हुए उदयभान ने कहा कि पार्टी पूरी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ी थी। उनका दावा है कि कांग्रेस के पक्ष में माहौल था, लेकिन भाजपा ने भ्रष्ट तरीके अपनाकर चुनाव जीत लिया। उन्होंने भाजपा पर सीधे आरोप लगाया कि पार्टी ने ईवीएम सेटिंग से कांग्रेस को सत्ता से दूर कर दिया। उदयभान ने कहा कि हार का सामना करने में मुश्किल हो रही है, क्योंकि चुनाव नतीजे अप्रत्याशित थे। उन्होंने बताया कि भाजपा और कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगभग बराबर रहा, फिर भी भाजपा 11 सीटें ज्यादा जीतने में कामयाब रही। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अनुसूचित जाति आरक्षण के वर्गीकरण से कांग्रेस को नुकसान हुआ।

उदयभान ने यह भी कहा कि कांग्रेस का वोट शेयर पिछले चुनाव के मुकाबले 11 प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। उन्होंने माना कि एक-दो सीटों पर बागियों के प्रभाव से नतीजे प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन यह पूरे राज्य में नहीं था। कांग्रेस अब हार के कारणों का विस्तृत विश्लेषण कर रही है और भविष्य की रणनीति पर विचार कर रही है।

 

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