Haryana News: बहन से तिलक लगवा घूमने निकले दो सगे भाई, ट्रेन की चपेट में आने से मौत

मनीष और आशीष की फाइल फोटो।

नरेन्द्र सहारण, पानीपत: Haryana News: हरियाणा के पानीपत के राजनगर में भैया दूज के मौके पर एक दुखद घटना घटी, जब दो भाई रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रेन की चपेट में आ गए। दोनों भाई, 28 वर्षीय मनीष और 25 वर्षीय आशीष, घर से तिलक कराने के बाद घूमने निकले थे। उनका शव रेलवे ट्रैक पर मिलने से पूरे क्षेत्र में मातम छा गया है।

स्कूटी पर सवार होकर बाहर गए

घटना की जानकारी के अनुसार, मनीष और आशीष अपनी स्कूटी पर सवार होकर बाहर गए थे। मनीष की एक दुकान है, जबकि आशीष एक कंपनी में कार्यरत था। दोनों भाई अपने-अपने परिवार के एक-एक बेटे और बेटी के पिता थे। शाम को उन्होंने अपनी बहन से भाई दूज पर तिलक कराया, जिसके बाद वे अपने दोस्तों से मिलने का बहाना बनाकर घर से निकले।

जल्दी लौटने का आश्वासन दिया

घर से निकलने के बाद आशीष ने अपनी पत्नी से करीब साढ़े सात बजे बात की। मनीष की मां ने भी उन्हें शाम आठ बजे फोन किया और घर लौटने के बारे में पूछा। दोनों भाइयों ने जल्दी लौटने का आश्वासन दिया, लेकिन इसके कुछ ही समय बाद उनकी मौत की सूचना परिवार को मिली।

ट्रैक पर पड़े थे दोनों के शव

दिनेश कुमार, जो दोनों भाइयों के पिता हैं और जिला रेडक्रॉस में कार्यरत हैं, ने बताया कि जब उन्हें यह बुरी खबर मिली, तो वे तुरंत राजनगर रेलवे ट्रैक पर पहुंचे। वहां पर उन्होंने अपने दोनों बेटों के शव देखे, जो दुखद स्थिति में ट्रैक पर पड़े थे।

दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना

जीआरपी (जीआरपी) द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आशीष रेलवे ट्रैक पर लघुशंका कर रहा था, जब अचानक ट्रेन आई। जब मनीष ने अपने छोटे भाई को बचाने की कोशिश की, तो दोनों भाई ट्रेन की चपेट में आ गए। जीआरपी थाना प्रभारी जोगेंद्र सिंह ने कहा कि यह एक दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होंने बताया कि जांच अभी जारी है और सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सही निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।

गहरे शोक में परिवार

राजनगर में यह घटना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। स्थानीय निवासी इस बात पर हैरान हैं कि ऐसा हादसा कैसे हुआ। सभी ने इस पर दुःख व्यक्त किया है। मनीष और आशीष के परिजन इस हादसे के कारण गहरे शोक में हैं, और पूरे इलाके में उनके लिए श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। यह घटना सुरक्षा मानकों की अनदेखी और रेलवे ट्रैक के पास लघुशंका करने की समस्या को भी उजागर करती है। स्थानीय लोगों ने इस पर चिंता जताई है कि ऐसे हादसे को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे ट्रैक के आसपास सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल एक व्यक्ति के जीवन का मामला है, बल्कि पूरे परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी हो सकती है। सभी नागरिकों से अपील की जाती है कि वे रेलवे ट्रैक के आस-पास सतर्क रहें और ऐसी किसी भी स्थिति में सावधानी बरतें।

परिवार और समुदाय के लोग अभी भी इस दुखद घटना के शोक में डूबे हुए हैं। मनीष और आशीष की याद में शोक सभाएं आयोजित की जा रही हैं, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उनके निधन ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे समाज को प्रभावित किया है।

इस प्रकार, राजनगर में भैया दूज का यह उत्सव एक गहरे दुख के साथ समाप्त हुआ, जो कई परिवारों के लिए एक दर्दनाक याद बन गया। सभी को यह समझना चाहिए कि जीवन की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, और इसे किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

 

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