Haryana News: कच्छा पहनकर घूमने पर रोक… इस गांव की पंचायत ने सुनाया अजीब फरमान
नरेन्द्र सहारण, भिवानी। Haryana News: हरियाणा के भिवानी जिले के गांव गुजरानी में महिला सरपंच के प्रतिनिधि ससुर ने युवाओं के केवल कच्छा पहनकर गांव में घूमने पर पाबंदी लगाए जाने का अजीब फरमान सुनाया है। गांव के युवाओं को सार्वजनिक जगहों पर कच्छा पहनकर घूमने पर पाबंदी लगा दी है। वहीं महिला सरपंच के घर भी किसी कागजात पर मुहर लगवाने कच्छा पहनकर जाना सख्त मना है। सरपंच प्रतिनिधि ने गांव के चौकीदार से बाकायदा इसकी पूरे गांव में मुनादी भी करा दी है। जिसका सोशल मीडिया पर वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।
कच्छा पहनकर घूमना अश्लीलता के दायरे में
महिला सरपंच प्रतिनिधि का तर्क है कि घुटनों से ऊपर तक का पहनावा यानी कच्छा पहनकर सार्वजनिक जगहों पर घूमना अश्लीलता के दायरे में आता है। ये हमारी भारतीय संस्कृति के भी खिलाफ है, हम इसे सामाजिकता के भी खिलाफ मानते हैं। इसीलिए पूरी पंचायत ने बैठक कर यह निर्णय सर्वसहमति से लेने के बाद गांव में ये मुनादी कराई है। इसका पालन नहीं करने वाले युवा के परिजनों को पहले समझाया जाएगा और नहीं मानने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी।
गांव गुजरानी करीब सात हजार आबादी का गांव
भिवानी शहर से महज 10 किलोमीटर दूर गांव गुजरानी करीब सात हजार आबादी का गांव है। इस गांव में करीब 1300 मकान बने हुए हैं। गांव गुजरानी में 35 वर्षीय रेनु शर्मा गांव की युवा महिला सरपंच है। उसके पति की कुछ अर्से पहले ही हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी। महिला सरपंच के परिवार में उनका ससुर सुरेश शर्मा व सास पतासो देवी, लड़का विजय कुमार, उसकी पत्नी सरिता और तीन पौते और दो पौतियां हैं। सुरेश शर्मा सरपंच प्रतिनिधि होने के साथ-साथ गांव में सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।
बहन बेटियों को शर्मिंदगी
सुरेश शर्मा ने बताया कि गांव के युवा अक्सर गांव के सरकारी स्कूल, बैंक और महिलाओं के पानी भरने के स्थान पर कच्छा पहनकर ही चले जाते हैं, जिससे गांव की बहन बेटियों को शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई युवा गांव के फैसले की अवहेलना करता है तो प्रथम बार तो उसके परिजनों से बात की जाएगी फिर भी नहीं माना तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराएंगे।
पूरे गांव में कर दी पंचायत के फैसले की मुनादी
गांव के चौकीदार ने बाकायदा पंचायत के इस फैसले की पूरे गांव में घूमकर मुनादी भी कर दी है। इस मुनादी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं 35 वर्षीय गांव की महिला सरपंच रेणु का कहना है कि पंचायत महिलाओं का सम्मान करती है, क्योंकि वो खुद एक महिला हैं। पूरा गांव एक परिवार की तरह है, इस परिवार में नाते रिश्तों और मर्यादा का हम सबको ख्याल रखना चाहिए वहीं युवा भी ग्राम पंचायत के इस फैसले को लेकर अब दुविधा में हैं।
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