Haryana Politics: भाजपा उम्मीदवार ने गुरमीत राम रहीम को कहा- आभार पिताजी, हत्या के केस से बरी हुआ है डेरामुखी
नरेन्द्र सहारण, कुरुक्षेत्र। Haryana Politics: हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार नवीन जिंदल का एक वीडियो सामने आया है। यह वीडियो 25 मई को हरियाणा में वोटिंग वाले दिन का है। इसमें नवीन जिंदल डेरामुखी गुरमीत राम रहीम का आभार जता रहे हैं।
वीडियो में कही यह बात
वीडियो में नवीन जिंदल ने कहा कि ”धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा, सभी मेरे प्रेमी भाइयों और बहनों को मेरी राम-राम। मैं बहुत ही आभारी हूं, माननीय पिता जी (राम रहीम) का, जो उन्होंने अपना आशीर्वाद दिया और आप सभी बहनों-भाइयों का भी मैं आभारी हूं जो आपका इतना प्यार और आशीर्वाद मुझे मिला। धन्यवाद, धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा।”
राम रहीम को एक दिन पहले ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा मैनेजर रणजीत सिंह के हत्या केस में बरी किया है। फिलहाल डेरामुखी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
भाजपा को किया था समर्थन
डेरे के सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले डेरा सच्चा सौदा ने भाजपा को समर्थन किया था। डेरे ने गुपचुप तरीके से सभी प्रेमियों को यह मैसेज दिया था कि हरियाणा में भाजपा को समर्थन करना है। डेरे के आदेश पर डोर-टू-डोर जाकर डेरा प्रेमियों तक मैसेज पहुंचाया गया। भाजपा का भी दावा है कि डेरे के समर्थन से पार्टी उन सीटों पर मुकाबले में आ गई, जहां-जहां वह पिछड़ रही थी। कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार और अंबाला सीटों पर डेरे के समर्थन से परिणाम चौंकाने वाले आएंगे।
विधानसभा चुनाव में दिख सकता है असर
डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड के मामले में राम रहीम को हरियाणा एंड पंजाब हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। भाजपा का मानना है कि इसका असर कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में दिख सकता है। वहीं साध्वी यौन शोषण और छत्रपति हत्याकांड में सजा काट रहे डेरामुखी ने पैरोल को लेकर भी हाईकोर्ट में याचिका लगाई हुई है, जिस पर 31 जुलाई को सुनवाई है।
2014 में भाजपा का किया था समर्थन
राम रहीम ने साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को खुलकर समर्थन दिया था। उस दौरान भाजपा को 90 में से 47 सीट मिली थीं। इसके बाद 2017 में राम रहीम को सजा हो गई। इससे डेरा प्रेमी नाराज हो गए। 2019 में विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा को सिर्फ 40 सीट मिली।
सिरसा और फतेहाबाद प्रेमियों का गढ़ है। सिरसा में भाजपा को एक भी सीट नहीं आई, जबकि फतेहाबाद में 2 सीटें मिलीं। भाजपा सरकार बनाने के लिए बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। हालांकि, भाजपा ने उस दौरान जजपा से गठबंधन में सरकार बना ली थी।
ये फायदे देख रही भाजपा
- गुरमीत के जरिए भाजपा हरियाणा में लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें जीतना और हरियाणा विधानसभा में बहुमत पाना चाहती है।
- 2019 में हरियाणा में भाजपा ने सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार भी यही प्रदर्शन करने की कोशिश है। इससे जहां हरियाणा में भाजपा का दबदबा बढ़ेगा, वहीं केंद्र में भी हरियाणा भाजपा के संगठन और खासकर पूर्व CM मनोहर लाल का कद बढ़ेगा।
- सबसे अहम पहलू पंजाब है। वहां भाजपा इस बार अकेले चुनाव लड़ रही है। पंजाब में लोकसभा की 13 लोकसभा सीटें हैं। पहले BJP सिर्फ 3 सीटों पर लड़ती थी। पंजाब में डेरा प्रेमियों की अच्छी तादाद है। ऐसे में इनके जरिए भाजपा वहां अपना दमखम दिखा सकती है।
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