Haryana News: हरियाणा में भूकंप के झटके:रोहतक-पानीपत समेत 5 जिलों में असर, घबराए लोग घरों से बाहर निकले
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana News: बुधवार दोपहर हरियाणा के विभिन्न जिलों में भूकंप के झटकों ने लोगों को हिला दिया। दोपहर 12 बजकर 28 मिनट और 31 सेकंड पर आए इस भूकंप से रोहतक, सोनीपत, पानीपत, झज्जर और गुरुग्राम जिलों में तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र सोनीपत जिले में खरखौदा के पास कुंडल गांव में 5 किलोमीटर की गहराई में था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई।
भूकंप के झटकों से लोगों में मची अफरा-तफरी
रोहतक के सेक्टर-4 सहित अन्य इलाकों में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोगों में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर एक-दूसरे को सतर्क किया। कई स्थानों पर लोग पार्क और खुले स्थानों में जमा हो गए। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए लोगों से शांत रहने और अफवाहों से बचने की अपील की।
राजकीय महाविद्यालय नारनौल के मौसम विशेषज्ञ और प्रोफेसर डॉ. चंद्र मोहन ने बताया कि भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों ने सतर्कता बरतने और भविष्य में किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
पिछले भूकंप के झटकों की यादें ताजा
यह पहली बार नहीं है जब हरियाणा में भूकंप के झटके महसूस किए गए हों। इससे पहले, 12 नवंबर को सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर रोहतक और उसके आसपास के जिलों में भूकंप आया था। उस समय भूकंप की तीव्रता 3 मापी गई थी और इसका केंद्र रोहतक में 7 किलोमीटर गहराई में था। हालांकि, उस भूकंप में भी कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था।
इसके अलावा, पांच महीने पहले फरीदाबाद में एक दिन के अंदर दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस समय दोनों बार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.4 थी। पहला झटका सुबह 10:54 बजे और दूसरा 11:43 बजे महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र फरीदाबाद के अंदर ही 5 किलोमीटर की गहराई में था।
बार-बार भूकंप आने का कारण
हरियाणा में बार-बार भूकंप आने का मुख्य कारण उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले तक फैली फॉल्ट लाइन है। भूगर्भीय विशेषज्ञों के अनुसार, इस फॉल्ट लाइन में प्लेटों की हलचल के कारण कंपन उत्पन्न होता है, जिससे भूकंप के झटके महसूस होते हैं। यह फॉल्ट लाइन भारत की भौगोलिक संरचना के लिए संवेदनशील मानी जाती है, और इसके कारण क्षेत्र में हल्के से मध्यम भूकंप अक्सर आते रहते हैं।
भूकंप से बचने के उपाय
भूकंप से बचने और संभावित खतरों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
मकानों की मजबूती
भूकंप रोधी सामग्री का इस्तेमाल कर मकान बनाए जाने चाहिए।
मकान की ऊंचाई दो से तीन मंजिल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
जांच और निरीक्षण
मकान निर्माण से पहले मिट्टी और भूगर्भीय स्थिति की जांच करनी चाहिए।
निर्माण प्रक्रिया में क्षेत्र की भूगर्भीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखना चाहिए।
आपातकालीन तैयारी
भूकंप के दौरान खुले स्थानों पर जाने की कोशिश करें।
ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहें।
घर में सुरक्षित स्थान जैसे मजबूत टेबल के नीचे छिपें।
प्रशासन की अपील
प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
अफवाहों पर ध्यान न दें और सही जानकारी के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करें।
आगे का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, इस भूकंप से किसी प्रकार के बड़े झटकों की संभावना नहीं है। लेकिन, हरियाणा के लोग भूकंप के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहें। क्षेत्रीय प्रशासन ने भविष्य में किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।
भूकंप आना फॉल्ट लाइन के कारण
हरियाणा में बार-बार भूकंप आना फॉल्ट लाइन के कारण है। हालांकि, भूकंप की तीव्रता अभी तक कम ही रही है और जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। प्रशासन और भूगर्भीय विशेषज्ञों की सतर्कता के कारण स्थिति नियंत्रण में है। नागरिकों को भी प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।
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