Haryana News: हरियाणा के तीन जिलों में ओले और आठ जिलों में में वर्षा, भीगा गेहूं, आज भी 13 जिलों में ओरेंज अलर्ट

नरेन्‍द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana Rain: वीरवार को हरियाणा के लिए मौसम में बड़े बदलाव का प्रतीक बना, जब राज्य के आठ जिलों में वर्षा और तीन जिलों में ओलावृष्टि हुई। इस अप्रत्याशित मौसम ने न केवल किसानों की फसल को प्रभावित किया बल्कि कुछ क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा। इस लेख में, हम इस बदलाव के कारणों, प्रभावों और सावधानियों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

बारिश और ओलावृष्टि का असर

राज्य के आठ जिलों हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, पानीपत, करनाल, कैथल, जींद और सोनीपत में हुई वर्षा ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। मडियों में खुले में रखी गेहूं और सरसों की फसलें भीग गईं, जिससे फसल की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। शाम तक प्रति दिन की चार लाख क्विंटल गेहूं की मात्रा बिकने से भी प्रभावित हुई।

ओलावृष्टि ने फसल को और अधिक क्षति पहुंचाई। जींद के नरवाना, कैथल के गुहला और सोनीपत में ओलावृष्टि के कारण फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं और किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।

मानव जीवन पर प्रभाव

विभिन्न क्षेत्रों में मौसम के कारण मानव जीवन भी प्रभावित हुआ। फतेहाबाद में आसमानी बिजली गिरने से एक महिला की दुखद मृत्यु हो गई और उनकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई। वहीं रेवाड़ी में आंधी के कारण बिजली के 56 खंभे गिर गए, जिससे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति में भी बाधा आई। धारूहेड़ा रोड पर सुबह लगभग पांच बजे हुई आंधी ने एक बुजुर्ग को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। राजकुमार, जो राजस्थान के अलवर जिले में पावटी गांव के निवासी थे, की इस अप्रत्याशित घटना ने उनकी परिवार को सदमा पहुंचाया।

मौसम में बदलाव की जानकारी

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, बुधवार रात से मौसम में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इस दौरान हल्की वर्षा की जानकारी भी मिली। वीरवार को हुई वर्षा ने उन क्षेत्रों में स्थित तापमान को प्रभावित करने का काम किया, किन्तु अधिक गिरावट नहीं आई। इस बीच, मौसम वैज्ञानिकों ने शुक्रवार के लिए फिर से हवा चलने की चेतावनी जारी की है, जिसमें हवाओं की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे रहने की संभावना है।

विशेषज्ञों ने ओरेंज और यलो अलर्ट भी जारी किया है, जिससे यह साबित होता है कि आने वाले दिनों में वर्षा की संभावना बनी रहेगी। 14 अप्रैल तक प्रदेश लू की चपेट से अपेक्षाकृत सुरक्षित रहेगा, लेकिन 15 अप्रैल से लू की फिर से शुरुआत हो सकती है।

चेतावनियां और सावधानियां

हरियाणा के मौसम विभाग ने विभिन्न जिलों के लिए चेतावनियां जारी की हैं। कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, भिवानी, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और मेवात में वर्षा के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसी प्रकार, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। सरकार और मौसम विशेषज्ञों ने नागरिकों से सतर्क रहने और अलर्ट का पालन करने की अपील की है। किसानों को अपने खेतों की निगरानी रखने और फसल को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है।

भविष्य की दृष्टि

हरियाणा में इस तरह के मौसम परिवर्तन सामान्यतः परिवर्तनशील ऋतुओं के साथ जुड़े होते हैं। हालांकि, यह एक चेतावनी भी है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। किसानों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं को मिलकर ऐसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

किसान जो खेती पर निर्भर हैं, उनके लिए यह मौसम उनके आर्थिक स्वास्थ्य पर असाधारण प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में, सरकार द्वारा अधिक से अधिक सहायता और नीतियों की आवश्यकता होती है, ताकि किसानों को उनके कठिन समय में मदद की जा सके।

कृषि विभाग ने कहा- गेहूं के बंडल बनाएं किसान

भिवानी के कृषि विभाग के अधिकारी डॉ. देवीलाल ने बताया कि गेहूं की कटाई के दौरान किसान सावधानी बरतें। किसान जितनी गेहूं की कटाई करें, उसे साथ-साथ बांधकर बंडल बना दें, ताकि तेज हवाएं चलने से गेहूं बिखरें नहीं और नुकसान ना हो। अगर मशीन से कटाई कराएं तो भी यह ध्यान रखें कि वे साथ-साथ बांधकर बंडल बना सकें। जिस फसल की कटाई कर रखी है, उसको कवर करके रखें।

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