हरियाणा में टिकटों के आवंटन में जाटों की दावेदारी पर कांग्रेस चलाएगी कैंची, गैर जाट को मिलेगा महत्व

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में टिकटों के आवंटन को लेकर कांग्रेस ठीक उसी तरह का फार्मूला अपनाने जा रही है, जो कि लोकसभा चुनाव में टिकटों के आवंटन को लेकर रहा था। कांग्रेस ने जाट उम्मीदवारों पर फोकस करने से बचते हुए लोकसभा चुनाव में गैर जाट उम्मीदवारों को अधिक टिकट दिए थे। कांग्रेस का यह प्रयोग तब सफल रहा और 10 सीटों में से पांच पर उसके उम्मीदवारों की जीत हुई। उसी तर्ज पर कांग्रेस हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान भी जाटों को अधिक टिकट बांटने की बजाय गैर जाट नेताओं पर भी फोकस करने वाली है।

गैर जाटों पर भी फोकस उतना ही है

 

हरियाणा में साल 2019 का विधानसभा चुनाव जाट और गैर जाट पर आधारित रहा है। इसका भाजपा को फायदा मिला, जिसके बाद हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए जाटों को अधिक संख्या में टिकट देने की बजाय गैर जाटों को भी टिकट देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सिर्फ जाटों की राजनीति नहीं करते, उनका फोकस गैर जाटों पर भी उतना ही बना हुआ है। भाजपा ने इस बार के लोकसभा चुनाव में गैर जाटों के साथ-साथ जाटों को भी टिकट दिए थे, जिसके माध्यम से भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की थी कि उस पर सिर्फ गैर जाट राजनीति करने के आरोप गलत हैं।

सोशल इंजीनियरिंग के तहत दिए जाएंगे टिकट

कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 27 हलकों में अपनी जमानत जब्त करवाई थी। इसके अलावा 15 प्रत्याशी ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने लगातार दो हार हुई है। इनमें कई के नाम यह दोनों ही रिकाार्ड दर्ज हैं। कांग्रेस की टिकटों की सूची से यह दावेदार तो बाहर होने तय हैं। कांग्रेस नेतृत्व लोकसभा चुनाव की तर्ज पर इस बार विधानसभा में भी सोशल इंजीनियरिंग के तहत टिकट देने के पक्ष में है। अगर इस तरह का निर्णय कांग्रेस ने लिया तो फिर प्रदेश में 2019 के मुकाबले इस बार जाट उम्मीदवारों की संख्या कम हो सकती है। आमतौर पर कांग्रेस 28 से 30 जाट नेताओं को टिकट देती रही है। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस चार जाट उम्मीदवार उतारती रही है लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो ही जाट नेताओं को टिकट दी थी, जिनमें रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा और हिसार से जयप्रकाश ‘जेपी’ शामिल हैं। दोनों ही चुनाव जीतने में भी कामयाब रहे।

दलित नेताओं में जबरदस्त मारामारी

प्रदेश में विधानसभा की 90 सीटों में से 17 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। कांग्रेस का टिकट प्राप्त करने के लिए दलित नेताओं में जबरदस्त मारामारी मची हुई है। कांग्रेस के पास इस समय 28 विधायक हैं, जिनमें से करीब एक दर्जन के टिकट बदलने की तैयारी की जा रही है। कांग्रेस इस बार के टिकटों के आवंटन में युवा और महिलाओं के साथ पिछड़ा वर्ग-बी, बीसी-ए, ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजूपतों के कोटे में बढ़ोतरी करने जा रही है। रोड बिरादरी की अनदेखी के चलते कांग्रेस उस पर भी फोकस करने में जुटी है, जबकि सिखों को भी टिकट आवंटन पर चर्चा की जा रही है।

 

 

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