5 राज्‍यों के राज्यपाल बदले: आरिफ मोहम्मद खान होंगे बिहार के राज्यपाल, वीके सिंह को मिजोरम की जिम्मेदारी

आरिफ मोहम्मद खान, जनरल वीके सिंह और अजय कुमार भल्‍ला।

नई दिल्ली। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दो राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति और तीन राज्यों में स्थानांतरण की घोषणा की। यह कदम राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे केंद्र सरकार की रणनीतिक चाल समझा जा रहा है।

जनरल वीके सिंह बने मिजोरम के राज्यपाल

 

लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद जनरल वीके सिंह को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। मिजोरम, जो एक सीमावर्ती राज्य है और जहां के नए मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने हाल ही में अमेरिका में राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान दिए थे, इस नियुक्ति को बेहद अहम माना जा रहा है। जनरल वीके सिंह के सैन्य अनुभव को देखते हुए उन्हें इस संवेदनशील राज्य का दायित्व सौंपा गया है।

आरिफ मोहम्मद खान अब बिहार के राज्यपाल

 

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, जो वैचारिक रूप से वहां की वामपंथी सरकार को चुनौती देने के लिए जाने जाते थे, को बिहार का नया राज्यपाल बनाया गया है। बिहार में एक साल के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं, और ऐसे में खान की नियुक्ति को राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। आरिफ मोहम्मद खान कट्टरपंथी इस्लाम के मुखर आलोचक रहे हैं और मुस्लिम समाज को मुख्यधारा में लाने के पक्षधर हैं। उनकी इस छवि से बिहार में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं।

राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को भेजा गया केरल

 

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को केरल स्थानांतरित किया गया है। अर्लेकर का स्थानांतरण आरिफ मोहम्मद खान के बाद केरल में केंद्र सरकार की नीति को आगे बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

रघुवर दास के सक्रिय राजनीति में वापसी के संकेत

 

ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास का इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। उनके इस्तीफे को झारखंड की राजनीति में उनकी सक्रिय वापसी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को 2019 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद ओडिशा का राज्यपाल बनाया गया था। अब, झारखंड में भाजपा को फिर से मजबूत करने की कोशिश के तहत उन्हें वापस राजनीति में सक्रिय किया जा सकता है।

हरी बाबू खंभनपति अब ओडिशा के राज्यपाल

 

मिजोरम के राज्यपाल हरी बाबू खंभनपति को ओडिशा का राज्यपाल बनाया गया है। उनकी यह नियुक्ति केंद्र सरकार की ओर से ओडिशा में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई मानी जा रही है। हरी बाबू खंभनपति का प्रशासनिक अनुभव ओडिशा में विकास और राजनीतिक स्थिरता लाने में सहायक हो सकता है।

अजय भल्ला बने मणिपुर के राज्यपाल

 

पिछले पांच वर्षों से केंद्रीय गृह सचिव के रूप में कार्यरत अजय भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। मणिपुर में मौजूदा कुकी और मेइती समुदाय के बीच गहरे मतभेद और हिंसा के हालात को देखते हुए, भल्ला की नियुक्ति को वहां शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उनकी प्राथमिकता होगी कि दोनों समुदायों के बीच बातचीत को फिर से शुरू किया जाए और विश्वास बहाली के कदम उठाए जाएं।

केंद्र सरकार की रणनीति

 

इन नियुक्तियों और स्थानांतरणों को मोदी सरकार की आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सीमावर्ती और संवेदनशील राज्यों में अनुभवी और राजनीतिक दृष्टि से प्रभावशाली व्यक्तियों को तैनात करना, सरकार की नीति-निर्माण की दिशा में दूरदर्शिता को दर्शाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन कदमों से न केवल राज्यों में राजनीतिक स्थिरता लाई जा सकती है, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल भी बढ़ेगा। साथ ही, इन नियुक्तियों से भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को मजबूती मिलने की संभावना है।

निष्कर्ष

राष्ट्रपति द्वारा की गई इन नियुक्तियों और स्थानांतरणों ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार अगले चुनावों के लिए अपनी तैयारियों में जुट गई है। चाहे सीमावर्ती राज्यों की सुरक्षा हो या सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता, इन फैसलों से मोदी सरकार अपनी नीतियों को मजबूती देने की कोशिश कर रही है।

 

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