Haryana News: आईआईएम रोहतक ने 11 विद्यार्थियों का प्रवेश किया रद, शाम 7 बजे हॉस्टल भी खाली कराया, क्या है मामला

नरेन्द्र सहारण, रोहतक। Haryana News: आईआईएम रोहतक में एक विवाद हुआ है, जिसमें पिछड़ा वर्ग के 11 विद्यार्थियों का प्रवेश रद्द किया गया है और उन्हें हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया है। इन छात्रों के प्रवेश को रद्द करने का कारण उनके परिवार की आय आठ लाख रुपये सालाना से अधिक बताया गया है, जो क्रीमी लेयर के अंतर्गत नहीं आती।

फैसले की सूचना उन्हें लिखित रूप में या ईमेल द्वारा नहीं दी गई

 

अभिभावकों और विद्यार्थियों का कहना है कि इस फैसले की सूचना उन्हें लिखित रूप में या ईमेल द्वारा नहीं दी गई और उनसे कोई भी बातचीत भी नहीं की गई। उन्होंने प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इस प्रकार, बच्चों के सपने और उनकी मेहनत पल भर में टूट गई।

इस मामले में प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया था और वहां करीब 15-20 अभिभावक मौजूद थे। अभी बच्चों को पुनः प्रवेश दिया गया है और प्रबंधन ने सुबह बातचीत करने की भी तैयारी की है।

गुरुवार को आईआईएम में काउंसिलिंग थी। इसके लिए देश के विभिन्न राज्यों से विद्यार्थी पहुंचे थे। काउंसिलिंग के बाद विद्यार्थियों को प्रवेश मिल गया। मेरिट सूची में नाम दर्ज कराने वाले विद्यार्थियों ने फीस जमा करा दी थी। गुरुवार को इन्हें हॉस्टल भी अलॉट कर दिया गया। इसके कुछ घंटों बाद ही संस्थान के प्रबंधन ने ओबीसी वर्ग के 11 विद्यार्थियों को तुरंत हॉस्टल खाली कर घर जाने का आदेश दे दिया।

बताया गया कि उनका प्रवेश रद्द कर दिया गया है। अभिभावकों को जैसे ही सूचना मिली तो वे संस्थान पहुंचे। यहां उन्हें अपने बच्चे प्रवेश द्वार पर सिसकते मिले, पास में ही उनका सामान पड़ा था।

सुरक्षा के लिहाज से वहां पुलिस बुला ली

बताया गया कि क्रीमी लेयर के अंतर्गत परिवार की आय आठ लाख रुपये सालाना से अधिक होने की बात कहकर उनका प्रवेश रद्द किया गया है जबकि वे नॉन क्रीमी लेयर में आते हैं। अभिभावकों ने प्रबंधन से बात करने का काफी प्रयास किया, लेकिन देर रात तक न तो किसी ने बात की और न ही उनकी कहीं सुनवाई हुई। वे देर रात तक संस्थान के बाहर खड़े रहे। हालात बिगड़ते देख प्रबंधन ने सुरक्षा के लिहाज से वहां पुलिस बुला ली थी।

पल भर में बिखर गए सपने, रात भर नहीं थमे आंसू

आईआईएम से डिग्री लेकर अपना भविष्य संवारना था। कुछ अलग कर गुजरने का सपना देखा था। इसीलिए कड़ी मेहनत कर तैयारी की, परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर प्रवेश पाया। लेकिन शुक्रवार से कक्षा शुरू होने से पहले ही प्रवेश रद्द हो गया। प्रबंधन के इस फैसले ने पल भर में बच्चों के सपने चकनाचूर कर दिए। शाम से रात हो गई है, लेकिन बच्चों के आंसू नहीं थम रहे हैं। आईआईएम से प्रवेश रद होने के बाद ओबीसी वर्ग के 11 विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों का बार-बार दर्द छलक रहा था।

क्या कहना है अभिभावकों का

 

पटना निवासी राजेश कुमार ने कहा कि बच्चों ने आईआईएम में प्रवेश के लिए दिन रात कड़ी मेहनत की थी। प्रवेश परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए। अब सबकुछ हो गया है तो प्रवेश रद्द किया जा रहा है, जबकि इस बारे में न तो लिखित में कोई कुछ देने को तैयार है और न ही ईमेल से। बच्चों का सामान रात के समय इस तरह बाहर फेंकना गलत है। हमारे दस्तावेज प्रबंधन के पास हैं। वे हमसे बात करते। कहीं कोई संशय है तो इसे दूर करते।

वहीं, महाराष्ट्र के राजेश का कहना है कि बेटी का सपना है कि आईआईएम से डिग्री लेकर अपना भविष्य संवारें। प्रवेश मिलने के बाद से बेटी के साथ पूरा परिवार सभी खुश था। शुक्रवार से कक्षाएं शुरू होनी थी। शाम को अचानक खुशियां छीन ली गईं। बेटी ने दाखिला रद होने की खबर दी तो होश उड़ गए। हम उसे सुबह ही यहां छोड़ने आए थे। हॉस्टल मिलने के बाद उसके रहने की चिंता दूर हो गई थी, लेकिन एक पल में सब बिखर गया।

महाराष्ट्र की संगीता का कहना है कि गुरुवार को काउंसिलिंग थी, मैं बेटी के साथ आई थी। यहां उसकी फीस व अन्य दस्तावेज जमा हो चुके थे। सुबह हॉस्टल भी मिल गया था। इससे पहले ही प्रबंधन ने बेटी को हॉस्टल खाली कर घर भेजने का फरमान सुना दिया। बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है। यहां कोई सुनने वाला भी नहीं है।

पटना के शैलेष कुमार का कहना है कि मेरी बेटी को ओबीसी कोटे से आईआईएम रोहतक में प्रवेश मिला है। सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। गुरुवार को हॉस्टल भी अलॉट हो गया था। शाम को अचानक बाहर निकाल दिया गया। प्रवेश रद्द करने का कारण लिखित या ईमेल जारी कर नहीं बताया गया है। प्रबंधन से कोई बात करने वाला भी नहीं आया है।

यूपी लखनऊ के सीके जायसवाल का कहना है कि प्रबंधन ने ओबीसी के 11 बच्चों को बाहर निकाल दिया है। कहा गया है कि परिवार की आय 8 लाख रुपये सालाना है। हम सभी सरकारी कर्मचारी हैं। हम क्रीमीलेयर के दायरे से बाहर हैं। इसके बावजूद बच्चों के साथ अन्याय किया जा रहा है। यही नहीं, हमने अपने आय व अन्य सभी दस्तावेज आवेदन के साथ ही दे दिए थे।

शिवाजी कॉलोनी थाना रोहतक प्रभारी इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार का कहना है कि प्रबंधन ने फोन कर पुलिस बुलाई थी, वहां करीब 15-20 अभिभावक थे। उनके बच्चों के दाखिले का मामला है। फिलहाल बच्चों को अंदर भेज दिया गया है। प्रबंधन सुबह बात करेगा।

 

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