Haryana News: हथिनीकुंड बैराज के गेट नंबर आठ के नीचे से हो रहा पानी का रिवास, 5 राज्यों को हो सकती है पानी की दिक्कत

नरेन्द्र सहारण, यमुनानगर : Haryana News: यमुना नदी पर बना हथिनीकुंड बैराज (Hathnikund Barrage) का रिवर बेड लगातार खिसकने से खतरा मंडराने लगा है। बैराज के गेट नंबर आठ में रिपेयर के दौरान के ग्लिचस (गेट के आगे बना ढलान ) के नीचे पानी का रिसाव देखा गया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने लीकेज की सूचना उच्च अधिकारियों को दी है। अंडर वाटर काम करने वाली मुंबई से स्पेशल इंजीनियरों की टीम ने पानी के अंदर जाकर लीकेज के सोर्स का पता लगाया। उस पर काम शुरू कर दिया, अभी तक लगभग 50 प्रतिशत से अधिक काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है।

गेट आठ आता हैं हरियाणा में

 

यमुनानगर से यमुना नदी करनाल, पानीपत, सोनीपत व दिल्ली पहुंचती है। 1999 में 163 करोड़ की लागत से हथिनीकुंड बैराज का निर्माण हुआ था। बैराज का बेड निर्माण के समय 325 मीटर पर था। अब 315 मीटर का रह गया है। इसके 18 गेट हैं। इसमें से तीन गेट उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर में और 15 हरियाणा के यमुनानगर में हैं। पहले ताजेवाला हैड हुआ करता था। वह प्रशासन की लापरवाही के कारण बाढ़ की चपेट में आकर बह गया था। बैराज से पानी को चैनल (नहर व नदी ) में डायवर्ट किया जाता है। इसमें डैम की तरह पानी स्टोर नहीं जा सकता। बैराज की नौ लाख 85 हजार क्यूसेक जल बहाव की क्षमता है।

चल रहा काम इसी दौरान पता चला रिसाव का

 

इन दिनों बैराज पर गेट की ग्लिचस की रिपेयर का काम चल रहा है। तीन करोड़ 59 लख रुपए की लागत से चल रहे रिपेयर काम के दौरान ही गेट नंबर आठ में सीपेज (जब तरल या गैस किसी कंटेनर या अवरोध में छोटे छिद्रों से धीरे-धीरे रिसाव) का पता चला था। उसके बाद अधिकारी हरकत में आए। बैराज को खतरा होने से हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली, यूपी व उत्तराखंड राज्य को दिक्कत आएगी।

बैराज से होता है यमुना का पानी डायवर्ट

 

यमुना नदी उत्तराखंड का यमुनोत्री से निकल रही है। वहां से हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब से होती हुई हरियाणा के जिला यमुनानगर की पहली पंचायत कलेसर से मैदानी क्षेत्र में प्रवेश कर जाती है। हिमाचल के बाद नदी उत्तर प्रदेश व हरियाणा की सीमा से बह रही है। पांवटा साहिब में सहायक नदी गिरी सहित अन्य पहाड़ों से निकलने वाली सहायक नदियां यमुना नदी में मिल जाती है। जिससे जलस्तर बढ़ जाता है। हथिनीकुंड बैराज पर पानी को रेगुलेट किया जाता है। यहां से दो नहरें निकलती हैं। उप्र की पूर्वी यमुना नहर ( सहारनपुर जिले की तरफ) और हरियाणा की पश्चिमी यमुना नहर और पूर्वी यमुना नहर की क्षमता चार हजार क्यूसेक है। हरियाणा की पश्चिमी यमुना नहर की क्षमता 17 हजार है। नहरों की क्षमता से अधिक बहाव होने पर पानी को यमुना नदी में डाइवर्ट कर देते हैं। मांग मुताबिक दिल्ली के लिए पानी की सप्लाई करनाल के मुनक हैड से होती है। सामान्य दिनों में यमुना नदी में मात्र 352 क्यूसेक ही पानी छोड़ा जाता है। यमुना नदी का बहाव 70 हजार क्यूसेक तक पहुंचने पर दोनों नहरों की सप्लाई बंद कर दी जाएगी। क्योंकि पानी के साथ आई सिल्ट, लक्कड़ व मिट्टी नहरों में न पहुंचे।

काम करते हुए पता चला सीपेज का

सिंचाई विभाग दादू पर डिवीजन के एक्सएन विजय गर्ग ने बताया बैराज के अपर स्ट्रीम में पानी का दबाव अधिक होने से गेट नंबर 8 मे सीपेज का पता चला था। जिस पर फिलहाल काम चल रहा है। जिसको अंडर वाटर विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम द्वारा रिपेयर किया जा रहा है।

 

CLICK TO VIEW WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

You may have missed