पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में हरियाणा का नौसेना भवन का कर्मचारी गिरफ्तार, आपरेशन सिंदूर के दौरान दीं सामरिक महत्व की जानकारियां

नई दिल्ली/ जयपुर, बीएनएम न्यूज : राजस्थान सीआइडी की इंटलीजेंस टीम ने दिल्ली स्थित नौसेना भवन में तैनात एक कर्मचारी विशाल यादव को पाकिस्तान की महिला हैंडलर के साथ जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी केवल एक व्यक्तिगत संदिग्ध के खिलाफ नहीं बल्कि एक बड़े जासूसी जाल का हिस्सा है जो पाकिस्तान के खुफिया एजेंसियों द्वारा भारत की सामरिक सूचनाओं को लीक करने का प्रयास कर रहा था।
पाकिस्तान के जासूसी नेटवर्क का खुलासा
राजस्थान सीआइडी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार गिरफ्तार आरोपी विशाल यादव दिल्ली के नौसेना भवन में कार्यरत था जहां वह डायरेक्टोरेट ऑफ डाकयार्ड में तैनात था। उसके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में पाया गया कि उसने पाकिस्तान की महिला हैंडलर प्रिया शर्मा के साथ इंटरनेट मीडिया के माध्यम से संपर्क स्थापित किया था। इस संपर्क के जरिये उसने गोपनीय नौसेना एवं रक्षा सूचनाओं का आदान-प्रदान किया। विशाल यादव ने कबूल किया है कि वह पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था और इसके बदले उसे पैसे भी मिल रहे थे। शुरुआत में उसे प्रति सूचना 5-6 हजार रुपये मिलते थे लेकिन बाद में यह रकम बढ़कर 50,000 रुपये तक पहुंच गई। इस जासूसी नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य भारत की रक्षा संबंधी महत्वपूर्ण सूचनाओं को पाकिस्तान तक पहुंचाना था ताकि भारत की सामरिक स्थिति को कमजोर किया जा सके।
ऑपरेशन सिंदूर और उसकी भूमिका
यह मामला तब उजागर हुआ जब राजस्थान सीआइडी को पता चला कि विशाल यादव के खाते में पाकिस्तान से अचानक 50,000 रुपये का पैसा ट्रांसफर हुआ है। इस रकम का लेनदेन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भी देखा गया था, जो एक विशेष निगरानी अभियान था, जिसमें पाकिस्तान के जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया था। इस अभियान के दौरान, विशाल को उसकी गतिविधियों के चलते हिरासत में लिया गया था, और उसके बैंक खातों तथा मोबाइल फोन की जांच की गई।
विशाल यादव का यह भी खुलासा हुआ है कि उसने करीब दो लाख रुपये अपने बैंक खातों में जमा कर रखे थे, जिनमें से कुछ क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट में भी रखे गए थे। यह रकम उसकी जासूसी गतिविधियों को वित्तीय रूप से समर्थन देने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। इस प्रकार, यह मामला भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील साबित हो रहा है।
विशाल यादव का परिचय और पारिवारिक पृष्ठभूमि
विशाल यादव का जन्म हरियाणा के रेवाड़ी जिले के पुंसिका गांव में हुआ था। उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वर्ष 2019 में बतौर क्लर्क नौकरी प्राप्त की। उसके परिवार में उसकी मां, पत्नी और दो बच्चे हैं। उसके पिता की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो चुकी है और उसकी पारिवारिक स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर है। विशाल अपने जीवनयापन के लिए नौकरी करता था और साथ ही ऑनलाइन गेम खेलने का शौक भी रखता था।
विशाल का परिवार उस समय आश्चर्यचकित रह गया जब उसे पाकिस्तान के जासूसी नेटवर्क में संलिप्त पाए जाने के बाद हिरासत में लिया गया। परिवार को उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी नहीं थी, और वे उसकी गिरफ्तारी के बाद ही इस पूरे मामले से परिचित हुए।
2022 में पहली बार रडार पर आया था विशाल का नाम
यह मामला 2022 में तब सामने आया जब राजस्थान सीआइडी ने पाकिस्तान की महिला हैंडलर प्रिया के संबंध में जासूसी के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान पता चला कि विशाल यादव भी उस प्रिया की फ्रेंड लिस्ट में था। उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच से यह भी पता चला कि वह नौसेना मुख्यालय में कार्यरत था, लेकिन जासूसी के सूत्र उसके खातों की जांच के बाद ही मिले। उस समय जब उसके खाते में पाकिस्तान से 50,000 रुपये का लेनदेन हुआ तो उसकी गतिविधियों पर संदेह हुआ और उसे हिरासत में लिया गया। इस मामले का विश्लेषण कर सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी गतिविधियों पर निगरानी रखी और अंततः उस पर कार्यवाही करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली से घर लौटते समय हिरासत में लिया गया विशाल
16 जून को विशाल अपने वाहन से दिल्ली से अपने गृह नगर पुंसिका के लिए निकला था। जब वह अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचा, तो स्वजनों ने उसकी तलाश शुरू की। परिवार ने उसकी लोकेशन के बारे में जानकारी जुटाई और पता चला कि वह मानेसर में अपनी कार खड़ी थी। इसके बाद, परिवार ने पुलिस को सूचित किया, जिन्होंने तुरंत उसकी लोकेशन ट्रेस की। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन को सर्विलांस पर रखा और उसकी आखिरी लोकेशन मानेसर की मिली। आसपास पूछताछ करने पर पता चला कि कुछ लोग बोलेरो गाड़ी में उसे ले गए हैं। बाद में, राजस्थान सीआइडी ने उसकी गिरफ्तारी की सूचना दी।
24 जून को विशाल के चाचा ने जयपुर में सीआइडी अधिकारियों से संपर्क किया और उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जयपुर स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिनों के रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई।
प्रारंभिक जांच और खुलासे
विशाल यादव का मोबाइल फोन जब फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया तो उसमें कई महत्वपूर्ण चैट्स और लेन-देन के सबूत मिले। इन चैट्स में उसकी पाकिस्तान की महिला हैंडलर प्रिया शर्मा से बातचीत स्पष्ट रूप से दिखाई दी, जिसमें वे सामरिक सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे थे। इन सूचनाओं में नौसेना के गुप्त ठिकानों, रक्षा योजनाओं और सामरिक गतिविधियों की जानकारी शामिल थी। जांच में यह भी पाया गया कि विशाल ने अपने खातों में क्रिप्टो ट्रेडिंग के माध्यम से भी पैसा कमाया था। यह पैसा उसकी जासूसी गतिविधियों को वित्तीय रूप से समर्थित कर रहा था। इन सबूतों के आधार पर, उसे जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
प्रिया शर्मा और पाकिस्तान का जासूसी नेटवर्क
पिछले वर्ष 2022 में राजस्थान सीआइडी ने इस जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था जिसमें प्रिया शर्मा नाम की महिला शामिल थी। इस दौरान दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था जो पाकिस्तान के खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी कर रहे थे। जांच में यह सामने आया कि विशाल यादव भी प्रिया की फ्रेंड लिस्ट में था और उसकी गतिविधियों का संबंध इस नेटवर्क से था।
विशाल के खातों की जांच से पता चला कि वह पाकिस्तान से पैसे प्राप्त कर रहा था और गोपनीय सूचनाएं भेज रहा था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जब उसके खाते में 50,000 रुपये का ट्रांसफर हुआ, तो उसे हिरासत में लिया गया। उसके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में भी इस जासूसी नेटवर्क के सबूत मिले।
रिमांड और आगे की जांच
विशाल यादव को जयपुर के विशेष न्यायालय में पेश करने के बाद, उसे चार दिन के रिमांड पर भेजा गया है। इस दौरान, उसकी पूछताछ जारी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पाकिस्तान का जासूसी नेटवर्क कितने व्यापक स्तर पर फैला हुआ है और उसमें अन्य कौन-कौन लोग शामिल हैं। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि वह किन किन सूचनाओं को पाकिस्तान तक पहुंचा रहा था और कितने पैसे उसने प्राप्त किए।
संबंधित तथ्य और विश्लेषण
विशाल यादव का व्यक्तित्व: वह एक सामान्य सरकारी कर्मचारी था, जिसका जीवन आर्थिक तंगी और पारिवारिक संघर्षों से भरपूर था। उसकी ऑनलाइन गेमिंग की आदत और सोशल मीडिया पर सक्रियता उसकी जासूसी गतिविधियों में भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा: यह मामला भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत गंभीर है, क्योंकि इसमें सेना और नौसेना की गोपनीय सूचनाओं का लीक होना शामिल है। यदि ये सूचनाएं पाकिस्तान के हाथ लग जातीं, तो उससे भारतीय रक्षा क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंच सकता था।
संबंधित एजेंसियों की भूमिका: राजस्थान सीआइडी, दिल्ली पुलिस, राजस्थान पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसियों ने मिलकर इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। उनके समन्वित प्रयास से ही इस जासूसी जाल का पर्दाफाश संभव हो पाया।
आगे की कार्रवाई: इस मामले में अन्य संदिग्धों, खातों और संलिप्त व्यक्तियों की जांच जारी है। साथ ही, सुरक्षा एजेंसियों ने इन जासूसी गतिविधियों को रोकने के लिए नई रणनीतियों और निगरानी तंत्र को मजबूत करने का निर्णय लिया है।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए चेतावनी
यह मामला भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है कि जासूसी नेटवर्क कितनी तेजी से फैल सकता है यदि सतर्कता और निगरानी में कमी की जाए। विशाल यादव जैसे कर्मचारी, जो सरकारी नौकरी कर रहे होते हैं, यदि वित्तीय लालच और देशभक्ति से विमुख होकर जासूसी में संलिप्त होते हैं, तो यह देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। इसलिए, सुरक्षा एजेंसियों को निरंतर सतर्क रहना चाहिए और ऐसे मामलों की जांच तेज करनी चाहिए ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।