Haryana Politics: हरियाणा के निर्दलीय विधायक का भाजपा को झटका, कांग्रेस में जाने की चर्चा; अल्पमत में आ जाएगी सरकार

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Politics: हरियाणा सरकार पर अल्पमत का खतरा मंडरा रहा है। पृथला से निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने भाजपा सरकार का साथ छोड़ दिया है। ऐसे में हरियाणा में 44 के बहुमत आंकड़े से भाजपा 2 कदम पीछे हो गई है। भाजपा के पास 41 सीटें हैं। फिलहाल भाजपा को हविपा के एक और सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा का समर्थन प्राप्त है।

 हरियाणा सरकार से सहयोग नहीं मिला

नयनपाल रावत के करीबियों के मुताबिक वह गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान कर सकते हैं। नयन पाल रावत हरियाणा सरकार और प्रशासनिक कार्य प्रणाली से खफा हैं। निर्दलीय विधायक का कहना है कि पूर्ण समर्पण के बावजूद हरियाणा सरकार से सहयोग नहीं मिला। रावत ने कहा कि सरकार अफसरों पर लगाम कसने में नाकाम हो रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही वह अगली रणनीति का खुलासा करेंगे। वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा कि रावत भाजपा का साथ कभी नहीं छोड़ सकते। यह पूरा मामला सीएम के संज्ञान में है। रावत के बागी तेवर से भाजपा और कांग्रेस दोनों में हलचल तेज हो गई है।

3 निर्दलीय विधायक ले चुके हैं समर्थन वापस

इससे पहले, 3 निर्दलीय विधायक भाजपा से समर्थन वापस ले चुके हैं। दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, पूंडरी से रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोधर ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है। नयनपाल रावत भी कांग्रेस में जा सकते हैं।

रावत के कांग्रेस में भी शामिल होने की चर्चाएं

रावत फरीदाबाद की पृथला विधानसभा सीट से विधायक हैं। पिछले 2 चुनाव में फरीदाबाद क्षेत्र में भाजपा के फेवर में माहौल रहा है। पिछले चुनाव में निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद नयन पाल ने भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे थे। अभी हाल में हुए लोकसभा चुनाव में नयन पाल रावत को माहौल भाजपा के विपरीत नजर आया, जिसके चलते रावत ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राह अलग चुनने का फैसला किया है। चुनाव के वक्त रावत के कांग्रेस में भी शामिल होने की चर्चाएं हैं। हालांकि इसका खुलासा रावत कल चंडीगढ़ में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे।

विपक्षी दलों की क्या स्थिति

हरियाणा में कांग्रेस के पास फिलहाल 29 विधायक हैं। इसके अलावा जजपा के 10 और इनेलो का एक विधायक है। 4 निर्दलीय विधायक हैं। अगर नयनपाल रावत विपक्ष के साथ आ गए तो विपक्ष के पास कुल 45 विधायक हो जाएंगे।

हालांकि, जजपा की ओर से 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा के विरुद्ध और कांग्रेस ने किरण चौधरी के खिलाफ स्पीकर को दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत याचिका दी हुई है। अगर यह मंजूर हुआ तो भी विपक्ष के पास ज्यादा विधायक होंगे।

हरियाणा विधानसभा में मौजूदा स्थिति?

हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। रानियां से विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे, वरुण चौधरी के सांसद बनने और बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद विधानसभा में 87 विधायक बचे हैं। इससे बहुमत का आंकड़ा 46 से घटकर 44 हो गया है।

 

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