हरियाणा में वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू, मुख्यमंत्री ने लंबित करों के मामले के लिए गुरुग्राम से किया शुभारंभ
नरेंद्र सहारण, गुरुग्राम। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नववर्ष के उपलक्ष्य में हरियाणा के व्यापारियों और कारोबारियों के लिए नई राह खोली है। उन्होंने रविवार को गुरुग्राम से एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से पहले के करों के लंबित मामलों के समाधान के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग के माध्यम से एक मुश्त व्यवस्थापन योजना का शुभारंभ किया। इसके शुरू होने के बाद अब विवादित टैक्स में अगर 50 लाख रुपये का अमाउंट है तो उसका 30 प्रतिशत और 50 लाख से अधिक है तो उसका 50 प्रतिशत तक भुगतान करना होगा।
करों की लंबित अदायगी के मामलों का होगा समाधान
सेक्टर 44 स्थित अपैरल हाउस में आयोजित कार्यक्रम में इस योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सात अलग-अलग कर अधिनियमों से संबंधित लंबित मामलों में टैक्स अदायगी में ब्याज और जुर्माने में छूट के साथ ही चार श्रेणियों में करों की अदायगी की जा सकेगी। यह सात कर जीएसटी लागू होने से पहले प्रभावी थे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) के साथ मिलकर एक जीएसटी प्रशिक्षण संस्थान भी खोलने की घोषणा की है। कार्यक्रम में उनके साथ उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मौजूद रहे।
कौन-कौन से कर अधिनियम के मामलों में मिलेगी छूट
आबकारी एवं कराधान विभाग की एकमुश्त व्यवस्थापन स्कीम के तहत 30 जून 2017 तक की अवधि के तहत बकाया टैक्स राशि का निपटारा किया जा सकता है। इसके तहत वैल्यू एडेड टैक्स यानी वैट की सात अलग अलग टैक्स समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। इसमें हरियाणा मूल्य वर्धित कर अधिनियम 2003, केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम 1956, हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम 2000, हरियाणा स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम 2008, हरियाणा सुख साधन कर अधिनियम 2007, पंजाब मनोरंजन शुल्क अधिनियम 1955, हरियाणा साधारण विक्रय कर अधिनियम 1973 अधिनियम शामिल है।
4 श्रेणियों में मिलेगा स्कीम का लाभ
इस योजना के तहत टैक्स राशि को चार कैटेगरी में विभाजित किया गया है। इसमें स्वीकृत शुल्क श्रेणी में ऐसे शुल्क को शामिल किया गया है, जिसमें कोई विवाद नहीं है। इस श्रेणी के तहत टैक्स पेयर को बिना किसी जुर्माना व ब्याज राशि के सौ प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। वहीं विवादित कर कैटेगरी के तहत 50 लाख रुपये से कम की बकाया राशि पर 30 प्रतिशत व 50 लाख से अधिक की बकाया राशि पर करदाता को 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा।
ओटीएस स्कीम की तीसरी श्रेणी
निर्विवादित कर के तहत विभाग द्वारा जो टैक्स बनाया गया है व इसमें करदाता की ओर से कोई अपील नहीं की गई, ऐसे टैक्स में बकाया राशि में 50 लाख रुपये से कम टैक्स राशि पर 40 प्रतिशत व 50 लाख से ऊपर राशि होने पर 60 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। इस श्रेणी में भी टैक्स पेयर को जुर्माना व ब्याज राशि में राहत दी गई है। वहीं चौथी श्रेणी में अंतरीय कर में टैक्स रेट की अंतर वाली बकाया राशि को शामिल किया गया है। इस श्रेणी में सरकार ने करदाता को राहत प्रदान करते हुए कुल बकाया राशि की केवल 30 प्रतिशत राशि भुगतान करने की छूट दी है।
किस्तों में कर सकेंगे भुगतान
ओटीएस स्कीम के तहत करदाता को राहत देते हुए इस योजना में आसान किश्त जैसी सुविधा को भी जोड़ा गया है। करदाता की टैक्स बकाया राशि 10 लाख से नीचे है तो उसे पूरी बकाया राशि 30 मार्च से पहले एकमुश्त जमा करनी होगी। 10 से 25 लाख की टैक्स राशि बकाये में करदाता को दो किस्तों में राशि जमा करानी होगी। 25 लाख से अधिक बकाया राशि होने पर पहले 90 दिन की अवधि में पहली किस्त के रूप में 40 प्रतिशत, अगले 90 दिन की अवधि में दूसरी किस्त के रूप में 30 प्रतिशत व आगामी 90 दिनों में अंतिम किश्त के रूप में 30 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा।
हरियाणा में देश का सबसे बेहतर कर इन्फ्रास्ट्रक्चर : उपमुख्यमंत्री
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने व्यापारियों व उद्योगपतियों की भलाई के लिए यह नई योजना लागू की है। इसके लिए विगत विधानसभा सत्र में नया विधेयक भी पारित करवाया गया, जिससे 30 जून 2017 तक की अवधि के बकाया कर मामलों में व्यापारी को छूट मिल सके। आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं करदाताओं के सहयोग से हरियाणा प्रदेश एक छोटा राज्य होते हुए भी देश में कर संग्रह के मामले में पहले पांच राज्यों में शामिल है। आज कराधान के मामले में देश का सबसे बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर हरियाणा में है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 46 हजार करोड़ रुपये कर एकत्रित कर लिया गया है और ओटीएस स्कीम लागू होने के बाद उम्मीद है कि 31 मार्च तक प्रदेश में कर संग्रह का आंकड़ा 66 हजार करोड़ तक हो जाए।
गुरुग्राम और हिसार में खुलेगी जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच
उपमुख्यमंत्री चौटाला ने कहा कि सरकार व्यापारियों और उद्योग संगठनों की मांग को पूरा करते हुए गुरुग्राम और हिसार में जीएसटी ट्रिब्युनल की शाखाएं स्थापित करेंगी। जीएसटी व कर संग्रह के मामलों का आसानी से समाधान करने तथा अपनी कार्यशैली को आधुनिक बनाने के लिए विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं जैसे सीबीआइ, सेंट्रल एक्साइज आदि से ट्रेनिंग दिलाई गई है।