Haryana News: चलती कार में आग से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और दो बेटियां जिंदा जले, मां व पत्नी की हालत गंभीर

नरेन्द्र सहारण, शाहाबाद (कुरुक्षेत्र) : Haryana News: जीटी रोड पर मोहड़ी गांव के निकट शनिवार रात 11 बजे चलती कार में आग लग गई। इसमें चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और उनकी दो बेटियां जिंदा जल गईं। परिवार के तीन सदस्य भी झुलस गए। दो का पीजीआइ चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है और हालत गंभीर बताई जा रही है।
शार्ट-सर्किट से आग लग गई
प्रोफेसर संदीप कुमार (37) सोनीपत में अपने गांव रहमाणा में दीपावली मनाने के बाद मां, पत्नी, दो बेटियों, भाई सुशील कुमार व उसकी पत्नी और बेटे के साथ एर्टिगा कार से चंडीगढ़ स्थित सेक्टर सात अपने घर लौट रहे थे। रात 11 बजे गाड़ी न्यू सुखदेव ढाबा के पास पहुंची तो शार्ट-सर्किट से आग लग गई। गाड़ी लॉक हो गई। राहगीरों की मदद से उन्हें गाड़ी से निकाला और आदेश मेडिकल कालेज पहुंचाया। चिकित्सकों ने संदीप, छह वर्षीय बेटी परी और 10 वर्षीय बेटी खुशी को मृत घोषित कर दिया। संदीप के छोटे भाई की पत्नी 32 वर्षीय आरती को प्राथमिक उपचार के बाद अस्तपाल से छुट्टी दे दी गई। संदीप की मां सुदेश (57) और पत्नी लक्ष्मी (35) को पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। सुशील कुमार और उनका 10 वर्षीय बेटा यश सकुशल हैं।
डिक्की में लगी आग
सुशील ने बताया कि वह और उनका भाई संदीप परिवार के साथ शनिवार की रात करीब 8:40 बजे गांव से चंडीगढ़ के लिए चले थे। रात 11 बजे वे गांव मोहड़ी के पास पहुंचे तो कार की डिक्की में आग लग गई। इसके बाद गाड़ी लाक को गई। देखते ही देखते आग विकराल हो गई।
मौत से रहमाणा गांव में पसरा मातम
अपने पैतृक गांव रहमाणा से दीपावली मनाकर चंडीगढ़ जा रहा एक परिवार हादसे का शिकार हो गया। कार में आग लगने से उसमें सवार चंडीगढ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर 37 वर्षीय संदीप व उनकी छह वर्षीय बेटी खुशी और चार वर्षीय परी की जलकर मौत हो गई। प्रोफेसर की मां सुदेश, पत्नी लक्ष्मी, भाभी आरती बुरी तरह झुलस गए। वहीं छोटा भाई सुशील कुमार व भतीजा यश सुरक्षित बच गए। प्रोफेसर व उनकी बेटियों की मौत की सूचना से गांव में मातम पसर गया। रविवार को गमगीन माहौल में तीनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अचानक आग लग गई
ग्रामीणों ने बताया कि संदीप अपने परिवार के साथ अपने गांव रहमाणा में दीपावली मनाने आए थे। वह शनिवार की रात को त्योहार मनाकर वापस चंडीगढ़ जा रहे थे। गाड़ी उसका छोटा भाई सुशील चला रहा था और वह बगल वाली सीट पर बैठे थे। जब वह कुरुक्षेत्र के शाहबाद के पास पहुंचे तो गाड़ी के पिछले हिस्से में अचानक आग लग गई। इस कारण गाड़ी लॉक हो गई और पूरा परिवार गाड़ी में फंस गया। सुशील ने किसी तरह लाक खोला, लेकिन तब तक प्रोफेसर, उनकी पत्नी, दो बेटियां, मां व भाभी झुलस चुके थे। सुशील और उसका बेटा 10 वर्षीय बेटा यश किसी तरह बच गए। उन्होंने राहगीरों की मदद से घायलों को बाहर निकाला और अस्पताल में दाखिल कराया, जहां उपचार के बाद सुशील, उसकी पत्नी आरती व बेटे यश को छुट्टी मिल गई जबकि प्रोफेसर संदीप और उसकी दोनों बेटियों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं संदीप की मां सुदेश व पत्नी लक्ष्मी की गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें रेफर कर दिया।
पिछले 35 वर्षों से चंडीगढ़ में रहता था परिवार
संदीप के पिता सुरेंद्र चंडीगढ़ उपायुक्त कार्यालय में नियुक्त थे। इस वजह से वह 35 वर्ष पहले अपने परिवार सहित चंडीगढ़ सेक्टर-7 में रहने लगे। पिछले वर्ष संदीप के पिता सुरेंद्र का हृदयगति रुकने के कारण निधन हो गया था। इसके बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी संदीप पर आ गई। संदीप चंडीगढ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे और पत्नी लक्ष्मी हाईकोर्ट में वकालत कर रही हैं। छोटा भाई सुशील चंडीगढ ट्रांसपोर्ट यूनिट में कार्यरत हैं और उसकी पत्नी आरती शिक्षिका हैं। इस हादसे के बाद संदीप का हंसता-खेलता परिवार पूरी तरह बिखर गया।
गांव में हुआ अंतिम संस्कार
हादसे की सूचना के बाद गांव में उनके परिवार वालों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। रहमाणा के ग्रामीण भी शोक में डूब गए हैं। काफी संख्या में लोग संदीप के घर में सांत्वना देने वाले पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद गांव लाए संदीप व उनकी दोनों बेटियों का गमगीन माहौल के बीच गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
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